देश की राजनीति में मुख्यमंत्रियों का जेल जाने का दौर बदस्तूर जारी है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल जेल जा चुके हैं. केजरीवाल अभी भी जेल में हैं जबकि हेमंत सोरेन फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. कुछ अन्य नेता भी अभी तक जेल की हवा खा रहे हैं. दिल्ली में पूर्व मंत्री सतेंद्र कुमार जैन अभी तक जेल में हैं. दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम एवं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने दो साल के लंबे अंतराल के बाद खुली हवा में सांस ली है. आप सांसद संजय सिंह भी जमानत पर बाहर हैं जबकि तेलंगना के पूर्व सीएम के.चंद्रशेखर राव की सुपुत्री के.कविता भी दिल्ली शराब नीति में ज्यूडिशल कस्टडी में हैं. इस जमात में एक और नाम अब शामिल हो सकता है. वह है कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, जिन पर जल्द मुकदमा चलाया जाएगा.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मुडा मामले को लेकर मुकदमा चलाया जाएगा. सिद्धारमैया के साथ ही उनकी पत्नी समेत परिवार के सदस्यों के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सीएम रमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. गौरतलब है कि कर्नाटक के राज्यपाल ने बीते दिनों मुडा (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) के कथित भूमि घोटाले में सीएम के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कैबिनेट की राय मांगी थी. इसके बाद गुरुवार को मंत्रिपरिषद की बैठक हुई जिसमें राज्यपाल को कारण बताओ नोटिस वापस लेने की सलाह दी गई. वहीं मंत्रिपरिषद ने इसे सरकार को अस्थिर करने की कोशिश बताया.
क्या है MUDA मामला
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण का काम मैसूर में शहरी विकास को बढ़ावा देना, बुनियादी ढांचे का विकास करना और लोगों को किफायती कीमत पर आवास उपलब्ध कराना है. मुडा ने साल 2009 में शहरी विकास के चलते अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना 50:50 पेश की थी. इस योजना के तहत जिन लोगों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, उन्हें मुडा द्वारा विकसित भूमि की 50 फीसदी जमीन के प्लॉट आवंटित किए जाएंगे. हालांकि साल 2020 में तत्कालीन बीजेपी ने सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया था. हालांकि योजना बंद होने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना को जारी रखा और इसके तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा.
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अब आरोप ये है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती की मैसूर में केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि थी, जो पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उपहार स्वरूप दी थी. मुडा द्वारा साल 2021 में पार्वती की जमीन को अधिग्रहित की गई. इसके बदले में एक महंगे इलाके में पार्वती को 14 साइटें आवंटित की गईं. आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी. मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती ने आवेदन किया जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित कीं.
यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था. जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि पार्वती को मुडा द्वारा इन साइटों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है. विपक्ष का आरोप है कि विजयनगर में जो साइटें आवंटित की गई हैं, उनका बाजार मूल्य केसारे में मूल भूमि से काफी अधिक है. दिलचस्प यह भी है कि 2021 में बीजेपी शासन के दौरान ही विजयनगर में सीएम की पत्नी पार्वती को नई साइट आवंटित की गई थी.
सीएम ने दी सफाई
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपना बचाव करते हुए कहा कि यह 2021 में भाजपा सरकार के तहत किया गया था. विजयनगर में साइटें इसलिए दी गईं क्योंकि केसारे में देवनूर फेज 3 इलाके में साइटें उपलब्ध ही नहीं थीं. उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार, पार्वती सरकार से 57 करोड़ रुपये अधिक पाने की हकदार हैं, क्योंकि उन्हें मुआवजे के रूप में मिली भूमि की कीमत महज 15-16 करोड़ रुपये है, जो कि केसारे में उनकी मूल जमीन से बहुत कम है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर उन्हें लगता है कि यह कानून के खिलाफ है, तो उन्हें बताना चाहिए कि यह कैसे सही है. अगर जमीन की कीमत 62 करोड़ रुपये है, तो उन्हें प्लॉट वापस ले लेना चाहिए और हमें उसी के अनुसार मुआवजा देना चाहिए.
क्या सिद्धारमैया जाएंगे जेल
मामले को राजनीति दृष्टिकोण से देखें तो गैर बीजेपी शासित कई प्रदेशों में कोई न कोई पुराना मामला सुर्खियों में चल रहा है. कर्नाटक में बीजेपी सरकार के लंबे शासन के बाद कांग्रेस का पंजा शासन में आया है. ऐसे में सिद्धारमैया के सितारे भी गर्दिश में आ गए हैं. मामले में आरोप साबित होते हैं तो सिद्धारमैया जेल जा सकते हैं. अगला नंबर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का हो सकता है क्योंकि कर्नाटक में सिद्धारमैया के बाद कांग्रेस की धूरी डीके ही हैं. अब देखना होगा कि बीजेपी गैर शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की जेल यात्रा में सिद्धारमैया का नाम शामिल होता है या नहीं.