पॉलिटॉक्स न्यूज. उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को घर तक छोड़ने के लिए एक हजार बसों की पेशकश पर कांग्रेस और बीजेपी में गर्मागर्म सियासत तो चल ही रही है लेकिन इस सियासी जंग में एक नया मोड़ तब आ गया जब कांग्रेस की ही विधायक अदिति सिंह ने ही अपने पार्टी के रूख की कड़ी आलोचना करते हुए प्रियंका गांधी और पार्टी को घेरा. अदिति ने कहा कि आपदा के वक्त ऐसी निम्न स्तर की सियासत की क्या जरूरत है. दरअसल अदिति सिंह का इशारा एक हजार बसों की सूची में कई थ्री व्हीलर, एबुंलेस, निजी कार और बाइक जैसे वाहनों के भी नंबर थे. कांग्रेस विधायक ने इसे जनता के साथ एक क्रूर मजाक बताया. इधर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कांग्रेस का सपोर्ट करते हुए बीजेपी पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया. वहीं यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कोरोना संक्रमण और इसकी जिम्मेदारी लेने की बात कही. इधर, बसपा सुप्रीमो ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों पर मिलीभगत और ध्यान बांटने का आरोप लगाया.
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गौरतलब है कि कांग्रेस की यूपी प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए एक हजार बसों की व्यवस्था और उनका खर्चा उठाने का अनुरोध करते हुए सीएम योगी को एक चिट्ठी लिखी थी. प्रियंका के अनुरोध को मानते हुए योगी के निजी सचिव ने प्रियंका को सभी वाहनों की लिस्ट और फिटनेस सर्टिफिकेट सौंपने को कहा. कांग्रेस की ओर से लिस्ट तो भेजी गई लेकिन बीजेपी का दावा है कि उनमें बसों के अलावा कई थ्री व्हीलर, एबुंलेस, निजी कार और बाइक के नंबर भी हैं. साथ ही 250 से अधिक बसों को कबाड़ बताया है. इसके बावजूद कांग्रेस की ओर से बीती शाम 5 बजे 700 से अधिक बसें आगरा बॉर्डर और 100 बसें नोएडा बॉर्डर पर खड़ी कर दी गईं जिसे वहां के प्रशासन और आरटीओ ने आने नहीं दिया. इसे लेकर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को पत्र भी लिखा है.
अब बसों की इसी सूची पर रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा, ‘आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई.’
कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई,तब श्री @myogiadityanath जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
अपने ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए बागी अंदाज में कांग्रेसी विधायक ने लिखा, ‘कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई, तब योगी आदित्यनाथ ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया. खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी’.
वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस का समर्थन किया. उन्होंने यूपी सरकार पर आरोप जड़ते हुए कहा कि उप्र की सरकार बसों के फ़िटनेस सर्टिफिकेट के बहाने प्रवासी मज़दूरों को सड़कों पर उत्पीड़ित कर रही है. भाजपा सरकार ख़ुद अपने फिटनेस का सर्टिफिकेट दे कि इस बदहाली में क्या वो देश-प्रदेश चलाने के लायक है. अब कहां हैं पूरी दुनिया में भारत की उज्ज्वल होती छवि का ढिंढोरा पीटनेवाले.
उप्र की सरकार बसों के फ़िटनेस सर्टिफिकेट के बहाने प्रवासी मज़दूरों को सड़कों पर उत्पीड़ित कर रही है. भाजपा सरकार ख़ुद अपने फिटनेस का सर्टिफिकेट दे कि इस बदहाली में क्या वो देश-प्रदेश चलाने के लायक है.
अब कहाँ हैं पूरी दुनिया में भारत की उज्ज्वल होती छवि का ढिंढोरा पीटनेवाले.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 19, 2020
इधर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी प्रियंका के बसों भेजने और इस पर राजनीति को लोकतंत्र का अपमान करार देते हुए कहा कि यह अवसर प्रवासी मजदूरों के आंसू पोछने, पैरों के छाले साफ करने और उन्हें घर तक पहुंचाने का है, लेकिन कांग्रेस पार्टी अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को प्राप्त करने की महत्वाकांक्षा के साथ काम कर रही है.
