केंद्र की अग्निपथ योजना से अग्निवीर हुए आक्रोशित! देश के कई राज्यों में सरकार के खिलाफ हुआ प्रदर्शन

केंद्र की अग्निपथ योजना पर विपक्ष ने उठाए सवाल तो युवाओं ने कराया अपना विरोध दर्ज, बिहार के बक्सर और मुज्जफरनगर में किया जोरदार प्रदर्शन, रोका रेल मार्ग, राजस्थान में भी युवाओं ने जयपुर दिल्ली हाइवे किया जाम, बोले युवा- केंद्र की ये योजना युवाओं की मेहनत पर नमक पर छिड़कने जैसा

अग्निवीर का अग्निपथ!
अग्निवीर का अग्निपथ!

Politalks.News/AgneepathScheme. केंद्र सरकार जहां लंबे अंतराल से लंबित पड़ी सेना भर्ती की एवज में अग्‍न‍िपथ योजना को लाकर अपनी पीठ ठाठपा रही है तो वहीं देश के युवा इस योजना पर सवाल उठाने लगे हैं. अग्निपथ योजना के तहत देश के युवा 4 साल तक देश की सेवा कर सकेंगे और इसके बाद उन्हें उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर नौकरी मिल सकेगी. लेकिन सरकार की इस योजना ने देश भर के कई हिस्सों में आग लगा दी है. क्या राजस्थान क्या बिहार कई जगह देश के युवा बुधवार को सड़कों पर आ गए और जमकर आगजनी की और रेल ट्रैक भी रोका. मुजफ्फर नगर और बक्सर में केंद्र सरकार की नई योजना ‘अग्‍न‍िपथ स्कीम’ को लेकर प्रदर्शन हो रहा है. तो वहीं राजस्थान के अजमेर में दिल्ली-अजमेर हाईवे जाम कर दिया. सरकार की इस योजना के खिलाफ विपक्ष के साथ साथ कई एक्सपर्ट भी सवाल उठा चुके हैं.

भारतीय सेना की तीनों शाखाओं में सैनिकों की भर्ती के लिए नई स्कीम लॉन्च की गई है. इस स्कीम का नाम अग्निपथ योजना रखा गया है, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती 4 साल के लिए होगी भर्ती किये गए युवाओं को अग्निवीर कहा जाएगा. सरकार की इस योजना के तहत हर साल करीब 40 से 45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के सभी युवा इस योजना में भाग ले सकेंगे. लेकिन केंद्र सरकार की ये योजना देश के युवाओं को रास नहीं आ रही है. बुधवार को बिहार के बक्सर और मुज्जफरनगर में सैकड़ों युवाओं ने केंद्र सरकार की इस योजना का बहिष्कार किया और जगह जगह प्रदर्शन किया.

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बिहार में प्रदर्शनकारी युवाओं ने बक्सर में रेलवे ट्रैक जाम किया तो मुजफ्फरपुर के माड़ीपुर में आगजनी की और सड़क जाम कर दी. इसके अलावा आरा में भी जमकर बवाल मचाया. पुलिस और GRP ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का भी प्रयास किया, लेकिन वे योजना को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. मुजफ्फरपुर में सैकड़ों लोग लाठी-डंडा लेकर सड़क पर उतर गए और हंगामा और प्रदर्शन करने लगे. सबसे पहले प्रदर्शनकारी आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस पर पहुंचे और वहां पर अपना विरोध जताया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने माड़ीपुर में आगजनी कर रोड जाम कर दिया. साथ ही सड़क के आसपास लगे बोर्ड और होर्डिंग में तोड़फोड़ का भी प्रयास किया. वहीं बक्सर में भी प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली कोलकाता रेलवे ट्रैक पर जाम लगा दिया. हालांकि प्रदर्शनकारियों को समझाने के बाद ट्रैक से जाम हटा और परिचालन शुरू हो गया.

इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, ‘नेता हो या विधायक, सभी को 5 साल का समय मिलता है, हमारा 4 साल में क्या होगा. हमारे पास पेंशन की भी सुविधा नहीं है. 4 साल बाद हम रोड पर आ जाएंगे.’ वहीं एक युवा ने इस योजना को जले पर नमक छिड़कने जैसा बताया. उसने कहा कि, ‘दो साल पहले मेडिकल और फिजिकल पास कर चुके लेकिन रिटेन तक नहीं हुआ. ऐसे में देखा जाए तो 4 साल वाली ‘स्कीम’ जले पर नमक छिड़कने वाली बात हो गई है.’ वहीं उत्तरप्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में भी बड़ी संख्या में युवाओं ने योजना का विरोध किया और ये विरोध के स्वर राजस्थान में सुनाई दिए.

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राजस्थान में भी युवाओं ने केंद्र सरकार की सेना भर्ती स्कीम की कड़ी आलोचना की है. इस स्कीम की घोषणा के 24 घंटे के अंदर जयपुर में धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया है. सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवा बुधवार को बड़ी संख्या में ​​​​​कालवाड़ क्षेत्र में जुटे. यहां दिल्ली-अजमेर हाईवे जाम कर दिया. एक घंटे से भी ज्यादा देर तक प्रदर्शनकारी हाईवे पर जमे रहे. दोनों तरफ करीब 2 किलोमीटर लंबा जाम लग गया. इस दौरान प्रदर्शनकारी रामकेश ने कहा- केंद्र सरकार ने हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. संविदा के तौर पर सेना में भर्ती की जा रही है. सालों से सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के साथ धोखा हुआ है. इस स्कीम से न सिर्फ युवाओं को नुकसान होगा, बल्कि सेना की गोपनीयता और विश्वसनीयता भी भंग हो सकती है. ऐसे में केंद्र सरकार को इस योजना को बंद कर पहले की तरह भर्ती प्रक्रिया को शुरू करना चाहिए.

वहीं केंद्र की इस योजना के खिलाफ विपक्ष पहले ही मोर्चा खोल के बैठा है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि केंद्र सरकार की इस स्कीम पर मिलिस्ट्री एक्सपर्ट से लेकर तीनों सेनाओं के टॉप अधिकारी तक सवाल उठा रहे हैं और कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि ऐसा करके मोदी सरकार भारतीय सेना की परंपरा, अस्मिता से खिलवाड़ कर रही है. वहीं रक्षा विशेषज्ञ का कहना है कि, ‘ये स्कीम सही नहीं है. जो युवा ज्वाइन करेंगे, चार साल बाद उन्हें निराशा हाथ लग सकती है. जब कोई आर्मी या दूसरी फोर्स से रिटायर होता है तो सिविल में आकर उन्हें बेहतर नौकरी नहीं मिलती है.’

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