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लोकसभा चुनाव में काबिले-तारीफ जीत के बाद आज पहली बार भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे. यह बैठक संसद भवन की लाइब्रेरी के जीएमसी बालायोगी सभागृह में रखी गई थी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के लोकसभा और राज्यसभा के सभी 380 सांसदों को संबोधित करेंगे और सांसदों के लिए आगे का एजेंडा तय किया. साथ ही बीजेपी के सदस्यता अभियान पर भी जोर दिया.

बैठक में मौजूद सभी सांसदों को शालिनता का संदेश देते हुए पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश के इंदौर में हुई घटना पर नाराजगी जताई. बीजेपी इंदौर के विधायक आकाश विजयवर्गीय का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि किसी का भी बेटा हो लेकिन उसकी ये हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिन लोगों ने स्वागत किया है, उन्हें पार्टी में रहना का हक नहीं है. बाकी सभी को पार्टी से निकाल देना चाहिए. इस दौरान पीएम मोदी ने ट्रिपल तलाक बिल पास करने के वक्त लोकसभा में सांसदों की कम उपस्थिति पर भी नाराजगी जताई.

हालांकि इस बैठक में पार्टी के कुछ ऐसे दिग्गज़ नदारद दिखे जो दशकों से इस बैठक में दिखते आ रहे थे. लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज जैसे कई नेता इस लिस्ट में शामिल हैं जो आज की संसदीय दल की बैठक में मौजूद नहीं रहे. दरअसल, बीजेपी के ये तीनों दिग्गज संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है. इसी के चलते संसदीय दल की बैठक में शामिल नहीं हुए.

आडवाणी, जोशी और सुषमा स्वराज ने इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा. लालकृष्ण आडवाणी की गांधीनगर सीट से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव लड़ा था जो वर्तमान में केंद्रीय गृहमंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. खराब स्वास्थ्य के चलते सुषमा स्वराज ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. मुरली मनोहर जोशी को मान मनुहार कर शांत बिठाया गया था.

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