सरकार के 2 साल: पूनियां ने बताया कालखण्ड के काले साल तो चतुर्वेदी बोले योजनाओं को बंद करने वाली सरकार

बीजेपी नेताओं ने गहलोत सरकार के इन दो वर्षों के कार्यकाल को सबसे विफल करार दिया, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पिछले दो साल में हर मोर्चे पर विफल रही है- पूनियां, यह सरकार राजस्थान के इतिहास में विभिन्न योजनाओं को बंद करने वाली सरकार के नाम से जानी जाएगी- चतुर्वेदी

बीजेपी ने बताया सबसे विफल सरकार
बीजेपी ने बताया सबसे विफल सरकार

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की गहलोत सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर जहां कांग्रेस कोरोनाकाल जैसे चुनौतीपूर्ण समय मे भी सबसे सफलतम कार्यकाल बता रही है और घोषणा पत्र के 50% से ज्यादा चुनावी वादे पूरा करने का दावा कर रही है वहीं बीजेपी नेताओं ने गहलोत सरकार के इन दो वर्षों के कार्यकाल को सबसे विफल करार दिया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के दो वर्ष के रिपोर्ट कार्ड पर निशाना साधते हुए कहा कि वह हर मोर्चे पर विफल रही है. पूनियां ने एक बयान में कहा, ‘राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पिछले दो साल में हर मोर्चे पर विफल रही है.’ वहीं बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने मौजूदा प्रदेश सरकार को अच्छी योजनाओं को बंद करने वाली सरकार बताते हुए निशाना साधा है. चतुर्वेदी ने कहा कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के समय शुरू की गई जनहित की योजनाओं को भी मौजूदा सरकार ने बंद कर दिया है.

चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार आजादी के बाद की अब तक की सबसे नाकाम और कमजोर सरकार है. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह सरकार राजस्थान के इतिहास में विभिन्न योजनाओं को बंद करने वाली सरकार के नाम से जानी जाएगी. चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार ने अपने 24 महीने के शासन में 21 योजनाओं को बंद करके जनहित पर कुठाराघात किया है.

चतुर्वेदी ने गहलोत सरकार की तरफ से बंद की गई जनहित की योजनाओं की लिस्ट जारी करते हुए कहा कि इन योजनाओं के बंद होने से बच्चों से लेकर महिलाएं, बुज़ुर्ग और बीमार लोगों के साथ ही तकरीबन सभी वर्गों के लोग प्रभावित हुए हैं. इसमें योजनाओं के साथ ही उन्होंने शहरों का विकास बंद करने, भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाने के साथ ही मंत्रियों के घरों में बंद होने की बात भी कही.

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गहलोत सरकार की तरफ से बंद की गई योजनाओं की लिस्ट-

  • स्कूली बच्चों को मुफ्त दूध योजना बंद
  • भामाशाह बंद
  • भामाशाह स्वास्थ्य सेवा बंद
  • आयुष्मान योजना लागू नहीं
  • अन्नपूर्णा योजना शुरू नहीं की
  • जल स्वावलंबन बंद
  • पेंशन बंद
  • आर्थिक पिछड़ा वर्ग की छात्रवृत्ति बंद
  • गौरव पथ निर्माण बंद
  • प्रशासन शहरों की ओर अभियान बंद.
  • गांवों में लगने वाले राजस्व शिविर बंद.
  • शिक्षित युवाओं का रोजगार बंद.
  • बिजली पर मिलने वाली किसानों की छूट बंद.
  • किसानों से बाजरे की MSP पर खरीद बंद.
  • संविदा कर्मियों की भर्ती बंद.
  • सफाई कर्मचारियों की भर्ती बंद.
  • शहरों का विकास बंद.
  • भ्रष्टाचार पर लगाम बंद.
  • अपराधियों पर नियंत्रण बंद
  • सेवानिवृत कर्मियों की दवाई बंद
  • कोरोना काल में मुख्यमंत्री व मंत्री घरों में बंद

चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार की असफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस महामारी के समय देश के सभी मुख्यमंत्री घर से निकलकर जनता की समस्याओं को दूर करने में लगे हैं. वही ,राजस्थान में ऐसा नहीं दिख रहा. चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार के पास न तो जनता से मिलने की फुर्सत है और न ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं से.

वहीं इससे पहले बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि कांग्रेस सरकार के ये दो साल राजथान के राजनैतिक इतिहास के कालखण्ड के काले साल होंगे, जिसमें बेशक जनघोषणा-पत्र में अपने आपकी पीठ थप-थपाते होंगे, लेकिन किसानों से वादाखिलाफी, बेरोजगारों से झूठ और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ने जैसे काम दो साल के कालखण्ड में हुए.

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पूनियां ने कहा कि अन्तर्विरोध, अन्तर्कलह की ये कांग्रेस पार्टी की सरकार ना पार्टी चला पा रही, ना सरकार चला पा रही. इसलिए इस सरकार की झोली में इन दो सालों में एक लम्बी फेहरिस्त है विफलताओं एवं वादाखिलाफी की, जिनमें पीड़ित महिलाएं न्याय मांग रही हैं, महिलाओं के प्रति घोर असुरक्षा का माहौल, जनता को महंगे बिजली के बिलों का करंट, 2.50 लाख संविदाकर्मी नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हैं.

सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 59 लाख किसान सम्पूर्ण कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं, बेरोजगारी की दर राजस्थान में 14 प्रतिशत है. पूनियां ने कहा कि ना तो बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है और ना ही लाखों भर्तियों की घोषणा कर उन्हें पूरा किया जा रहा है. इसलिए यह सरकार अब तक की सबसे ज्यादा अकर्मण्य, भ्रष्ट, नाकारा और अराजक सरकार है और ये सरकार नैतिक रूप से कमजोर हो चुकी है.

भरतपुर जिला मुख्यालय पर सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में सतीश पूनियां ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि यह आंदोलन किसान विरोधी है. सरकार के अंधविरोधी परम्परा की बैलगाड़ी चलाना चाहते हैं जो अब सम्भव नहीं है. पूनियां ने कहा कि जनहित के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार के द्वारा बनाए गए तीनों नए कृषि कानून अन्नदाता की रीढ़ को मजबूत कर 21वीं सदी के उज्जवल भारत की नींव रखेंगे.

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