Politalks.News/Bharatpur. एक तरफ जहां गहलोत की कांग्रेस सरकार के नेता दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलनरत है तो वहीं राजस्थान के भरतपुर में माली समाज सहित अन्य समाजों के लोगों का पिछले 3 दिन से आरक्षण आंदोलन जारी है. भरतपुर जिले के हंतरा गांव के पास जयपुर आगरा नेशनल हाईवे पर 12% आरक्षण की मांग को लेकर सैनी समाज, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज का चक्का जाम मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी है. सरकार की तरफ पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह को प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए अधिकृत किया गया है लेकिन अब तक समाज का कोई भी नेता या प्रतिनिधि बात करने के लिए नहीं पहुंचा है. वहीं भरतपुर सहित 4 कस्बों में इंटरनेट बंदी की अवधि को 24 घंटो के लिए बढ़ा दिया गया है. विश्वेन्द्र सिंह ने आज फिर दोहराया कि, ‘ताली दोनों हाथों से बजती है, लेकिन आज ताली एक हाथ से बजाने की कोशिश हो रही है. हम वार्ता के लिए इन्तजार कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई नहीं आया, अगर इनका व्यवहार ऐसा रहेगा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.
रविवार 12 जून से ही सैनी समाज के लोग अपनी 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर जयपुर आगरा नेशनल हाइवे पर डटे हुए हैं. माली/सैनी समाज के अलावा प्रदर्शन में भरतपुर जिले के अलावा दूर-दूर से काफी संख्या में लोग आंदोलन स्थल पर पहुंचे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इंटरनेट बंदी को अगले 24 घंटे के लिए बड़ा दिया है. वहीं इस पुरे मामले में सरकार की तरफ से पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा को आरक्षण की मांग कर रहे माली समाज के लोगों से बात करने के लिए अधिकृत किया गया है लेकिन कल से ही मंत्री एवं आयुक्त प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि का इन्तजार कर रहे हैं. मंगलवार को इस पुरे मामले को लेकर पत्रकारों से बात करते हुए पर्यटन मंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि, ताली कभी भी एक हाथ से नहीं बजती है लेकिन इस मामले में ताली एक हाथ से बजाने की कोशिश हो रही है.
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मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि, ‘प्रदर्शनकारियों में शामिल माली, सैनी, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज ने नेशनल हाईवे जाम कर रखा है और आज ये उनका तीसरा दिन है. सरकार लगातार अपनी तरफ से प्रयास करते हुए उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रही है. पहले समाज के लोगों का कहना था कि मैं वार्ता के लिए ऑथराइज नहीं हूँ, लेकिन अब तो मेरी और संभागीय आयुक्त की ऑथराइजेशन भी आ गई है.’ मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि, ‘आज सुबह वार्ता के लिए समाज के लोग आने वाले थे. आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी सैनी ने एक लिस्ट भेजी थी और कहा कि मैंने इन्हें अधिकृत कर दिया है. मैं नहीं आऊंगा वार्ता करने के लिए.’
विश्वेन्द्र सिंह ने तल्ख़ अंदाज में कहा कि, ‘हम वार्ता के लिए इंतजार कर रहे हैं, अगर इनका व्यवहार ऐसा रहेगा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. अभी तक तो हम चुप बैठे हैं समाज के लोग यहां आएं और वार्ता करें, ताकि हाइवे खुले और लोगों को राहत मिल सके. इनके पास समाज का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई भी नेता नहीं है और अगर कोई नेता है तो उसे बात करने के लिए आना चाहिए. चक्का जाम में बुजुर्ग और महिलाएं बैठी हैं अगर किसी को कुछ हो गया तो उसकी जिम्मेदार कौन लेगा. मेरा उनसे निवेदन है कि जिले में शांति बनाएं, अराजकता फैलाने की जरूरत नहीं है.’
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क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग
माली, सैनी, कुशवाहा शाक्य, मौर्य समाज की मांग है कि उन्हें जनसंख्या के आधार पर 12% आरक्षण दिया जाए. जिसको लेकर वह 33 जिलों में कलेक्टर, तहसील स्तर पर SDM को ज्ञापन दे चुके हैं. जब इनकी मांगों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया तो समाज के लोगों ने 12 जून को चक्का जाम का एलान किया. इससे पहले एक महापंचायत भी की गई. महापंचायत में सरकार का कोई प्रतिनिधि समाज के लोगों से वार्ता करने नहीं पहुंचा तो शाम 4 बजे समाज के लोग नेशनल हाईवे पर आकर बैठ गए और नेशनल हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया. आज तीसरे दिन समाज के लोगों का प्रदर्शन जारी है.