देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी के दिग्गज़ नेता और मार्गदर्शक लाल कृष्ण आडवाणी की परम्परागत सीट गांधीनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा था. यहां उन्होंने कांग्रेस के सी.जे. चावड़ा को बड़े अंतर से मात देकर न केवल अपना राजनीतिक कद दिखाया. बल्कि पिछली सरकार में गृहमंत्री रहे राजनाथ सिंह से उनकी गद्दी छीन अपने आपको पार्टी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद नंबर दो पर लाकर खड़ा कर दिया.
पिछली सरकार में यह स्थान राजनाथ सिंह के पास था. इस बार जिस तरह राजनाथ सिंह को 8 कैबिनेट समितियों में से केवल दो में शामिल किया गया, उससे साफ है कि अब पार्टी राजनाथ सिंह को नंबर दो पर रखने के बिलकुल मूड में नहीं है. हालांकि बाद में संघ के दखल के बाद उन्हें 6 कमेटियों में जगह मिल गई थी.
इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान जब पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने संसदीय क्षेत्र गांधीनगर में अपनी ताकत का शक्ति प्रदर्शन किया था, तभी पार्टी से जुड़े सभी नेताओं को उनके नंबर दो होने का अहसास हो गया था. यहां तक की उनके नामांकन में तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रामविलास पासवान, अरुण जेटली और महाराष्ट्र में अपना चुनाव प्रचार छोड़कर नितिन गडकरी भी वहां पहुंचे थे. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी उनकी तारीफ करते देखे गए.
गृहमंत्री बनने के बाद कार्यभार को देखते हुए अमित शाह पार्टी अध्यक्ष पद से छुटकारा पाना चाह रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी इस बात में मौन स्वीकृति है. तय माना जा रहा है कि जनवरी में नए पार्टी चीफ का चयन किया जाएगा. जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बना इसकी शुरूआत भी हो चुकी है. जैसी की उम्मीद है, नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के तौर पर यह अंतिम कार्यकाल होगा. ऐसे में माना यही जा रहा है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव-2024 में अमित शाह को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करने की रणनीति पर अभी से काम कर रही है.
हालांकि इस रणनीति में संघ की स्वीकृति अभी शेष है. सूत्रों की माने तो संघ की चाहत है कि अगला बीजेपी नेतृत्वकर्ता या तो उत्तरप्रदेश से हो या फिर मध्यप्रदेश से. इसके लिए विकल्प के तौर पर दो नेताओं को ढूंढ भी लिया है. पहला नाम है मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जिन्हें संघ की तरफ से भोपाल प्रेम त्यागने के लिए कहा जा चुका है. उसके बाद से शिवराज सिंह ने दिल्ली में अपनी सक्रियता बढ़ाई भी है. शिवराज सिंह बीजेपी के सर्वशक्तिशाली संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं. ऐसे में उनकी पीएम पद के लिए उम्मीदवारी कमतर नहीं मानी जा सकती.
दूसरे नंबर पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम आता है जिन्हें कट्टर हिंदू समर्थक नेता माना जाता है. हिंदी भाषी राज्यों में उनकी लोकप्रियता मोदी और शाह से कमतर नहीं है. लेकिन योगी मोदी-शाह के पक्के भक्त हैं और किसी भी सूरत में अमित शाह के नेतृत्व को नकार नहीं पाएंगे. वहीं शिवराज सिंह का ओहदा अभी पार्टी में उतना ऊंचा नहीं हुआ है जो अमित शाह को टक्कर दे सकें. ऐसे में माना यही जा रहा है कि 2024 का लोकसभा चुनाव अमित शाह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा और उनके कद के आगे राजनाथ सिंह भी अपनी आवाज तेज नहीं कर पाएंगे.