लॉकडाउन बढाने की अधिकृत घोषणा आज, ‘हमारा संकल्प प्रदेश में कोई भूखा न सोए’- सीएम गहलोत

गहलोत ने व्यापारियों को दिलाया विश्वास जीवन सर्वोपरी को ध्यान में रखकर लेंगे निर्णय, पीएम के साथ वीसी के बाद हो सकती लॉक डाउन बढाने की घोषणा, सीएम की अपील- जो सक्षम हैं वे वास्तविक जरूरतमंद के हिस्से का अनुचित लाभ नहीं लें

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देशभर में केन्द्र सरकार द्वारा आदेशित 14 अप्रैल तक चलने वाला 21 दिन का लॉकडाउन जारी है. वहीं लॉकडाउन के बावजूद पूरे भारतवर्ष में कोरोना का कहर भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है. राजस्थान में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. शुक्रवार को प्रदेश में एक दिन में अब तक सबसे ज्यादा 98 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए, जिसके बाद प्रदेश में कुल कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 561 हो गई. ऐसे में लगातार बढती मरीजों की संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में लॉकडाउन का समय 1 मई तक के लिए बढाने का निर्णय ले लिया है. आज प्रधानमंत्री मोदी से मुख्यमंत्रियों की होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद इसकी घोषणा होने की बात सामने आ रही है.

कोरोना संकट के इस समय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी वर्गों का ध्यान रखकर जनहित में फैसले ले रहे है. सीएम गहलोत ने शुक्रवार को आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति करने में आ रही बाधाओं को दूर करने और प्रदेश में लॉकडाउन खोलने को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के औद्योगिक संगठनों, खाद्य पदार्थ एवं किराना संघों, सब्जी विक्रेता संघ, दवा एसोसिएशन, आढ़तिया व्यापार संघ, डेयरी संघ, होटल, खनन एवं ज्वैलरी व्यवसायी तथा बिल्डर्स आदि से चर्चा की. इस दौरान सीएम गहलोत ने सभी व्यापारी वर्ग से लॉकडाउन खोलने को लेकर उनके सुझाव लिए. सीएम गहलोत ने इस दौरान व्यापारियों को आश्वस्त किया कि आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में पास को लेकर आ रही परेशानियों का समाधान भी जल्द कर दिया जाएगा.

इसी बीच प्रदेश में बढ रहे संक्रमण की रोकथाम एवं आमजन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गहलोत सरकार ने एक ओर बडा फैसला लेते हुए एक अधिसूचना जारी कर राजस्थान ऎपिडेमिक डिजीजेज एक्ट, 1957 की धारा 2 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सार्वजनिक स्थानों व संस्थानों में पान, तम्बाकू या किसी भी प्रकार के थूंकने पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगा दी है. अब सार्वजनिक जगहों पर थूंकने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी. गौरतलब है कि सार्वजनिक स्थानों पर थूंकने से कोरोना वायरस के फैलने की आशंका रहती है इसको देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है.

वहीं अपने सोशल मीडिया पेज के थ्रू मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के लिए प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा सर्वोपरि है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार लॉकडाउन के संबंध में उचित कदम उठाएगी. कोराना महामारी से निपटने तथा लॉकडाउन में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चैन को सुचारू बनाए रखने में उद्यमियों तथा कारोबारियों ने सरकार का आगे बढ़कर सहयोग किया है. कोरोना से लड़ाई अभी जारी है, आशा है आगे भी सभी से इसी तरह का सहयोग मिलता रहेगा. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि सरकार संकट की इस घडी में उद्यमियों के साथ खड़ी है. आवश्यक वस्तुओं से संबंधित ऐसे उद्योग जो लॉकडाउन में खोलने के लिए अनुमत थे, उन्हें अपना कार्य सुचारू रूप से संचालित करने में किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी.

सीएम गहलोत ने बताया कि कोरोना से लड़ाई में राजस्थान सरकार ने आगे बढ़कर निर्णय किए हैं. प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं सोए यह हमारा मूलमंत्र रहा है. इस संकल्प को पूरा करने में सामाजिक कार्यकर्ताओं, भामाशाहों के अलावा उद्यमियों एवं व्यापारी वर्ग सहित सभी लोगों ने खुले मन से सरकार को सहयोग किया है. सीएम गहलोत ने इसके साथ ही कहा कि जिन उद्योगों में उत्पादन चल रहा है, वहां श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग और हैल्थ प्रोटोकॉल की पूरी पालना सुनिश्चित की जाए. फैक्ट्रियों में मास्क एवं सेनेटाइजर उपलब्ध कराए जाएं. साथ ही मंडियों में भी भीड़ एकत्र न हो और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाए.

सीएम गहलोत ने व्यापारियों से चर्चा के बाद टवीट कर कहा कि कोरोना महामारी की इस आपदा के समय राज्य सरकार का यह संकल्प है कि प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोए, लेकिन साथ ही हम सबकी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वास्तविक जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिलना सुनिश्चित हो. राशन सामग्री एवं भोजन वितरण राजनीति से परे होकर सेवाभाव के साथ किया जाए. इसे प्रचार और प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं बनाया जाए. राज्य सरकार ने वितरण के दौरान किसी तरह की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी निषिद्ध कर दी है.

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वहीं प्रदेशवासियों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जो व्यक्ति सक्षम हैं वे वास्तविक जरूरतमंद के हिस्से का अनुचित लाभ नहीं लें. सूखी राशन सामग्री एवं पके हुए भोजन के पैकेट पर पहला हक उन निराश्रित, बेसहारा तथा जरूरतमंद लोगों का है, जो संकट की इस घड़ी में पूरी तरह सरकार एवं जनसहयोग पर आश्रित हो गए हैं. सीएम गहलोत ने आगे बताया कि उन्होंने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए हैं कि इस कार्य के लिए स्वयंसेवी संगठनों को निरन्तर प्रोत्साहित किया जाए और अच्छा कार्य करने वाली संस्थाओं को भोजन वितरण को लेकर आने वाली समस्याओं का निराकरण भी तत्काल प्रभाव से किया जाए. राशन एवं भोजन के पैकेट वितरित करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए. इस दौरान किसी तरह की भीड़ एकत्र नहीं हो.

आगे सीएम गहलोत ने निर्देश देते हुए कहा कि राशन सामग्री एवं पके हुए भोजन का किसी स्थान विशेष पर कैम्प लगााकर वितरण नहीं किया जाए. भामाशाह एवं स्वयंसेवी संस्था द्वारा सूखी राशन की सामग्री तथा पका हुआ भोजन जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाया जाए. इनका वितरण पैकेट के रूप में प्रशासन द्वारा ही घर-घर जाकर चिन्हित जरूरतमंद व्यक्तियों एवं परिवारों को किया जाए. स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि प्रशासन द्वारा गठित वितरण व्यवस्था के सदस्य हो सकते हैं एवं वे भोजन पैकेट के साथ अपनी संस्था के नाम का पैम्पलेट अथवा स्टीकर वितरित करवा सकते हैं.

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