‘जब पत्नी से झगड़ा होता है तो थप्पड़ बच्चे को ही पड़ता है’- सदन में सीएम गहलोत पर भड़के कटारिया

गांधी के नाम से दुकान ज्यादा दिन नहीं चलने वाली- कटारिया, सदन में सीएम गहलोत के 'निकम्मा-नाकारा..' बयान पर विपक्ष ने जमकर लिए मजे, पायलट को खुद दो बार देना पड़ा जवाब, राजेंद्र राठौड़ ने सचिन पायलट की तारीफ में फिर गढ़े कसीदे

Ashok Gehlot vs Gulab Chand Kataria
Ashok Gehlot vs Gulab Chand Kataria

PoliTalks.news/Rajasthan. राजस्थान विधानसभा का आज से शुरु हुआ विशेष सत्र बेहद हंगामेदार रहा. थोड़ी-थोड़ी देर में दोनों पक्षों की ओर से हंगामे के स्वर उठते रहे. सत्र की शुरुआत में ही सत्ताधारी पक्ष की ओर से मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया. वहीं संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विश्वास प्रस्ताव रखा. सदन के शुरु होते ही सीएम गहलोत और सचिन पायलट की बीच की अदावत पर बीजेपी नेताओं की ओर से कटाक्ष शुरु हो गए. सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया की ओर से सीएम गहलोत के सचिन पायलट के लिए दिए गए ‘निकम्मा-नाकारा’ बयान पर बार बार आक्षेप किया गया.

कटारिया ने पायलट को मेहनती नेता बताते हुए कहा कि जिस आदमी ने 6 साल जमकर मेहनत की और पार्टी को 21 से उठाकर जीतने वाली जगह खड़ा किया, उसके लिए मुख्यमंत्री का बयान किसी भी तरह से ठीक नहीं है. कटारिया ने ये भी कहा कि वो उनके घर की लड़ाई है लेकिन बीजेपी पर आरोप लगाए जा रहे हैं.

गुलाब चंद कटारिया ने मुख्यमंत्री गहलोत के नकारा निकम्मा वाले बयान पर बोलते हुए कहा झगड़ा तुम्हारा और आरोप बीजेपी पर मंडते हो, जब पति-पत्नी के बीच में झगड़ा होता है तो थप्पड़ बच्चे को पड़ता है. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खड़े होकर कहा कि आपने सुना था मैंने क्या कहा था, आप थे वहां, पहले सुनिए कहा था मैनें फिर बोलना. मुख्यमंत्री गहलोत को जवाब देते हुए कटारिया ने कहा कि मैंने अकेले ने नहीं पूरे हिंदुस्तान ने सुना कि आपने क्या कहा था. कटारिया ने आगे कहा कि महात्मा गांधी के नाम पर ये दुकानदारी ज्यादा दिन नहीं चलेगी. इस पर कांग्रेस विधायक भड़क गए. तकरार बढ़ने पर स्पीकर सीपी जोशी ने बीच बचाव किया.

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कटारिया के भाषण में पायलट का जिक्र आने पर सचिन पायलट ने बीच में खड़े होकर कहा कि बार बार मेरा नाम लिया जा रहा है तो मेरा जवाब देना जरूरी हो गया है. पायलट ने कहा कि मैं, मेरी कार्यशैली और मेरी पार्टी, हमारे नेता, हमारे सहयोगी, हमारे बीच में जो जिसने भी बोला, आप सब उसे साइड में रख दीजिए. आप सब वो बात करें जो इस सदन में रखी गई है. आप सदन में विश्वास मत के प्रस्ताव के बारे में बात करें. आप केवल सरकार के गुण और अवगुण के बारे में बात करें. पायलट ने कहा कि जो भी कहा गया या नहीं कहा गया, जो पीड़ा होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए, उसका प्रभाव मेरे उपर पड़ना चाहिए.

इससे पहले उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पायलट और गहलोत के बीच की फूट को सदन में उठाते हुए सचिन पायलट की तारीफ में कसीदे कसे. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान की सियासत में ये शांति तुफान से पहले की शांति है. उन्होंने कहा कि डेढ़ महीने से हाईप्रोफाइल ड्रामे को जनता देख रही है. पायलट के लिए राठौड़ ने कहा कि ये वही व्यक्ति है जिसने 6 साल कड़ी मेहनत की, पुलिस की लाठियां खाई और पार्टी को 21 से उठाकर जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया. राठौड़ ने सचिन पायलट की सदन में कुर्सी बदलने पर भी कटाक्ष कसते हुए कहा कि जिनके हस्ताक्षर पर इतने सारे लोग जीतकर विधायक बने, वो व्यक्ति पार्टी की जीत के बाद नाकारा और निकम्मा हो गया.

उपनेता प्रतिपक्ष ने सीएम गहलोत के ‘रगड़ाई नहीं हुई…’ बयान का भी यहां जिक्र किया. राठौड़ ने सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि आप 1980 में 29 साल की उम्र में सांसद बने, 33 वर्ष की उम्र में केंद्रीय मंत्री बने और 1998 में 47 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने. वहीं सचिन पायलट 2009 में 27 वर्ष की उम्र में सांसद बने, 32 वर्ष की उम्र में केंद्रीय मंत्री और 43 वर्ष की उम्र में डिप्टी सीएम बने. राठौड़ ने कहा कि अब ये रगड़ाई किसकी और कैसे होनी चाहिए थी, ये बाद की बात है. राठौड़ ने ये भी कहा कि जब व्यक्ति पर नाश छाता है तो सबसे पहले विवेक मर जाता है.

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उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, ‘सियासत की अपनी अलग ज़ुबा होती है, लिखा जो इनकार इकरार पढ़ना। सियासत भी मोहब्बत की तरह राह बदलती है, कभी तख्त पर रहती है कभी बाहें बदलती है।।’

इस पर सचिन पायलट ने खड़े होकर कहा, ‘बार बार राठौड़ साहब मेरा नाम ले रहे हैं. जब अध्यक्ष महोदय ने मेरी सीट में बदलाव किया और मैने मेरी सीट को यहां पर पाया, जब मैं वहां बैठता था, सुरक्षित था और सरकार का हिस्सा था. मैने दो मिनिट सोचा कि स्पीकर महोदय ने मेरी सीट यहां क्यों रखी और पाया कि ये तो सरहद है..और सरहद पर सबसे मजबूत योद्धा को भेजा जाता है’. पायलट के इस कथन पर कांग्रेस विधायकों ने मेज को थपथपाते हुए पायलट का समर्थन किया.

गौरतलब है की सरकार ने ध्वनि मत से विश्वास मत हासिल कर लिया जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 21 अगस्त शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

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