पॉलिटॉक्स न्यूज/मध्यप्रदेश. 6 जून को मंदसौर गोलीकांड की बरसी है जिसे आज तीन साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर से मंदसौर गोलीकांड को याद करते हुए मृत किसानों को श्रद्धांजलि दी. यही नहीं घटनाक्रम के बहाने शिवराज सरकार पर निशाना भी साधा है. पूर्व सीएम ने कहा कि शिवराज सरकार में पहले मंदसौर में आंदोलन कर रहे किसानों पर गोलियां दागी. अब फिर से प्रदेश में किसानों का दमन शुरू हो गया है. इधर, ट्वीट करते हुए एमपी कांग्रेस ने लिखा कि आज ही के दिन शिवराज सरकार ने गोलियां बरसाकर अन्नदाता की आवाज को खामोश करने का प्रयास किया था. वहीं कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने भी आज के दिन को किसानों की हत्या का काला और पीड़ादायक दिन बताया.
आज ही के दिन 6 जून 2017 को प्रदेश के मंदसौर के पिपलियामंडी में अपना हक़ माँग रहे किसानो के सीने पर शिवराज सरकार में गोलियाँ दागी गयी थी , जिसमें 6 किसानो की मौत हुई थी।
इस बर्बर गोलीकांड की तीसरी बरसी पर मृत सभी किसान भाइयों की शहादत को नमन , भावभीनी श्रधांजलि।
1/3— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 6, 2020
एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेसी नेता कमलनाथ ने मंदसौर के गोलीकांड में किसानों की मौत पर भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सरकार बदलते ही प्रदेश में वापस किसानों पर दमन शुरू हो गया. कहीं किसान की पिटाई से मौत, कहीं ख़रीदी केंद्रो पर अपनी उपज नहीं बिक पाने के तनाव से किसान की मौत तो कहीं अपना हक मांग रहे किसानों पर लाठियां, कहीं भुगतान न मिलने से किसान परेशान तो कहीं उपज बेचने को लेकर परेशान व भटकता किसान. ऐसी तस्वीरे अब रोज़ सामने आ रही हैं.
कही भुगतान नहीं मिलने से किसान परेशान , कही उपज बेचने को लेकर परेशान व भटकता किसान , ऐसी तस्वीरे अब रोज़ सामने आ रही है।
3/3— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 6, 2020
एमपी कांग्रेस ने घटनाक्रम का एक फोटो शेयर करते हुए आज के दिन को काला दिन बताया. ट्वीट पर लिखा, ‘आज ही के दिन शिवराज सरकार ने गोलियां बरसाकर अन्नदाता की आवाज को खामोश करने का प्रयास किया था. इस जघन्य गोलीकांड में शहीद हुए किसान भाइयों को हम स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं.’
आज ही के दिन शिवराज सरकार ने गोलियां बरसाकर अन्नदाता की आवाज को खामोश करने का प्रयास किया था। इस जघन्य गोलीकांड में शहीद हुए किसान भाइयों को हम स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। https://t.co/NBCHoKyfbW
— Congress (@INCIndia) June 6, 2020
वहीं अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू ने लिखा, ‘आज वही काला पीड़ादायक दिन है, जिस दिन शिवराज सरकार ने गोलियाँ चलाकर किसानों का बेरहम कत्ल किया था..’.
आज वही काला पीड़ादायक दिन है, जिस दिन शिवराज सरकार ने गोलियाँ चलाकर किसानों का बेरहम कत्ल किया था..।
मैं दिवंगत किसानों को श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ..। pic.twitter.com/YmLXOpKnJK
— Jitu Patwari (@jitupatwari) June 6, 2020
कांग्रेसी नेता सज्जन सिंह वर्मा ने भी अपने ट्वीटर हैंडल पर मंदसौर गोलीकांड में मरे किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ‘सरकार ने किसानों की छाती पर गोलियां बरसाई. अन्नदाता इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगा’.
आज 6 जून को काला दिन है, आज ही के दिन भाजपा की शिवराज सरकार ने किसानों की छाती पर गोलियां बरसाई। अन्नदाता इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगा।
सभी मंदसौर के शहीद किसानों को विनम्र श्रद्धांजली।।@OfficeOfKNath @RahulGandhi @priyankagandhi @INCIndia @INCMP @MukulWasnik @IYCMadhya pic.twitter.com/rGw7S25cT9
— Sajjan Singh Verma (@sajjanvermaINC) June 6, 2020
एमपी कांग्रेस ने शिवराज सिंह के लिए एक खास ट्वीट पोस्ट करते हुए लिखा, ‘हे शिवराज, तुम झूठ शिरोमणि, तुम असत्य के प्रतीक, तुम मिथ्या के पर्याय, तुम मृषा के पोषक, तुम अनृत के छायाचित्र बन चुके हो’.
शिवराज के दो चेहरे हैं-
शिवराज जनता के बीच-
— कोई कर्जामाफी नहीं हुई है,शिवराज बीजेपी नेताओं के बीच-
— 6000 करोड़ की कर्जमाफी हुई है।हे ! शिवराज,
—तुम झूठ शिरोमणि, तुम असत्य के प्रतीक, तुम मिथ्या के पर्याय, तुम मृषा के पोषक, तुम अनृत के छायाचित्र बन चुके हो।“शर्म करो..!” pic.twitter.com/kYfBzal2UA
— MP Congress (@INCMP) June 6, 2020
क्या है मंदसौर गोलीकांड, 6 किसानों की हुई थी मौत
मध्यप्रदेश के मंदसौर में पिछले साल 6 जून को पुलिस फायरिंग में प्रदर्शन कर रहे 6 किसानों की मौत हो गई थी. मामले की जांच के लिए जस्टिस जेके जैन आयोग का गठन किया गया था. रिपोर्ट में जेके जैन आयोग ने मंदसौर गोलीकांड में पुलिस और सीआरपीएफ को क्लीन चिट दे दी है. आयोग ने 211 गवाहों के बयान ले जिनमें 26 सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल थे.
रिपोर्ट में उल्लेख है कि भीड़ को तितर-बितर करने और आत्मरक्षा के लिए गोली चलाना आवश्यक और न्यायसंगत था. हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि गोली चलाने में पुलिस ने नियमों का पालन नहीं किया. पहले पांव पर गोली चलानी चाहिए थी. 6 जून, 2017 को हुई इस घटना में 6 किसानों की पुलिस और सीआरपीएफ की गोली से मौत हो गई थी.