Politalks.News/MadhyPradesh/UP. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भोपाल में 100 करोड़ की लागत से बने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन(हबीबगंज) का लोकार्पण किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, ‘रानी कमलापति का नाम जुड़ने से गोंड गौरव भारतीय रेलवे से जुड़ा है. आज का दिन देश के लिए गौरवपूर्ण इतिहास और वैभवशाली भविष्य के संगम का दिन है. वहीं बिरसा मुंडा की जयंती पर पीम मोदी ने ‘राशन आपके द्वार‘ योजना की शुरुआत की. आपको बता दें, 16 नंवबर को पीएम मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करेंगे. इन सबके बीच सियासी गलियारों में चर्चा है कि अचानक मोदी सरकार को रानी करमापति, बिरसा मुंडा और सुहेलदेव की याद क्यों आ गई है? यह माना जा रहा है कि यूपी सहित पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए जाटों की नाराजगी, राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे को साधने की भाजपा सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है.
मध्यप्रदेश के भोपाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, ‘6 साल पहले तक जिसका भी पाला भारतीय रेल से पड़ता था, वो भारतीय रेल को ही कोसते हुए ज्यादा नजर आता था. स्टेशन पर भीड़ भाड़ गंदगी, खाने-पीने की असुविधा, ट्रेन में गंदगी और सुरक्षा की भी चिंता रहती थी. लोग चेन लेकर बैग में ताला लगाते थे’. पीएम ने कहा कि, ‘एक जमाना था, जब रेलवे के प्रोजेक्ट को ड्राइंग बोर्ड से जमीन पर उतरने में सालों साल लग जाते थे. मैंने पिछले दिनों समीक्षा की तो एक प्रोजेक्ट 40 साल से कागजों पर है. अब यह काम भी मुझे ही करना पड़ेगा, मैं करूंगा, यह भरोसा देता हूं’.
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वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के सियासी गलियारों में चर्चा है कि मोदी सरकार ने अचानक आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की जयंती को एक तरफ जनजातीय गौरव दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया है तो इसी दिन भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का भी उद्घाटन होना और इसका नया नाम अब कमलापति रानी पर होना, यह सब केवल एक इत्तिफ़ाक़ नहीं है. यही नहीं कल 16 नवंबर यानी मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करने के लिए यूपी जाने वाले हैं. इस दौरान वह आजमगढ़ स्थित मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन भी करेंगे, जिसका नाम राजभर बिरादरी के राजा रहे सुहेलदेव पर रखा गया है. इससे पहले यूपी के ही अलीगढ़ में जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर यूनिवर्सिटी का ऐलान और असम में अहोम योद्धा लाचित बड़फुकन का जिक्र भी पीएम नरेंद्र मोदी कर चुके हैं. इन सभी नायकों के नाम इतिहास की पुस्तकों में विरले ही मिलते हैं.
ऐसे सवाल उठना लाजमी है कि आखिर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा इन्हें प्रमोट क्यों कर रहे हैं?दरअसल, भले ही इतिहास की पुस्तकों में प्रमुखता के साथ ये नाम नहीं मिलते हैं, लेकिन लोक इतिहास में इनकी कहानियां चर्चित रही हैं. एक तरफ मुंडा जनजाति के लोग बिरसा मुंडा को देवता मानते रहे हैं तो जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह आजादी के नायक होने के साथ ही जातीय गौरव के भी प्रतीक रहे हैं.
इसी तरह पूर्वांचल में राजभर समाज सुहेलदेव राजभर को अपने नायक के तौर पर देखता रहा है. सुहेलदेव के नाम पर दिल्ली से गाजीपुर के बीच ट्रेन पहले ही सरकार शुरू कर चुकी है. ऐसे में अब मेडिकल कॉलेज भी उनके नाम पर बनाकर केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वे राजभर समाज के नायक का सम्मान करते हैं और इतिहास में उन्हें सम्मान न मिलने की भरपाई अपने तरीके से कर रहे हैं. राजा महेंद्र प्रताप सिंह की इतिहासकारों की ओर से उपेक्षा का जिक्र भी पिछले दिनों अलीगढ़ में पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक इसके जरिए पीएम मोदी और भाजपा जाट बिरादरी, सुहेल समाज, राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को एक साथ साधने की कोशिश कर रहे हैं.