Tuesday, January 21, 2025
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लाल किले की प्राचीर से एक प्रधानमंत्री ने भाषण दिया या फिर एक बीजेपी नेता ने!

लाल किले पर सबसे अधिक बार झंडारोहण करने वाले व्यक्तियों में तीसरे नंबर पर आए पीएम मोदी, सबसे अधिक बार पं.जवाहर लाल नेहरू ने 17 बार और इंदिरा गांधी ने 16 बार प्रधानमंत्री के तौर पर फहराया है तिरंगा ..

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PM Modi Speech: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से लगातार 10वीं बार स्वतंत्रता दिवस पर देश की जनता को संबोधित किया. पीएम मोदी ने आजादी के इस पर्व पर देश की जनता से मोदी ने इस बार परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण से मुक्त होने यानी आजाद होने की अपील की. इसमें कोई शक नहीं कि पीएम मोदी ने ये तीनों शब्द किसके लिए और क्यों इस्तेमाल किए हैं. दूसरे नजरिए से देखा जाए तो लाल किले की दीवारों से देश की जनता को समर्पित उनका ये भाषण पूरी तरह से राजनीतिक और चुनावों से प्रेरित कहा जाए तो इसमें कोई शक न होगा.

यहां पीएम मोदी ने अपने डेढ़ दो घंटे के भाषण में 48 बार परिवारजन, 11 बार भ्रष्टाचार, 8 बार तुष्टिकरण और 10 बार परिवर्तन जैसे शब्दों का प्रयोग किया. इस तरह के शब्द मोदी अपने चुनावी भाषणों में इस्तेमाल करते हैं. अब ये समझ नहीं आ रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से संबोधित करते हुए देश की जनता को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी या फिर लोकसभा चुनावों से पहले ही कांग्रेस के खिलाफ एक माहौल बनाने की कोशिश जताई है.

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इसमें कोई दोराय नहीं है कि राजनीतिक पार्टियों में परिवारवाद प्रणाली की जन्मदात्री कांग्रेस रही है. परिवारवाद भी सर्वाधिक कांग्रेस के वक्त ही चला. तुष्टिकरण को भी कांग्रेसी सत्ताओं ने ही पोषित किया है. एक तरह से कहा जाए तो भ्रष्टाचार और घोटाले सबसे ज़्यादा कांग्रेस के शासनकाल में ही उजागर हुए हैं. इसकी एक वजह ये भी है कि आजादी के 50 से 60 सालों तक एक तरफा देश की सत्ता पर कांग्रेस का ही एकाधिकार रहा है. बीच के दो से तीन साल अपवाद माने जा सकते हैं. ऐसे में परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण से मुक्त भारत का नारा एक तरह से कांग्रेस मुक्त नारे का ही अपग्रेड वर्जन लगता है.

इस बात में भी कोई संशय नहीं है कि पीएम मोदी के इस बार के भाषण को देश के प्रधानमंत्री का भाषण कम और एक भारतीय जनता पार्टी के नेता का भाषण ज्यादा माना जा सकता है. अपने भाषण में उन्होंने ये भी कहा कि अगली बार भी लाल क़िले पर तिरंगा मैं ही फहराऊंगा. इसे राजनीतिक हल्के में एक अतिशयोक्ति मानी जा रही है. राजनीतिक विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि जब अभिव्यक्ति देश की जनता को हो तो विनम्रता दिखाते हुए मोदी को यह कहना अधिक उचित होता कि जनता का आशीर्वाद रहा तो अगली बार भी तिरंगा मैं ही फहराऊंगा. लेकिन यहां पीएम मोदी ने चुनावी भाषण के लहजे में आगामी लोकसभा चुनाव में सत्ता हासिल करने की उदघोषणा पहले ही कर दी है.

आजादी के खुशनुमा महोत्सव पर शायद ये भी पहली बार ही घटित हुआ कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. साथ ही साथ कुछ घोषणाओं का भी ऐलान किया. इनमें सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी घोषणा यह रही कि जो लोग शहरों में किराए के मकान में रहते हैं, उन्हें अपना घर बनाने या ख़रीदने के लिए सस्ती दर पर बैंक लोन मिलेगा. शहरों में किराए पर रहने वाले परिवारों की यह आज भी सबसे बड़ी ज़रूरत है. हालांकि आवास ऋण पर दी जा रही सब्सिडी समाप्ति के बाद घोषित की गई इस स्कीम में लोगों को ब्याज में कितने प्रतिशत की राहत मिलेगी, इसका खुलासा फिलहाल उन्होंने नहीं किया है.

कुल मिलाकर संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी भाषण कह डाला. उन्होंने देश की जनता से अभी से लोकसभा चुनाव और उसमें फिर से फतेह कर वापिस लौटने का भी विश्वास दिला दिया. देशभक्ति वाले आजादी के पर्व के दिन उन्होंने देश की जनता में देशभक्ति के साथ मोदी भक्ति या बीजेपी भक्ति का भी संदेश दे ही दिया. अब मोदी भक्तों के लिए यह इतिहास का सबसे अच्छा और सबसे सच्चा भाषण रहा होगा लेकिन देश की जनता के लिए तो ये एक चुनावी उदघोषणा और चुनावी भाषण के अलावा कुछ भी कहा जाना बेमानी होगा.

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