Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में पिछले साल सचिन पायलट की बगावत के समय उठा फोन टेपिंग का मुद्दा ठीक एक साल बाद फिर पायलट की नाराजगी के समय फिर से खड़ा हो गया है, जिसके बाद प्रदेश की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है. सचिन पायलट खेमे से आने वाले चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने शनिवार को कुछ विधायकों के फोन टेपिंग के आरोप लगाए जाने के बाद प्रदेश से लेकर दिल्ली तक कि सियासत में भूचाल आ गया है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान अपनी ही पार्टी के विधायक की ओर से अपनी ही सरकार पर आरोप लगाने से बेहद नाराज हो गया है और इसलिए उसने प्रदेश कांग्रेस से रिपोर्ट मांगी है. वहीं सोलंकी की इस तरह के बयान के बाद सीएम अशोक गहलोत भी काफी नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने फोन टैपिंग के आरोपों को पूरी तरह गलत बताते हुए वेदप्रकाश सोलंकी पर सवाल खड़े किए हैं.
परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार किसी का भी फोन टैप नहीं करती है. यह हमारा चरित्र नहीं है और अगर कोई भी साथी विधायक यह कहता है कि उनके फोन टैप हो रहे हैं. आरोप लगाने वाला कह रहा है कि मेरा तो फोन टैप नहीं हो रहा साथी विधायक कह रहे हैं, तो उन विधायकों के नाम सामने लाना चाहिए और जाकर मुख्यमंत्रीजी से मिलना चाहिए, उन्हें सब बताना चाहिए. विधायकों के नाम सामने आएंगे तो सच्चाई सामने आ जाएगी. इस तरह से नहीं कहना चाहिए, यह गलत बात है. किसी को शिकायत है तो नाम बतांए, केवल जुबानी जमा खर्च से कोई फायदा नहीं है.
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मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि केवल यह कहने भर से किसी का फोन टेप नहीं हो सकता. फोन टेपिंग बहुत गंभीर मुद्दा है. राजस्थान की परंपरा नहीं रही है. भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार के वीडियो सामने आने के बाद अब वो इस मुद्दे के जरिए असल मुद्दे से ध्यान भटकाने में है लगे हैं. खाचरियावास ने कहा कि 20 करोड़ के कमीशन मांगने के वीडियो में आरएसएस के एक बड़े पदाधिकारी के दिखने के बाद से बीजेपी बैकफुट पर आ गई है. आरएसएस पदाधिकारी के वीडियो से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी के नेता अब फोन टैपिंग के झूठे आरोप लगाकर बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं.
आरोप बेबुनियाद, विधायक को सोच समझकर बोलना चाहिए- महेश जोशी
वहीं सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने वेदप्रकाश सोलंकी के बयान पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि वेदप्रकाश सोलंकी का बयान बेबुनियाद है, फोन टेपिंग का सवाल ही नहीं उठता. एक जनप्रतिनिधि को सोच विचार कर बयान देना चाहिए. विधायक के पद की कई जिम्मेदारियां होती हैं, उनके अनुसार ही बयान देना चाहिए. बिना तथ्यों के बोलना ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री विधानसभा में यह कह चुके हैं कि राजस्थान में फोन टैपिंग की परंपरा नहीं रही है, उसके बाद क्या बच जाता है.
दूसरी तरफ बीजेपी सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान की वर्तमान कांग्रेस सरकार अवैध तरीके से जन प्रतिनिधियों के टेलीफोन टैप करती है. इसे अपने राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती है. ऐसा अनेक बार आरोप लगा है. जोधपुर प्रवास के दौरान रविवार को अनौपचारिक बातचीत में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि पिछले वर्ष जब फोन टैपिंग प्रकरण सामने आया था. तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में और मीडिया के सामने कहा था कि राजस्थान में यह परंपरा नहीं हैं, लेकिन बाद में विधानसभा में उन्हीं के मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि हमने लीगल तरीके से टेलीफोन टैप किए हैं.
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केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मेरी जानकारी में आया है कि कांग्रेस पार्टी के ही कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री से इस बात की शिकायत की है कि उनके टेलीफोन टैप किए जा रहे हैं. यह वैध किया जा रहा है या अवैध किया जा रहा है, मुझे लगता है कि राज्य सरकार और कांग्रेस की मुखिया को इस बात का स्पष्टीकरण देना चाहिए.
दरअसल, पिछले साल कांग्रेस के खेमे में मचे सियासी घमासान के दौरान फोन टैपिंग का मुद्दा सुर्खियों में रहा था. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के कथित ऑडियो जारी करने के मुद्दे को लेकर बीजेपी ने राजस्थान सरकार पर भाजपा और अपने ही नेताओं के फोन टेप करने के आरोप लगाए थे. मामले की गूंज राजस्थान विधानसभा में भी सुनाई दी थी. वहीं इस मामले में गजेंद्र सिंह की ओर से दिल्ली में दर्ज एफआईआर की जांच क्राइम ब्रांच को दे दी गई थी. मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा पर ऑडियो टेप जारी करने का आरोप लगाया गया था. मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका के बाद इस प्रकरण की जांच पर 6 अगस्त तक रोक लगा दी गई है.
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आपको बता दें, इस पूरे मामले में भाजपा लगातार हमलावर रही है. ऐसे में कांग्रेस में सचिन पायलट कैंप की ओर से फिर से बगावती तेवर अपनाने के साथ ही फोन टेपिंग का एजेंडा फिर बाहर आ गया है और निश्चित तौर पर आने वाले कई दिनों में इस मुद्दे को लेकर पक्ष-विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहने की पूरे कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अभी दिल्ली में ही है और उन्होंने वेद प्रकाश सोलंकी के बयान को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है.