किसानों, दुध उत्पादकों, पशुपालकों, मछुवारों के लिए की गई घोषणाएं हैं ऐतिहासिक: पूनियां – राठौड़

किसान हितेषी मोदी सरकार ने इनकी आमदनी बढ़ाने के लिए फ़सल बेचने की अंतर राज्य बंदिश को ख़त्म कर दिया है. अब किसान अपनी फ़सल को कहीं भी बेच सकता है

पूनियां - राठौड़
पूनियां - राठौड़

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देश में कोरोना कहर के चलते ठप्प हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. पीएम मोदी द्वारा घोषित पैकेज को लेकर शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने विस्तार से जानकारी दी. केंद्र सरकार द्वारा बीते दिन घोषित किसानों, दुध उत्पादकों, मछुवारों और पशुपालकों के लिए की गई घोषणाओं को राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने ऐतिहासिक बताया वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से उठाया गया एक बड़ा कदम बताया.

राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि वित्त मंत्री की घोषणा के अनुसार भारत सरकार एक लाख करोड़ रुपए का कृषि आधारभूत ढांचा बनाने की योजना लेकर आई है. इससे किसानों की आय बढ़ेगी, भारत ना केवल अपनी मांग को पूरा कर पाएगा बल्कि आने वाले समय में इससे निर्यात के लिए भी मदद मिलेगी. वित्त मंत्री ने देश को बताया की केवल लॉक़डाउन की अवधी में एमएसपी पर किसानों की 74 हज़ार 300 करोड़ की फ़सल की ख़रीद हुई है. इसी अवधी में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में किसानों के खाते में 18 हज़ार 700 करोड़ रुपए ट्रांसफ़र किए गए है इसके साथ ही पीएम फ़सल बीमा योजना में 6 हज़ार 400 करोड़ रुपए दिए गए है.

सतीश पूनियां बताया कि किसान हितेषी मोदी सरकार ने इनकी आमदनी बढ़ाने के लिए फ़सल बेचने की अंतर राज्य बंदिश को ख़त्म कर दिया है. अब किसान अपनी फ़सल को कहीं भी बेच सकता है, जिससे उनको बेहतर क़ीमत मिलेगी. इसके साथ ही किसानों की फ़सल के दाम तय करने व जोखिम रहित खेती के लिए एक क़ानूनी ढांचा बनाया जाएगा जिससे किसान का उत्पीड़न नहीं हो. किसान हित में 1955 में बने आवश्यक वस्तुओं के क़ानून में बदलाव किया जाएगा, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन कर इसमें तिलहन, दलहन आलू आदी प्रॉडक्ट्स को डि-रेग्युलेट किया जाएगा, जिससे किसानों को लाभ मिल सके.

सतीश पूनियां ने कहा कि देश के करोड़ों पशुपालकों के लिए वित्त मंत्री ने 15 हज़ार करोड़ का विकास फ़ंड बनाया है, ताकि दुध उत्पादन प्रोसेसिंग के लिए इंडस्ट्री लग सके. 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण के लिए भारत सरकार 13 हज़ार 343 रुपए खर्च करेगी. पशु रोग मुक्त होंगे, जिससे दुध उत्पादन बढ़ेगा. मछुवारों के विकास के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की घोषणा की गई है, जिसमें 20 हज़ार करोड़ रुपए खर्च होंगे.

वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा की अनाज भण्डारण, कोल्ड चेन व कृषि आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1.5 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान कर किसान की आमदनी को दुगुना करने के लक्ष्य की ओर बढाया गया एक मजबूत कदम है. राजस्थान में प्रतिवर्ष मुंहपका, खुरपका बीमारी के कारण हजारों पशु काल-कल्वित होते है जिसके बचाव के लिए वित्त मंत्री द्वारा घोषित 1.5 करोड़ गायों और भैंसों के टीकाकरण की योजना के लिए 13 हजार 343 करोड़ रूपये की घोषणा से पशुपालकों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 15 हजार करोड़ रूपये की योजना डेयरी फेडरेशन को 2 फीसदी ब्याज दर में रियायत देकर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के निर्णय ने पशुपालकों को संजीवनी देने का कार्य किया है.

राजेंद्र राठौड़ ने किसानों की आमदनी को बढ़ाये जाने के लिए 10 लाख हेक्टर में हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ खर्च किये जाने के साथ 2 लाख मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी पालन के 500 करोड़, टमाटर, आलू और प्याज सहित सभी फल और सब्जियां जो शीघ्र नष्ट हो जाती है उसके लिए 50 फीसदी मालभाडे और 50 फीसदी कोल्ड स्टोरेज के लिए टाॅप टू टोटल योजना के माध्यम से 500 करोड़ रूपये के प्रावधान को केंद्र सरकार द्वारा किया गया अभूतपूर्व कार्य बताया.

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उपनेता प्रतीपक्ष ने आगे कहा कि किसानों को अपने उत्पाद की सही कीमत मिल सके और उनकी आय में वृद्धि हो इसके लिए प्रतिस्पर्धा और निवेष बढाने के लिए आवष्यक वस्तु अधिनियम 1955 में बदलाव किया गया है. केन्द्रीय कानून के तहत किसान अपना उत्पाद किसी भी राज्य में ले जाकर बेचने की छूट दिये जाने से गरीब किसान, पशुपालक, मतस्य पालक मुख्यधारा में शामिल हो सकेगा.

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