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का आरोप है कि कांग्रेस सियासत कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस बिना जांच किए लोगों को ऐसे भेजेगी तो कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ेगा. इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. मजदूरों के वापसी के सवाल पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त साधन और संसाधन है. हमने पर्याप्त संख्या में ट्रेन और बसें लगा रखी हैं. हम मजदूरों को बकायदा मेडिकल जांच करके भोजन पैकेट के साथ ला रहे हैं. कांग्रेस पार्टी उस वक्त कहां थी, जब हम कोटा से बच्चों को ला रहे थे, तब उन्होंने बस क्यों नहीं दी?
इस राजनीति में बसपा सुप्रीमो मायावती कहां पीछे रहने वाली है. उन्होंने प्रवासी श्रमिकों के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर घिनौनी राजनीति करने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि दोनों पार्टियों की आपसी मिलीभगत से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करके इनकी त्रास्दी पर से ध्यान बांट रही हैं.
1. पिछले कई दिनों से प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के नाम पर खासकर बीजेपी व कांग्रेस द्वारा जिस प्रकार से घिनौनी राजनीति की जा रही है यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण। कहीं ऐसा तो नहीं ये पार्टियाँ आपसी मिलीभगत से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करके इनकी त्रास्दी पर से ध्यान बाँट रही हैं? 1/4
— Mayawati (@Mayawati) May 20, 2020
2. यदि ऐसा नहीं है तो बी.एस.पी. का कहना है कि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही घर भेजने में मदद करने पर अड़ने की बजाए, इनका टिकट लेकर ट्रेनों से ही इन्हें इनके घर भेजने में इनकी मदद करनी चाहिये तो यह ज्यादा उचित व सही होगा। 2/4
— Mayawati (@Mayawati) May 20, 2020
इसी बीच नोएडा में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज मालिक समेत 20 से अधिक लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. उन पर लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है. कांग्रेसियों ने नोएडा में 100 बसों को इकट्ठा किया था, जिसे पुलिस ने रोक दिया था. पुलिस अधिकारियों का कहना था कि हम सभी बसों की जांच कर रहे हैं. दो बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट समाप्त हो चुका है. इन दोनों बसों को सीज किया गया है. बाकी बसों की जांच की जा रही है.
3. जबकि इन्हीं सब बातों को खास ध्यान में रखकर ही बीएसपी के लोगों ने अपने सामर्थ्य के हिसाब से प्रचार व प्रसार के चक्कर में ना पड़कर बल्कि पूरे देश में इनकी हर स्तर पर काफी मदद की है अर्थात् बीजेपी व कांग्रेस पार्टी की तरह इनकी मदद की आड़ में कोई घिनौनी राजनीति नहीं की है। 3/4
— Mayawati (@Mayawati) May 20, 2020
4. साथ ही, बीएसपी की कांग्रेस पार्टी को यह भी सलाह है कि यदि कांग्रेस को श्रमिक प्रवासियों को बसों से ही उनके घर वापसी में मदद करनी है अर्थात ट्रेनां से नहीं करनी है तो फिर इनको अपनी ये सभी बसें कांग्रेस-शासित राज्यों में श्रमिकों की मदद में लगा देनी चाहिये तो यह बेहतर होगा। 4/4
— Mayawati (@Mayawati) May 20, 2020
माना जा रहा है कि सभी बसों की जांच के बाद ही अधिकारियों की ओर से हरी झंडी मिल सकती है. कांग्रेस ने बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आगरा बॉर्डर पर यूपी पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने हमें रोक लिया और पुलिस ने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय लल्लू के साथ दुर्व्यवहार किया. हमें नोएडा-गाजियाबाद की ओर जाने पर रोका गया है.