नेशनल हेराल्ड मामले में ED की दिल्ली पुलिस में एफआईआर पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुस्सा निकाला है. उन्होंने पीएम मोदी की केंद्र सरकार पर द्वेष पूर्ण कार्रवाई करने और गांधी परिवार को बदलाम करने का आरोप लगाए. पूर्व सीएम ने ये भी कहा कि गांधी परिवार की लोकप्रियता से भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस को हमेशा डर रहा है, इसलिए राजनीतिक द्वेष से चलते ये कार्रवाई की जा रही है. एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए गहलोत ने अपना दर्द साझा किया है.
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल हैंडल पर दिखा, ‘गांधी परिवार की पूरी देश-दुनिया में क्रेडिबिलिटी है. 35 साल से किसी सरकारी पद पर न होने के बावजूद सभी कांग्रेसजनों का विश्वास गांधी परिवार में है. जिस परिवार ने आजादी की लड़ाई में आनंद भवन, स्वराज भवन दान कर दिए, नेहरू जी 10 साल जेलों में रहे, इन्दिरा जी और राजीव जी ने शहादत दे दी, उस परिवार की लोकप्रियता से भाजपा-RSS में हमेशा डर रहा है.’
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पंडित नेहरू द्वारा 1938 में शुरू किया गया नेशनल हेराल्ड अखबार 2008 में बन्द हो गया. कांग्रेस पार्टी के प्रयासों से 2016 में इस अखबार को पुन: शुरू किया गया. इस पर आरोप लगाकर भाजपा लगातार गांधी परिवार को बदनाम करने का प्रयास कर रही है. श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी को बदनाम करने के लिए उनसे कई-कई दिन तक पूछताछ की गई.
नेशनल हेराल्ड केस में ED द्वारा दिल्ली पुलिस में दर्ज करवाई गई FIR मोदी सरकार द्वारा एजेंसियों के दुरुपयोग का एक और नायाब उदाहरण है. अप्रेल में चार्जशीट दाखिल करने के 6 महीने बाद ED ने दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज करवाई है क्योंकि भाजपा सरकार को महसूस हो गया कि ED की चार्जशीट कमजोर है.
चाहे आयकर विभाग हो, ईडी हो या दिल्ली पुलिस, गांधी परिवार और कांग्रेस को केवल राजनीतिक द्वेष से लगातार की जा रही इन कार्रवाइयों से कोई फर्क नहीं पड़ता. लोकतंत्र की मजबूती के लिए श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी पूरी मजबूती के साथ लड़ते रहेंगे.’
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला
नेशनल हेराल्ड 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के अखबार का नाम था. 2008 से 2010 के बीच घाटे में चल रहा अखबार बंद हुआ, कांग्रेस ने आर्थिक मदद की थी. 2012 में यह मामला तब चर्चा में आया जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल कर गंभीर आरोप लगाए. आरोप थे कि नेशनल हेराल्ड अखबार को अवैध तरीके से कांग्रेस ने यंग इंडियन कंपनी बनाकर हड़पा है. 2014 में इस मामले में सोनिया-राहुल समेत 6 लोगों को कोर्ट ने समन जारी किया था. 2020 तक केस अलग-अलग अदालतों में चलता रहा. 2022 में इस केस में ईडी ने जांच शुरू की. सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी लंबी पूछताछ हुई.
अगले दो साल में ईडी ने जांच कर रही संपतियों को जब्त करने का काम शुरू किया. नवंबर 2023 में ईडी ने AJL के शेयर कुर्क किए. अप्रैल 2025 में AJL की 661 करोड़ की अचल संपत्तियों को खाली करने की मांग करते हुए इनपर कब्जा लेने का नोटिस जारी किया गया था. इस केस में प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्रा.लि.को आरोपी बनाया है. अब सभी की नजरें 16 दिसंबर को आने वाले कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं.



























