Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को भगवान महावीर कैंसर चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र में आईपीडी के द्वितीय ब्लॉक के शिलान्यास समारोह में शिरकत की. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने गलत तरीके से कमाई करने वाले प्राइवेट स्कूलों और अस्पतालों को आड़े हाथ लिया. सीएम गहलोत ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र प्रॉफिट वाला नहीं है. इसमें कोई व्यापार नहीं होना चाहिए, यह तो समाजसेवा वाला काम है. जो इसमें प्रॉफिट कमाते हैं, वे गलत काम करते हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा में पैसा कमा नहीं सकते, लेकिन बैकडोर से कमाने का रास्ता निकाल लेते हैं. आपको बता दें, करीब 235 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले इस कैंसर केयर भवन से चिकित्सालय में 200 अतिरिक्त बैड उपलब्ध हो सकेंगे. इस ब्लॉक में बोनमेरो ट्रांसप्लांट, रोबोटिक सर्जरी, टोमोथैरेपी, सिंटीमेमोग्राफी और इंटरवेशनल रेडियोलॉजी कैथलेब जैसी आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
सपत्नी कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार आमजन को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्प के साथ काम कर रही है. हमारा प्रयास है कि राजधानी से लेकर गांव-ढाणी तक लोगों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हों. सीएम गहलोत ने बताया कि विगत तीन वर्षाें में इस दिशा में एक से बढ़कर एक निर्णय लिये गये हैं, इसी का परिणाम है कि देश के दूसरे राज्यों से भी लोग राजस्थान में आकर इलाज ले रहे हैं.
अपने संबोधन में गलत तरीके से पैसा कमाने वाले अस्पतालों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अस्पताल चलाने वालों का मुख्य उद्देश्य प्राणी मात्र और मानवता की सेवा करना है, लेकिन कई संस्थान इस उद्देश्य को भूलकर लाभ कमाना शुरू कर देते हैं, यह उचित नहीं है. सीएम गहलोत ने कहा कि अस्पताल चलाने वालों को यह साफ करना चाहिए कि जो प्रॉफिट कमाते हैं, वह अस्पताल के विस्तार में ही लगाया जाता है. देश में कई बड़े अस्पताल हैं, जिनमें कई अच्छे काम कर रहे हैं. दूसरी तरफ कई अस्पतालों में इलाज की कीमत ज्यादा होती है. इस देश में संस्कार ऐसे हैं कि बूढ़े मां-बाप के कैंसर होने पर भी सब कुछ बेचकर लोग इलाज करवाते हैं. कई बड़े अस्पतालों का बिल तो लाखों में होता है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि कोरोना ने बड़े अस्पतालों की पोल खोल दी है, जो अस्पताल गलत काम करते हैं उनकी पोल खोल दी. पैसे वालों को पता लग गया कि पैसा ही सब कुछ नहीं है. मुंबई बैंगलोर में पैसे वाले कहने लगे कि हम भिखारी बन गए, एक बेड तक नहीं मिला. जहां-जहां प्राइवेट अस्पताल खड़े हुए, वहां यह हालत बनी. लेकिन राजस्थान में ये हालात नहीं बने, हमने प्राइवेट अस्पतालों को अनुमति दी, लेकिन साथ में सरकारी क्षेत्र में अस्पतालों का पूरा विकास किया. आज एसएमएस अस्पताल में प्राइवेट अस्पताल से लोग शिफ्ट हो रहे हैं. हालांकि सीएम गहलोत ने स्वीकार करते हुए कहा कि कुछ कमियां जरूर हैं जिन्हें ठीक करना है.