maharashtra politics in assembly elections 2024
maharashtra politics in assembly elections 2024

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान को केवल दो दिन शेष है. इससे पहले राजनीतिक गलियारों से गुजरते हुए एक बड़ी खबर सामने आ रही है. वो ये है कि डिप्टी सीएम एवं बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री एवं शिवसेना सुप्रीमो एकनाथ शिंदे ने भी अपने आपको मुख्यमंत्री की रेस से अलग कर लिया है.  वो सीएम पद की रेस में नहीं हैं. इससे पहले देवेंद्र फडणवीस ने भी अपने एक साक्षात्कार में यही बात कही थी. हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि अगर सरकार बनाने लायक नंबर आए तो सीएम महायुति का ही होगा. ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि कहीं सत्ता की कमान कहीं अजित पवार के हाथों में तो नहीं आ रही है.

वैसे देखा जाए तो महाराष्ट्र में इस वक्त सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी है. इसके बावजूद सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने सहयोगी दल बनने का फैसला लिया और महज 40 विधायकों वाली शिवसेना को सीएम पद देना स्वीकार किया. अभी तक शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे को ही अगला मुख्यमंत्री बता रहे थे लेकिन अब शिंदे खुद इस बात से इनकार कर रहे हैं. इसकी वजह भी कुछ अलग है.

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र की सियासी पिच पर सुप्रिया सुले के लिए बैटिंग कर रहे शरद पवार!

दरअसल, शिवसेना और एनसीपी में दो फाड़ होने के बाद जनता की सहानुभूति उद्धव ठाकरे और शरद पवार की तरफ हुई है. बीते आम चुनाव में इसका असर स्पष्ट तौर पर दिखा था, जब महज 14-15 विधायकों के दम पर शिवसेना यूबीटी और एनसीपी एसपी के 20 से अधिक सांसद जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. ऐसे में महायुति की ओर से मुख्यमंत्री चेहरे का नाम अब तक अंधेरे में रखा गया है. हालांकि ऐसा ही कुछ महाविकास अघाड़ी में भी है लेकिन अगर वहां मुकाबला बराबरी का है. सभी करीब 90-90 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. यहां फैसला नंबर से ज्यादा रजामंदी से होना तय है. सीएम फेस में उद्धव ठाकरे सबसे आगे हैं. अगर थोड़ा भी उपर नीचे हुआ तो सुप्रिया सुले नंबर दो पर हैं. डिप्टी सीएम के तौर पर आदित्य ठाकरे का नाम तय है. ऐसा कुछ भी महायुति के साथ नहीं है.

यहां बीजेपी 150 सीटों पर चुनावी मैदान में है. शिवसेना 81 और अजित पवार की एनसीपी 59 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में निश्चित है कि अगर बीजेपी 80-90 सीटें जीतती है और सरकार बनाने का नंबर आ जाता है तो मुख्यमंत्री बीजेपी के खेमे का होगा. अगर शिवसेना ठीक ठाक सीटें लाने में कामयाब हो जाती है और एकनाथ शिंदे अड़ जाते हैं तो सीएम कुर्सी फिर से शिवसेना के पास आ सकती है. अजित पवार को नुकसान हो सकता है क्यों​कि वे 60 से भी कम सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि मराठी समुदाय में उनकी पकड़ काफी मजबूत बताई जा रही है. ऐसे में उन्हें सीक्रेट तरीके से बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.

यह भी पढ़ें: अजित पवार और महायुति में अनबन! क्या भारी पड़ेगा ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा?

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. राज्य में चुनाव नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे. उत्तर प्रदेश के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े प्रदेश के चुनाव मुकाबले में बीजेपी, कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के दोनों खेमों के साथ कुल 158 दल मैदान में हैं. राज्य में इन दलों के अलावा 2086 निर्दलीय कैंडिडेट भी मौजूद हैं. चुनाव आयोग के अनुसार राज्य की 288 सीटों के कुल 4136 उम्मीदवार मैदान में हैं. अब देखना ये होगा कि महा​युति और महाविकास अघाड़ी में से किस दल के सुप्रीमो पर जीत का सेहरा बंधता है.

Leave a Reply