नवी मुंबई से अमरावती तक लोकल बॉडी इलेक्शन की गहमागहमी महाराष्ट्र का सियासी तापमान लगातार बढ़ा रही है. इस दौरान लाडकी बहिन योजना सबसे ज्यादा चर्चा में है, जो सियासी क्रेडिट वॉर में फंस गयी है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे-दोनों ही अपने-अपने तरीके से इस योजना का श्रेय लेने में जुटे हैं. चूंकि निकाय चुनाव में महायुति की सहयोगी पार्टियां कई जगहों पर दूसरे के खिलाफ भी चुनावी जंग लड़ रही है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर लाडकी बहन, यानी महाराष्ट्र की महिलाएं, इस बार किस पर भरोसा करेंगी?
राज्य के दो बड़े नेता और आपसी सहयोगी मुख्यमंत्री फडणवीस और डिप्टी मुख्यमंत्री शिंदे मंच से बार-बार कह रहे हैं कि महिला सशक्तिकरण की ये योजना उनकी ही पहल थी. इसी से बयानबाजी शुरू हो गई है और सीएम एवं डिप्टी सीएम के बीच योजना को लेकर क्रेडिट देने की होड़ मची है.
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दरअसल एक चुनावी सभा में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने जनता के बीच कहा, ‘लाडकी बहिन योजना मेरे मुख्यमंत्री रहते शुरू हुई थी. मैं मुख्यमंत्री था और दोनों उपमुख्यमंत्री थे, हमने इसे टीम के रूप में लॉन्च किया था. मुझे पता है इस योजना को कितनी बाधाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन हमने इसे जारी रखने का फैसला किया. कोई कितना भी कहे, लाडकी बहिन योजना बंद नहीं होगी. बहनें सही फैसला लेंगी. शिंदे का दावा साफ है- शुरुआत मेरी थी, निर्णय हमारा था’.
वहीं अगले ही दिन अमरावती के धरनी में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘जब तक आपका देवा भाऊ मुख्यमंत्री है. कोई भी लाडली बहिन के पैसे रोक नहीं सकता. हमने जो वादा किया था, पूरी निष्ठा से निभाया है. योजना जारी है और जारी रहेगी.’ मंच अलग, लेकिन संदेश एक ही है, लाडकी बहिन योजना हमारी है. हमारा योगदान ज्यादा है, लेकिन इस क्रेडिट वॉर पर विपक्ष ने भी टिप्पणी करने का मौका नहीं छोड़ा.
विपक्ष ने ली चुटकी
महायुति के दो बड़े नेताओं के बीच बयानबाजी को लेकर विपक्ष भी टीका टिप्पणी करने लगा है. इस बारे में शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘शिंदे और फडणवीस के बीच जो क्रेडिट वॉर चल रहा है, हमारी बहनें सब देख रही हैं. ये योजना सिर्फ उद्धव ठाकरे ही आगे ले जा सकते हैं और बहनें इसी बार उन्हीं का साथ देंगी’. वहीं शिंदे गुट का कहना है कि इस योजना का फैसला किसी एक का नहीं था, बल्कि सभी की सहमति से लिया गया था.
अब असली सवाल है कि क्या सियासी जंग के इस माहौल में लाडकी बहिन किस नेता पर विश्वास करेगी? यह फैसला कुछ दिनों में बैलेट बॉक्स ही बता पाएगा.



























