AAP party
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आम आदमी पार्टी (आप) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार के चलते कई मंत्रियों की गिरफ्तारी और खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की संभावनाओं के बीच अब गुजरात में भी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. गुजरात में पार्टी के एक विधायक भूपत भायाणी ने अपना इस्तीफा दिया. इतना ही नहीं, भरूच में 43 पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने एक साथ पार्टी का साथ छोड़ दिया है. दिल्ली और पंजाब के बाद गुजरात में पार्टी का सबसे बड़ा जनाधार मौजूद है. इससे पार्टी की लोकसभा चुनाव में उम्मीदों को बड़ा आघात लगा है.

गुजरात की आप आदमी पार्टी के प्रमुख इसुदान गढ़वी को आधिकारिक लेटर में माइनॉरिटी विंग के अध्यक्ष अमजद खान पठान, 33 पार्टी कार्यकर्ताओं और 10 पदाधिकारियों ने एक साथ इस्तीफे का ऐलान किया. इन नेताओं ने ऐसे समय पर पार्टी का साथ छोड़ा है. इससे पहले विसावदर सीट से पार्टी विधायक भूपत भयाणी ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद प्रदेश में पार्टी के विधायकों की संख्या 4 रह गयी है.

गुजरात की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सामूहिक इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए भरूच में आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष पीयूष पटेल ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दिया है, वे विधानसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी में निष्क्रिय थे. इसकी वजह से उन्हें संगठन में जगह नहीं दी गई थी. पटेल ने आगे कहा कि इस्तीफे के लिए पार्टी के लेटरहेड का गलत इस्तेमाल किया गया है. मामले को प्रदेश नेतृत्व के सामने रखा गया है और उचित कार्रवाई की जाएगी.

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गौरतलब है कि पिछले साल हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के 5 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. पार्टी ने पहली बार करीब 13 फीसदी वोट हासिल किए थे. दिल्ली और पंजाब के बाद अरविंद केजरीवाल की पार्टी को सबसे अधिक वोट प्रतिशत गुजरात में हासिल हुए हैं. यही वजह है कि पार्टी को लोकसभा चुनाव में गुजरात की जनता से बड़ी उम्मीदें हैं. इसके विपरीत पिछले एक साल में एक विधायक समेत कई पार्षद और अन्य पदाधिकारियों ने पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी या कांग्रेस का दामन थाम लिया है. यह पार्टी के लिए परेशानियों का सबब है.

यह भी बताते चलें कि पंजाब में पहली बार आम आदमी पार्टी को केवल 20 सीटें हासिल हुई थी लेकिन दूसरी बार में पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस को पूरी तरह से साफ करते हुए भगवंत मान सरकार बनायी. दिल्ली में पहले से अरविंद केजरीवाल की सरकार है और गोवा में पार्टी के दो विधायक हैं. गुजरात में प्रदर्शन के बाद ही पार्टी को नेशनल पार्टी होने का तमगा हासिल हुआ है. ऐसे में आम आदमी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में कुछ सीटें हासिल करने की उम्मीद बना रही थी. पार्टी के विधायक सहित अन्य पदाधिकारियों के पार्टी छोड़ने की वजह से पार्टी की इन उम्मीदों पर पानी फिरते दिख रहा है.

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