west bengal cm mamata benerjee in malda
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बंगाल में लोकसभा चुनाव का पहला चरण समाप्त हो चुका है. अगले दो चरणों में उत्तर बंगाल के कई जिलों में मतदान होना है. यहां सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस अकेले ही बीजेपी, कांग्रेस और माकपा से जंग लड़ रही है. इस बीच चुनाव प्रचार के लिए मालदा पहुंची ममता ने एक चुनावी सभा में कांग्रेस, बीजेपी और माकपा पर एक साथ निशाना साधा है. इसके साथ साथ पश्चिम बंगाल में सीएए और एनआरसी न लागू होने देने की बात कहते हुए केंद्र की मोदी सरकार को सीधे शब्दों में चुनौती भी दे डाली.

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मैं वादा करती हूं, यहां सीएए, एनआरसी को अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर ऐसा हुआ तो हर कोई अपनी पहचान और नागरिकता खो देगा. उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिक भी वोट देंगे ताकि आपका नाम नहीं काट दिया जाए.  उन्हें मछली, मांस और अंडे खाने की अनुमति नहीं मिलेगी. कौन क्या खायेगा, ये उनका अपना काम है. आप क्यों हस्तक्षेप करते हैं.

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वहीं आयुष्मान भारत योजना को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि अगर आयुष्मान भारत बनता तो केंद्र आधा पैसा देता और बाकी हमें देना पड़ता. सिर्फ 50 लाख लोगों को ही इससे लाभ मिलेगा. स्वास्थ्य साथी में 10 करोड़ लोगों को सेवा मिलती है. मुझे बंगाल में ‘आयुष्मान भारत’ क्यों बनाना चाहिए.

कांग्रेस-सीपीएम-बीजेपी भाई-भाई

मालदा में सभा को संबोधित करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यहां से बीजेपी जीती, कांग्रेस जीती लेकिन कभी बंगाल के लिए काम नहीं किया है. कभी बंगाल के लिए बात नहीं की. कांग्रेस-सीपीएम-बीजेपी भाई-भाई हैं. वे एक साथ मिलकर लड़ रहे हैं. हम बीजेपी से अकेले लड़ रहे हैं. दीदी ने इंडिया गठबंधन का भी समर्थन किया. हालांकि ये भी कहा कि बंगाल में कोई गठबंधन नहीं है. ममता ने कहा कि अगर दिल्ली में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी, तो टीएमसी उनका समर्थन करेगी. इंडिया गंठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर है लेकिन बंगाल स्तर पर इंडिया गठबंधन नहीं है.

कांग्रेस-माकपा को न करें वोट

बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी सुप्रीमो ने चुनावी सभा में कहा कि इंडिया गठबंधन मेरे द्वारा बनाया गया था. याद रखें सीपीएम-कांग्रेस को एक भी वोट न दें. ये बीजेपी का खेल है. ममता ने कहा कि उनकी नीति कांग्रेस के नाम पर वोट काटने की है, ताकि बीजेपी को ज्यादा वोट मिल जाए. सीपीएम के नाम पर भी वोट करेंगे, तो बीजेपी को फायदा होगा. अगर वे पूरे भारत में जहां हम नहीं लड़ रहे हैं, वहां लड़ें तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है.

सीएम ममता ने कहा कि हमें विश्वास करना होगा कि हम कहां लड़ रहे हैं. हमारे सांसद ने संसद में लड़ाई लड़ी है. महुआ मोइत्रा को निष्कासित कर दिया गया. हमारे सांसद गरीबों को लेकर दिल्ली गये. वहां अभिषेक बनर्जी के साथ दुर्व्यवहार किया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी वह नहीं रूकें. हमारे पास कई आदिवासी नेता हैं. प्रकाश चिक बड़ाईक हमारे राज्यसभा सांसद हैं. फिर भी इस बार वह अलीपुरद्वार से खड़े हैं और जीत हासिल करेंगे.

बंगाल भीख नहीं मांगेगा

100 दिनों के काम के बारे में ममता बनर्जी ने हुंकार भरते हुए कहा कि उन्होंने (केंद्र) 100 दिनों के काम के लिए भुगतान नहीं किया, लेकिन बंगाल भीख नहीं मांगेगा. हमें जितने अधिक सांसद मिलेंगे, हम उतना ही अधिक दिल्ली से काम कर सकेंगे. बंगाल को वह मिलेगा, जिसका वह हकदार है. हमने कर्मश्री प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. इसके जरिए जॉब कार्ड धारकों को 50 दिन काम की गारंटी दी जा रही है. कोई भी चाहे तो 60 दिन का काम कर सकता है. वहीं चुनाव से पहले अलग-अलग मीडिया में हो रहे सर्वे को ममता ने ‘फर्जी’ बताया. उन्होंने कहा कि किसी भी सर्वे पर भरोसा न करें. सब बीजेपी के पैसे से हुआ है.

गौरतलब है कि बंगाल में लोकसभा चुनाव का प्रथम चरण का 19 अप्रैल को मतदान समाप्त हो गया है. दूसरे चरण में 26 अप्रैल को दार्जिलिंग, बालुरघाट, रायगंज में मतदान है. इसी तरह तीसरे चरण में 7 मई को मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण में मतदान होगा. बंगाल में कांग्रेस और माकपा गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. हालांकि मुख्य मुकाबला सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में होगा. 2014 के आम चुनाव में केवल दो सीट हासिल करने वाली बीजेपी ने 2019 लोकसभा चुनाव में 18 सीटों पर कब्जा जमाया था. अब बीजेपी की नजर 30 सीटों पर है जबकि ममता बनर्जी अकेले ही उन्हें चुनौती दे रही है.

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