पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) का विशेष दो दिवसीय शीतकालीन सत्र 28 नवंबर गुरूवार से शुरू होगा. विधानसभा सचिवालय इसकी अधिसूचना पूर्व में ही जारी कर चुका है. विधानसभा के इस 28 और 29 नवंबर को चलने वाले संक्षिप्त सत्र के दौरान विधायी कामकाज निपटाने के साथ ही संविधान पर भी चर्चा होगी. बुधवार को विधानसभा में स्पीकर सीपी जोशी ने सर्वदलीय नेताओं की एक बैठक बुलाई जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बीजेपी से उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, मुख्य सचेतक महेश जोशी, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य नेता भी मौजूद रहे.
सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) का दो दिवसीय विशेष सत्र गुरूवार से बुलाया गया है. संविधान दिवस की 70 वर्षगांठ इस वर्ष देश मना रहा है इसके उपलक्ष्य में यह दो दिवसीय विशेष स़त्र बुलाया गया है. आगे गहलोत ने बताया कि इन 70 सालों में संविधान के लेखो जोखों पर इस सत्र में चर्चा होगी. लोकतंत्र कैसे मजबूत हो इस पर इस सत्र में पक्ष विपक्ष संविधान की गरीमा को ध्यान में रखकर चर्चा करेंगे. वहीं गहलोत ने इस बातचीत में पक्ष विपक्ष से सत्र के दौरान राजनीतिक मकसद से एक दूसरे का नीचा नहीं दिखाने की भी उम्मीद जताई.
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बैठक के बाद विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि गुरूवार से शुरू होने वाला दो दिवसीय शीतकालीन सत्र (Rajasthan Legislative Assembly) ऐतिहासिक होगा. सत्र के दौरान संविधान दिवस के उपलक्ष्य में संविधान पर चर्चा होगी. देश में लोकतंत्र कैसे मजबूत हो इस पर भी इस सत्र के दौरान चर्चा होगी. इन 70 सालों में लोकतंत्र की क्या उपलब्धियां रहीं है इस पर भी सभी दलों के सदस्य दलगत राजनीति से उठकर अपने विचार रखेंगे.
बता दे, (Rajasthan Legislative Assembly) विधानसभा का शीतकालीन सत्र जनवरी में प्रस्तावित था लेकिन संविधान पर चर्चा के लिए इस सत्र को नवंबर में ही बुलाया गया है. इसके साथ ही जनवरी में होने वाले पंचायतीराज के चुनाव कारण भी सत्र को अभी बुलाया गया है. विधानसभा का यह दो दिवसीय विशेष सत्र भले ही संक्षिप्त है लेकिन संविधान पर चर्चा के नजरिये से यह सत्र बेहद अहम है.