jagdeep dhankar
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राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है. 60 से अधिक विपक्षी सांसदों ने प्रस्ताव पर दस्तखत किया है. इस संबंध में विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के जनरल सेक्रेटरी पीसी मोदी को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया. गौर करने वाली ये भी है कि महाराष्ट्र के चुनावी परिणामों के बाद नेतृत्व करने और सीट बंटवारे सहित अन्य विवादों पर जो इंडिया गठबंधन टूट रहा है, वो अविश्वास प्रस्ताव पर एकजुट हो रहा है. प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाली पार्टियों में कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आरजेडी, सीपीआई, सीपीआई’एम और आम आदमी पार्टी भी शामिल हैं. धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण सदन चलाने और विरोधी सांसदों को बोलने से रोकने का आरोप है. हालांकि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सांसदों संग एक बैठक कर सदन को शांति से चलाने की अपील की लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर वहां कोई चर्चा नहीं हुई है.

धनखड़ पर क्यों लग रहे आरोप

उप राष्ट्रपति पर भारतीय व्यापारिक संस्था अडानी एंड ग्रुप्स के मुद्दे पर विरोधी सांसदों को बोलने से रोकने और पक्षपात करने के आरोप लगे हैं. दरअसल, न्यूयॉर्क स्थित निवेशक शोध फर्म ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा समूह पर दशकों से स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी योजना का आरोप लगाने के बाद अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों और अन्य अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई है. संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. मंगलवार को भी अडाणी-जॉर्ज सोरोस मुद्दे पर हंगामा जारी रहा और फिर सदन को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

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राहुल-प्रियंका पर भी लगे आरोप

सदन में हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कोई भी मुद्दे हों, हम सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करेंगे. उल्होंने कहा कि सपा, टीएमसी और कांग्रेस समेत कई पार्टियों के कई सांसद मेरे पास आए थे. पूरी कांग्रेस पार्टी राज्यसभा में चर्चा करना चाहती है, सिर्फ राहुल गांधी संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहते. शायद उनका संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. सभी सांसद चर्चा चाहते हैं, हर सांसद के लिए उनका संसदीय क्षेत्र अहमियत रखता है. राहुल के लिए कोई मुद्दा मायने नहीं रखता.

इधर, प्रियंका गांधी ने कहा कि हम जो प्रदर्शन कर रहे हैं, वो बाहर कर रहे हैं. हम रोज कोशिश करते हैं, लेकिन वे (सरकार) चर्चा नहीं चाहते. रोज किसी न किसी बहाने सदन को स्थगित करा रहे हैं.

इधर विपक्षी सांसदों ने हंगामे को बरकरार रखा है. इस पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी इतना पक्षपाती सभापति नहीं देखा है. वे विपक्षी सांसदों को चुप कराते हैं. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने विपक्षी सांसदों पर प्रधानमंत्री के बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप भी लगाए थे. गौरतलब ये भी है कि अगस्त में भी विपक्षी सांसदों द्वारा उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की गयी थी. हालांकि बाद में यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था. अब देखना होगा कि गरिमामय पद के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव इस बार ला भी पाता है या नहीं.

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