indian politics
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साल 2024 के सियासी कैलेंडर के छठे पार्ट में हम लेकर आए हैं जून माह का राजनीतिक हिसाब-किताब, जिसमें उन सभी बड़े सियासी घटनाक्रमों को शामिल किया है, जिन्होंने देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला है. इस महीने में एनडीए ने आम चुनाव में बहुमत हासिल करते हुए लगातार तीसरी बार शासन पर कब्जा जमाया. नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. लोकसभा चुनाव 2024 से साथ अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के विधानसभा चुनाव के परिणाम भी इसी महीने में आए. आइए जानते हैं..

  1. एग्जिट पोल के अनुमान हुए धड़ाम

सातवें चरण के मतदान के साथ ही एक जून को अलग-अलग मीडिया चैनलों और सर्वे एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल जारी किए गए. सभी सर्वे में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया. बीजेपी की सीटों की संख्या भी 350 से 400 के पार बताई जा रही थी. 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आए, जिसने एग्जिट पोल के अनुमानों को धता बताते हुए नतीजों ने चौंकाया. भारतीय जनता पार्टी बहुमत से काफी दूर 240 सीटों तक ही पहुंच पाई. बीजेपी को सत्ता हासिल करने के लिए चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी (16) और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (12) की बैसाखियों का सहारा लेना पड़ा. एनडीए अपने सहयोगी दलों की मदद से 293 तक पहुंची. कांग्रेस के खाते में 99 सीटें आयीं. विपक्षी गठबंधन इंडिया ने 240 सीटों के साथ सत्ताधारी पक्ष को कड़ी टक्कर दी.

  1. तीसरी बार प्रधानमंत्री बने मोदी

इस ऐतिहासिक जीत के साथ 9 जून को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया. ​अमित शाह दूसरी बार गृहमंत्री और निर्मला सीतारमण दूसरी बार वित्तमंत्री बने.

  1. एक दशक बाद खुला कांग्रेस का खाता

राजस्थान में एक दशक बाद कांग्रेस का खाता खुला. कांग्रेस ने 8 सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी को 14 सीटें मिली. इंडिया ब्लॉक के समर्थन से नागौर में हनुमान बेनीवाल, बांसवाड़ा से राजकुमार रोत और सीकर से अमरा राम विजयी हुए. इस जीत के साथ विधानसभा में आरएलपी का प्रतिधित्व समाप्त हो गया जबकि लोकसभा में बाप की पहली बार एंट्री हुई. किरोड़ी लाल मीणा के समर्थित दौसा लोकसभा सीट पर कांग्रेस को लंबे समय पर जीत हासिल हुई. इसके बाद किरोड़ी ने अपने मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की. हालांकि ऐसा हो न सका.

  1. स्मृति ईरानी की हार ने चौंकाया

अमेठी संसदीय सीट पर स्मृति ईरानी की हार से सभी को चौंका दिया. यहां कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने जीत हासिल की. राहुल गांधी ने रायबरेली सहित वायनाड से भारी मतों से समर्थन हासिल किया. यूपी की अयोध्या क्षेत्र से सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत दर्ज करते हुए बीजेपी के राम मंदिर मुद्दे को धता बता दिया. वहीं वाराणसी से नरेंद्र मोदी महज 50 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज पाए थे.

  1. यूपी में इंडिया ब्लॉक ने मारी बाजी

इस बार यूपी में इंडिया ब्लॉक ने एनडीए को आखिरकार धूल चटा ही दी. अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी ने 37 सीटों पर विजयश्री हासिल की. कांग्रेस को पिछली बार की एक सीट के मुकाबले 6 सीटें हासिल हुई. दोनों ने मिलकर एनडीए की 36 सीटों के मुकाबले 43 सीटों पर कब्जा जमाया. हालांकि वोट प्रतिशत के मामले में एनडीए आगे रही. इसके साथ ही यूपी में जीत हासिल करने वाली पार्टी का देश की सत्ता को हासिल करने का मिथक भी टूट गया.

  1. आंध्रा-ओडिसा में सत्ता पलटी

लोकसभा चुनाव 2024 से साथ अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के विधानसभा चुनाव के परिणाम आए. आंध्र प्रदेश में वाईएसआर की जगह टीडीपी-भाजपा-जन सेना पार्टी के गठबंधन की सरकार बनी और चंद्रबाबू नायडू सीएम बने. ओडिशा में नवीन पटनायक का तिलस्म इस बार टूट गया. बीजू जनता दल की जगह भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और मोहन चरण मांझी को राज्य की कमान मिली. अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने अपनी सत्ता को बरकरार रखा और पेमा खांडू फिर मुख्यमंत्री बने. सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने अपनी सरकार बरकरार रखी और प्रेम सिंह तमांग राज्य के मुखिया बने.

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