Wednesday, January 22, 2025
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हरियाणा में इस बार ‘नो मोदी की डबल इंजन सरकार’! चौंकाने वाले आ सकते हैं नतीजे

पिछले विस चुनाव में किंगमेकर बनी जजपा के लिए इम्तिहान की घड़ी, पसंदीदा सीएम की रेस में पिछड़े नायब सिंह सैनी, प्रदेश की 15 सीटें तय करेंगी हार-जीत का फासला. 

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हरियाणा में आगामी दो से तीन महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. फिलहाल पीएम मोदी की डबल इंजन बीजेपी सरकार यहां विराजमान है. मनोहर लाल खट्टर के विश्वस्त नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराज हैं. हालांकि एक सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के लिए हरियाणा से अच्छी खबर आ रही है. आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिलने की संभावना जताई जा रही है. इतना ही नहीं, पार्टी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम फेस के लिए जनता की पहली पसंद माने जा रहे हैं.

एक सर्वे एजेंसी के अनुसार, कांग्रेस (Congress) को 43-48 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि भारतीय जनता पार्टी को 34 से 39 सीटें मिल सकती हैं. 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 46 सीटों की जरूरत होती है. ऐसे में कांग्रेस के बहुमत तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.  अन्य को 3 से 8 सीटें मिलने का अनुमान है जिसमें स्थानीय दलों के साथ आम आदमी पार्टी भी शामिल हैं. पिछली बार किंगमेकर बनी जननायक पार्टी इस बार हीरो से जीरो बनते हुए नजर आ रही है. पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 40 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 31, जजपा ने 10 और INLD ने एक सीट जीती थी.

यह भी पढ़ें: हरियाणा में नायब सिंह सैनी होंगे विस चुनाव में बीजेपी का अगला सीएम चेहरा!

सर्वे के अनुसार, कांग्रेस को 44 फीसदी और बीजेपी को 41 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है. 2019 में हुए हरियाणा विस चुनाव में कांग्रेस को 28% वोट मिले थे. बीजेपी को 36% मत हासिल हुए. ​दिलचस्प बात यह है कि सर्वे में दोनों मुख्य पार्टियों को पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार वोट प्रतिशत ज्यादा मिल रहा है. आप को एक प्रतिशत, जजपा को दो प्रतिशत और अन्य पार्टियों को तीन फीसदी वोट मिल रहे हैं. सर्वे के मुताबिक, प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा मौजूदा वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से आगे हैं.

सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस का परंपरागत ग्रामीण वोट अब भी ‘हाथ’ के साथ है. बीजेपी को शहरी क्षेत्रों में बढ़त मिलते दिख रही है. हालांकि किसान एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर मोदी की डबल इंजन सरकार से नाराज हैं. वहीं पंजाब में मैजिक दिखा चुकी आम आदमी पार्टी भी आधी से अधिक सीटों पर हरियाणा में चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है. यहां आम आदमी पार्टी कांग्रेस के लिए वोट कटवा ही साबित होगी. प्रदेश की 15 सीटें हार या पार का फासला तय करेगी. यहां अगर कांग्रेस थोड़ी सी मेहनत करेगी तो सत्ता वापसी में कामयाब हो सकती है.

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