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बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पार्टी की ‘मैं भी चौकीदार’ मुहिम पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ट्विटर पर मैंने अपने नाम के आगे चौकीदार नहीं लगाया. मैं ब्राह्मण हूं इसलिए मैं अपने नाम के आगे चौकीदार नहीं लगा सकता. उन्होंने कहा कि मैं चौकीदार को आदेश दूंगा कि उसे क्या करना है.

गौरतलब है कि बीजेपी ने राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ नारे की काट के तौर पर ‘मैं भी चौकीदार’ मुहिम शुरू की है. इसकी शुरुआत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे ‘चौकीदार’ जोड़कर की. उनके ऐसा करते ही सरकार के सभी मंत्रियों और बीजेपी के छोटे-बड़े नेताओं ने भी ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द लगा लिया.

बीजेपी की सोशल मीडिया टीम ने ट्विटर पर ‘मैं भी चौकीदार’ मुहिम को जबरदस्त ढंग से प्रचारित किया. प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर इससे जुड़ा एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘हर देशवासी जो भ्रष्टाचार, गंदगी और सामाजिक बुराइयों से लड़ रहा है, वो एक चौकीदार है. भारत के विकास के लिए कड़ी मेहनत करने वाला हर व्यक्ति चौकीदार है. आज हर भारतीय कह रहा है मैं भी चौकीदार.’ इसके बाद ट्विटर पर #MainBhiChowkidar ग्लोबल ट्रेंड में टॉप पर रहा.

यही नहीं, बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 25 लाख चौकीदारों को ऑडियो ब्रिज के जरिए संबोधित कर नया प्रयोग किया. इस अभियान के जरिए भाजपा राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ के आरोप का जवाब देने के साथ-साथ राजनीतिक ध्रुवीकरण करने की किसी योजना की तरफ बढ़ रही है. ऐसे में सुब्रमण्यम स्वामी ने ‘मैं भी चौकीदार’ मुहिम पर तंज कस बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है.

यह पहला मौका नहीं जब सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा हो. मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की वे समय-समय पर आलोचना करते रहे हैं. बीते शनिवार को ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को अर्थशास्त्र की कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि हमारे प्रधानमंत्री यह क्यों कहते रहते हैं कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. उन्हें अर्थशास्त्र की जानकारी नहीं है और वित्त मंत्री भी अर्थशास्त्र नहीं जानते. हार्वर्ड से अर्थशास्त्र विषय में पीएचडी करने वाले और वहां यह विषय पढ़ाने वाले स्वामी अक्सर जेटली की आलोचना करते रहे हैं.’

स्वामी ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं नहीं, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था के आकार की गणना का सही तरीका क्रय शक्ति क्षमता है और इसके आधार पर भारत फिलहाल तीसरे स्थान पर है. विनिमय दरों पर आधारित गणना के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें स्थान पर है. विनिमय दरें बदलती रहती हैं. रुपये में गिरावट होने के कारण भारत इस तरह की गणना के आधार पर फिलहाल सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.’

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