Politalks.News/Himachal. क्या भाजपा का परिवर्तन रथ गुजरात के बाद हिमाचल की ओर मुड गया है. इस बात की चर्चा दिल्ली से लेकर शिमला तक जारी है. दरअसल हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हाईकमान ने दिल्ली बुलाया है. उनके साथ प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है. जिससे हिमाचल के राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं, क्योंकि रविवार को ही मुख्यमंत्री दिल्ली से लौटे थे. वहीं कुछ दिन पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद हिमाचल में भी चर्चाओं का बाजार गर्म है.
हालांकि सूचना यह भी है कि दिल्ली में भाजपा हाईकमान के साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा पदाधिकारियों की मंगलवार शाम बैठक होनी है. इसमें प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, संजय टंडन, संगठन मंत्री पवन राणा और हिमाचल भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप मौजूद रहेंगे. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में प्रदेश के राजनीतिक हालात और आने वाले उपचुनाव को लेकर चर्चा होगी. हिमाचल में दीवाली के बाद चार उप चुनाव हैं. इसमें फतेहपुर, अर्की, जुब्बल-कोटखाई में विधानसभा का चुनाव और मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद का चुनाव होना है. यह उपचुनाव जीतना भी सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है.
पार्टी की बैठक में लूंगा भाग, जल्दी में हैं विक्रमादित्य सब्र रखें- ठाकुर
अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि, ‘मैं दिल्ली में हूं, पार्टी की बैठक के लिए दिल्ली आए हैं अच्छी बात है कि लोग खबर रखते हैं कि मैं कब और कितनी बार आ रहा हूं’. कांग्रेस नेता विक्रमादित्य पर निशाना साधते हुए जयराम ने कहा कि, ‘विक्रमादित्य सिंह बहुत जल्दी में हैं. अभी उनका परिवार शोक के दौर से गुजर रहा है. उन्हें राजनीतिक दृष्टि से क्या बोलना चाहिए, इस बारे में संयम और सब्र रखना चाहिए. भाजपा का निर्णय पार्टी का नेतृत्व करेगा, विक्रमादित्य सिंह नहीं?
हिमाचल में भी रातों-रात बदला जा सकता है सीएम- विक्रमादित्य
देशभर में भाजपा में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस नेताओं को भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को घेरने का मौका मिल गया है. वह यहां तक कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री को दिल्ली बुलाए जाने का कारण उन्हें हटाया जाना है. कुल्लू के ढालपुर मैदान में जन आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य ने कहा कि, ‘कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, राज्यों की तरह हिमाचल में भी भाजपा रातों-रात मुख्यमंत्री को बदल सकती है‘
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‘आशीर्वाद रैली थी CM को कमजोर दिखाने की योजना’
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि, ‘जिस तरह से प्रदेश में पिछले दिनों आशीर्वाद रैली निकाली गई, उससे संकेत मिला है कि CM को बदला जा सकता है. आशीर्वाद रैली CM को कमजोर दिखाने की योजना थी. ऐसे में प्रदेश में भी नया CM बनने के आसार नजर आ रहे हैं. नाकामी का सारा ठीकरा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सिर फोड़ा जा रहा है’.
कांग्रेस ने कहा-सीएम कुर्सी बचाएं
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि, ‘पांच नहीं छह मुख्यमंत्री बदलने हैं. इसलिए जयराम ठाकुर अपनी कुर्सी बचा लें’. उन्होंने कहा कि, ‘बीजेपी को लेकर लोगों में भारी गुस्सा है. कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा में जिस तरह बीजेपी रैली नहीं कर सकती, उसी तरह बागवानों के खिलाफ मंत्री द्वारा दिए गए बयान के बाद बीजेपी अब शिमला में भी रैली नहीं कर सकती है’.
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जेपी नड्डा की साख है दांव पर
भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और संगठन के पदाधिकारियों को दिल्ली बुलाकर प्रदेश की राजनीति का फीडबैक लेना है. 2022 में हिमाचल में विधानसभा चुनाव है और भाजपा मिशन रिपीट पर काम कर रही है. इस चुनाव में जगत प्रकाश नड्डा की साख दांव पर है, क्योंकि वह खुद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और हिमाचल उनका गृह राज्य है. ऐसे में राज्य में पार्टी की हार और जीत से सीधे तौर पर उनकी प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है. पिछली बार जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दिल्ली गए थे तो वहां भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. ऐसे में अब उन्हें एकाएक ही दिल्ली बुलाया गया है.
6 महीने में 5 सीएम बदल चुकी है भाजपा
आपको बता दें कि गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी पिछले छह महीने में हटाए जाने वाले बीजेपी के 5 वें मुख्यमंत्री बन गए हैं. पहले असम में चुनाव नतीजों के साथ ही नेतृत्व परिवर्तन हुआ. असम में सर्बानंद सोनोवाल की जगह हेमंत बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री बनाए गए हैं. इसके बाद फिर उत्तराखंड में दो सीएम बदले गए, पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को सत्ता की कमान सौंपी गई और तीन महीने के बाद उनकी जगह पुष्कर धामी को सीएम बनाया गया है. कर्नाटक में येद्दियुरप्पा को हटाकर बसवराज बोम्मई को सत्ता दी गई है.