Politalks.News/Rajasthan. भारतीय ट्राइबल पार्टी में भारी टूट हुई है. भाजपा से निष्कासित डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक देवेंद्र कटारा के भारतीय ट्राइबल पार्टी में शामिल होने और उनके एक बयान पर बीटीपी में विरोध बढ़ गया है. इसके चलते बीटीपी के एक ब्लॉक अध्यक्ष और पंचायतीराज के 5 जनप्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी किया है और बीटीपी से अपना नाता तोड़ लिया है. जिससे आदिवासी जिले के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है.
बीजेपी से आए कटारा का बनाया गया था प्रदेश प्रवक्ता
भारतीय ट्राइबल पार्टी की ओर से डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और भाजपा से निष्कासित देवेन्द्र कटारा को बीटीपी का प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया था. सूत्रों की माने तो देवेंद्र कटारा को डूंगरपुर के स्थानीय बीटीपी नेताओं की बिना रायशुमारी के पार्टी में शामिल किया गया. जिसके बाद से ही डूंगरपुर के स्थानीय बीटीपी के नेताओं में जबरदस्त नाराजगी थी.
वीडियो जारी कर 6 नेताओं ने तोड़ा नाता
इसके बाद हाल ही में बीटीपी में शामिल हुए पूर्व विधायक देवेन्द्र कटारा ने अपने एक बयान में कहा कि, ‘भारतीय ट्राइबल पार्टी सामाजिक जन जागरण का आधार रहे आदिवासी परिवार का हिस्सा नहीं है. जिससे भी बीटीपी के नेताओं में नाराजगी थी. पूर्व विधायक बीटीपी में शामिल करने साथ उनके बयानों पर नाराजगी के चलते जिला परिषद सदस्य माया कलासुआ, पार्वती डोडा, सागवाडा पंचायत समिति सदस्य योगेश खांट, गलियाकोट पंचायत समिति सदस्य संजय डामोर, सीमलवाड़ा पंचायत समिति सदस्य मुकेश डामोर और बिछीवाडा ब्लॉक के अध्यक्ष धुलेश्वर वरहात ने सोशल मीडिया पर अपने अलग-अलग वीडियो जारी करते हुए बीटीपी से अपना नाता तोड़ लिया है.
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‘देवेन्द्र कटारा की गलत तरीके से एंट्री’
नाराज नेताओं की ओर से जारी वीडियो में पूर्व विधायक देवेन्द्र कटारा को गलत तरीके से पार्टी में शामिल करने और उनके दिए गए बयान को लेकर नेताओं में नाराजगी है. सभी ने कहा कि, ‘वे बता देना चाहते हैं कि वे आदिवासी परिवार की देन है, ना की भारतीय ट्राइबल पार्टी की’. उन्होंने कहा कि, ‘वे राजनैतिक उद्देश्य से इकट्ठा नहीं हुए है बल्कि सामाजिक अस्मिता कायम रखने के लिए जनजागरण कर रहे हैं’. पार्टी से नाता तोड़ने वाले नेताओं का कहना है कि हम भारतीय ट्राइबल पार्टी को निश्चित शर्तों पर मतलब लीज पर लाये थे लेकिन वर्तमान में बीटीपी आदिवासी समाज पर अपना नियंत्रण जमाना चाहती है, जो उन्हें स्वीकार नहीं है. जिसके चलते वे पार्टी से अपना संबंध तोड़ रहे हैं.
‘कांग्रेस और भाजपा का विरोध हमेशा जारी रहेगा’- गोगरा
इधर भारतीय ट्राइबल पार्टी में हुई इस हलचल पर प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वेलाराम गोगरा का कोई बयान नहीं आया है. लेकिन उन्होंने कहा कि- ‘उनकी पार्टी ने कांग्रेस विचारधारा को कभी समर्थन नहीं किया. पांचवी अनुसूची के मुद्दों को लेकर प्रदेश की डूबती हुई कांग्रेस सरकार को बीटीपी ने केवल सहारा दिया था. लेकिन, आगे से ऐसा कभी नहीं होगा. कांग्रेस और भाजपा का विरोध हमेशा जारी रहेगा. कांग्रेस-भाजपा दोनों ही राजनीतिक दल ऊपर से टिकट थोपते हैं’.
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‘रोत और राम नहीं छोड़ेंगे पार्टी का साथ’
डॉ. गोगरा ने इस बात का खंडन किया कि पार्टी से डूंगरपुर के चौरासी विधायक राजकुमार रोत और सागवाड़ा विधायक राम प्रकाश भविष्य में किसी दूसरे राजनीतिक दल का दामन थामेंगे. गोगरा ने कहा कि, ‘पार्टी उन्हें सम्मानजनक और ऊंचे पद पर बिठाएगी. ऐसा बिल्कुल नहीं होगा. उन्होंने कहा कि, ‘राजकुमार रोत तो पार्टी खड़ा करने वाले लोगों में शामिल हैं. उनसे उन्हें ऐसा करने की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं है’.