पॉलिटॉक्स ब्यूरो. नागरिकता संशोधन कानून पर गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी सरकार बाहर से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए अडिग है. तीनों देशों से आए शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी, वे भारत के नागरिक बनेंगे और सम्मान के साथ दुनिया में रहेंगे. विपक्ष को जो राजनीतिक विरोध करना है, वो करें. (Amit Shah on CAA) दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान विधेयक में नहीं है. वहीं नागरिकता कानून के विरोध में बसपा सुप्रीमो मायावती की अगुवाई में बसपा संसदीय दल ने महामहीम रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर कानून में कुछ बदलाव करने की अपील की.
इससे पहले मंगलवार को विपक्षी राजनीतिक पार्टियों का एक प्रतिनिधि मंडल सीएए के विरोध में राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात करने पहुंचे और विधेयक में कुछ बदलाव करने का आग्रह किया. कानून के विरोध में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही लगी हुई है. राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों और दिल्ली में हालात तनावपूर्ण हैं. हमने राष्ट्रपति से मामले में दखल देने को कहा है.
दूसरी ओर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखे अंदाज में कहा है कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी और सीएए दोनों में से कोई भी कानून लागू नहीं होगा. ममता ने सड़क मार्च निकाल और एक सरकारी विज्ञापन इस संबंध में देकर ममता ने अपने तेवर साफ कर दिए. इस बार अमित शाह ने कहा कि (Amit Shah on CAA) किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को नागरिकता संशोधन कानून के लिए मना करने का कोई अधिकार नहीं है. जब संसद ने कानून बना दिया तो यह पूरे देश में लागू होगा. उन्होंने कहा कि नागरिकता केंद्र की सूची में है. जब इसे संसद के दोनों सदनों ने पास कर दिया है तो यह पूरे देश में लागू हो गया है. किसी भी राज्य को मना करने का अधिकार नहीं है. कानून बन चुका है और यह पूरे देश के लिए लागू भी हो गया है. शाह ने कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर बरसते हुए कहा पूरा विपक्ष एकजुट होकर नागरिकता संशोधन कानून पर अफवाह फैला रहा है.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार ने पांच साल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान समेत दूसरे देश से आए 600 प्रताड़ित मुसलमानों को नागरिकता दी है. दुनिया के किसी भी देश में हिंदू निकाला जाएगा तो कहां जाएगा, यहीं आएगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि 1971 में इंदिरा गांधी ने सामूहिक नागरिकता दी थी. (Amit Shah on CAA)
गृह मंत्री शाह ने एनआरसी पर चल रहे विवादों पर भी अपनी राय रखी. (Amit Shah on CAA) अमित शाह ने कहा कि एनआरसी में धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी और न ही ये केवल मुस्लिमों के लिए है. जो कोई भी एनआरसी के तहत इस देश का नागरिक नहीं पाया जाएगा, सबको निकालकर देश से बाहर किया जाएगा. शाह ने कहा कि एनआरसी का आइडिया कांग्रेस का है. क्या कांग्रेस इस कानून को शोकेस में रखने के लिए लेकर आई थी. अमित शाह ने कहा कि राजीव गांधी के समय में ही असम समझौता किया था.
अमित शाह ने ये भी कहा कि 70 साल पहले अगर धर्म के आधार पर देश का बंटवारा नहीं होता तो इस बिल की नौबत ही नहीं आती. देश का बंटवारा धर्म के आधार पर नहीं होना चाहिए था मगर कांग्रेस ने बंटवारे की डिमांड पर सरेंडर किया और इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ. शाह ने स्टूडेंट्स के विरोध पर कहा कि अभी तक इस कानून को विरोध कर रहे बच्चों ने उस कानून को ठीक से पढ़ा नहीं है. पहले वे इसे ढंग से पढ़ लें, उनकी शंकाए दूर हो जाएंगी.
जामिया में हुई हिंसा पर गृहमंत्री ने कहा कि जब हिंसा फैलाई जा रही हो, तो उसे रोकना पुलिस का फर्ज भी है और धर्म भी. गृहमंत्री ने कहा कि यदि पुलिस हिंसा रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाती, तो हमारी नजर में वह अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं कर रही है. जामिया मिलिया के अंदर से पथराव होता है, लोग बाहर से आते हैं और तोड़-फोड़ करते हैं. दंगाई दंगा करते रहें और पुलिस मूकदर्शक बनी रहे, यह कैसे हो सकता है. अमित शाह ने दिल्ली पुलिस के इस कदम को सही बताया.