बिहार विस चुनाव परिणाम और कर्नाटक में सियासी गतिरोध के बाद अब गुजरात से भी कांग्रेस के लिए बुरी खबर आ रही है. पार्टी के सबसे भरोसेमंद दिवंगत नेता अहमद पटेल के बेटे ने न केवल भारतीय जनता पार्टी एवं पीएम मोदी की गाथाओं का महिमामंडन किया है, बल्कि बगावत का बिगुल भी फूंका है. सियासी जानकारों द्वारा दावा भी किया जा रहा है कि वे कांग्रेस से अलग हटकर नई पार्टी बनाने की भी तैयारी कर रहे है. उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ‘लॉस्ट गांधीज़’ भी करार दिया.
स्व.अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल ने खुलकर बगावत करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कांग्रेस नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. फैसल ने आरोप लगाया कि उनका नेतृत्व पार्टी को लगातार कमजोर कर रहा है. फैसल का कहना है कि कांग्रेस का नेतृत्व अब उन नेताओं को सौंपा जाना चाहिए जो ‘योग्यता में 25 गुना बेहतर’ हैं, जैसे शशि थरूर और अन्य अनुभवी चेहरे, जो संगठन को जीवित रखने की क्षमता रखते हैं.
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इसी बीच सोशल मीडिया पर फैसल की एक पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी. इसमें उन्होंने दावा किया कि वे कांग्रेस से अलग होकर ‘कांग्रेस (AP)’ नाम से एक नई पार्टी बनाने की सोच रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने इशारा किया कि उनकी बहन मुमताज़ भी उनके साथ आ सकती हैं.
पहली बार नहीं साधा कांग्रेस पर निशाना
ऐसा पहली बार नहीं है जब फैसल ने कांग्रेस की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाया हो. हाल के महीनों में उन्होंने कई बार कांग्रेस नेतृत्व पर तीखे आरोप लगाए हैं. उन्होंने एक साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि ‘आउट-ऑफ-कंट्रोल सलाहकारों’ के दबदबे वाला ‘ग्रुप कल्चर’ पार्टी को नुकसान पहुंचा रहा है. ये सलाहकार राहुल गांधी को इस तरह से प्रभावित करने में कामयाब रहे हैं जिससे अनुभवी और अच्छे इरादे वाले वफादार लोग उनसे दूर हो गए हैं.’ बीजेपी नेताओं की तारीफ करते हुए फैसल ने कहा कि मोदी जी, शाह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. डॉ. जयशंकर भी बहुत अच्छे हैं. देश सुरक्षित हाथों में है.
कांग्रेस के लिए बेहद असहज स्थिति
अहमद पटेल कांग्रेस और सोनिया गांधी के सबसे नजदीकी रणनीतिकार एवं सलाहकारों में से एक रहे हैं. उन्हें कांग्रेस का ‘थिंक टैंक’ कहा जाता है. पिछले साल उनका निधन हो गया और कांग्रेस ने एक बड़ा नेता खो दिया. उनके सुपुत्र की उठी यह बगावती आवाज़ कांग्रेस के लिए बेहद असहज स्थिति पैदा कर रही है. वो भी ऐसे वक्त में, जब कांग्रेस बिहार में महज 6 सीटों तक सिमट गई है और कर्नाटक में आंतरिक घमासान फिर सतह पर आ गया है. बिहार में पराजय और कर्नाटक में कलह के बाद अब अहमद पटेल के बेटे की यह हुंकार पार्टी के लिए एक और बड़ा संकेत है कि संकटग्रस्त पार्टी के भीतर असंतोष किस स्तर तक पहुंच चुका है और वक्त रहते इस असंतोष को संभाला गया तो आने वाले दिनों में संकट गहरा सकता है.



























