निर्भया जैसे मुद्दे पर भी राजनीति करने से नहीं चुकीं पार्टियां, बीजेपी की शुरुआत पर आप का पलटवार, मां ने बताया दोनों को जिम्मेदार

राजनीति की शुरुआत करते हुए चुनावी रोटी सेकना शुरू किया बीजेपी ने, पलटवार करते हुए आप ने लिया बीजेपी को आड़े हाथ, निर्भया की मां ने आप और बीजेपी दोनों को बताया जिम्मेदार, पीएम मोदी से लगाई गुहार

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. निर्भया के चारों दोषियों को 22 जनवरी को दी जाने वाली फांसी अब 1 फरवरी को सुबह 6 बजे दी जाएगी. शुक्रवार को पटियाला कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया. जानकारों की मानें तो फांसी की यह नई तारीख भी फाइनल नहीं कही जा सकती है, हमारे कानून की आड़ में अभी इसे और आगे बढ़ाया जा सकता है. बात करें राजनीति की तो निर्भया जैसे अतिसंवेदनशील मुद्दे पर भी पार्टीयां अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगी हैं. चूंकि मामला दिल्ली का है और दिल्ली में ही अगले माह चुनाव होने हैं तो ऐसे में राजनीति ने इस मुद्दे को भी अपनी चपेट में लें लिया है.

निर्भया के दोषियों की फांसी में देरी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करते हुए राजनीति करने का आरोप लगा रही है. इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति की शुरुआत बीजेपी की केन्द्र सरकार में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने की, जावड़ेकर ने फांसी में देरी के लिए आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराया तो वहीं आप पार्टी के अनुसार पुलिस प्रशासन और गृह मंत्रालय केंद्र के हाथों में है इसलिए बीजेपी इसके लिए जिम्मेदार है. दूसरी ओर, निर्भया की मां ने फांसी में हो रही देरी को लेकर दिल्ली की आप सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार दोनों को आड़े हाथ लेकर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाया.

निर्भया की मां आशा देवी ने दोनों पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग 2012 में हाथ में तिरंगा लेकर इंसाफ के लिए सड़क पर उतरे थे, आज वहीं राजनीति के लिए निर्भया के दोषियों की फांसी टाल रहे हैं. कोई (बीजेपी) कह रहा कि दिल्ली सरकार फांसी में देरी कर रही है तो कोई (आप) कह रहा दिल्ली पुलिस हमें दे दो. आज ये लोग अपनी राजनीति के लिए निर्भया को इंसाफ देने के बजाए राजनीति कर रहे हैं. आशा देवी ने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी 2014 चुनाव से पहले नारे लगाते थे ‘बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार’ मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहती हूं कि मेरी बेटी को कब इंसाफ मिलेगा. जब घटना हुई तो यही लोग हाथ में तिरंगा और काली पट्टी बांध सड़क पर उतर नारे लगा रहे थे और अब यही लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए मेरी बेटी की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं‘.

वहीं निर्भया के पिता ने फांसी में देरी का ठीकरा केजरीवाल सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि दिल्ली सरकार तब तक सोई रही, जब तक हम लोग नहीं आगे बढ़े. आखिर दिल्ली सरकार ने जेल अथॉरिटी से पहले क्यों नहीं कहा था कि आप फांसी के लिए नोटिस जारी करो. यदि इलेक्शन से पहले कोई फैसला नहीं आता है तो इसके जिम्मेदार अरविंद केजरीवाल होंगे. वहीं आशा देवी ने पीएम नरेन्द्र मोदी से गुहार लगाई कि उन्होंने धारा 370 और तीन तलाक जैसे कई कानून पास किए हैं. इस कानून में भी संशोधन कर सभी दोषियों को तत्काल फांसी पर चढ़ाया जाए.

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वहीं इस मुद्दे पर प्रकाश जावडेकर ने चुनावी रोटी सेंकते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार को फांसी टलने का कसूरवार बताते हुए कहा कि महिला अपराध के मामले में आप सरकार असंवदेनशील है. उन्होंने पिछले ढाई सालों में दया याचिका दायर करने के लिए दोषियों को नोटिस क्यों नहीं दिया. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में ही दोषियों की अपील को खारिज करते हुए मौत की सजा सुनाई थी. अगर सरकार एक सप्ताह के अंदर सभी दोषियों को नोटिस जारी कर देती तो उन्हें अब तक फांसी की सजा हो चुकी होती. केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने आप सरकार पर दुष्कर्मियों और हत्यारों के साथ खड़ा होने तक का आरोप लगा दिया.

वहीं भाजपा पर पलटवार करते हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि जावड़ेकर का बयान सुनकर दुख है कि केंद्र सरकार के एक मंत्री इतने संवेदनशील मुद्दे पर इतना बड़ा झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने भाजपा नेताओं को घेरते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन, गृह मंत्रालय और तिहाड़ के महानिदेशक की नियुक्ति सब कुछ आपके हाथ में है और आप कह रहे हैं कि दिल्ली सरकार फांसी में देरी के लिए जिम्मेदार है. इसी कड़ी में बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इस मामले में सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है. तो पलटवार करते हुए आप पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली की कानून व्यवस्था एवं पुलिस पूरी तरह से केंद्र में आसीन भाजपा सरकार के हाथ में है. निर्भया के दोषियों की फांसी में जो भी विलंब हो रहा है, उसके लिए सीधे तौर पर बीजेपी की केंद्र सरकार जिम्मेदार है.

बता दें कि चारों दोषी कानूनी प्रक्रिया का इस्तेमाल कर फांसी को टालने और आगे खिसकाने की पूरजोर कोशिश कर रहे हैं.

शुक्रवार दोषी मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर वापिस भेज दिया. इससे उसके बचने के सभी रास्ते बंद हो गए हैं. विनय की क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है. हालांकि उसके पास मर्सी पिटीशन का रास्ता बचा हुआ है. इसी मामले में अन्य दो दोषियों अक्षय और पवन ने अब तक न तो क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है, और ना ही मर्सी पिटीशन. वहीं पवन ने हाईकोर्ट के एक फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. पवन की नाबालिग होने की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.