अध्यक्ष के लिए 3 प्रत्याशी मैदान में, खड़गे के साथ G-23 नेताओं की मौजूदगी पर थरूर ने उठाए सवाल

मल्लिकार्जुन खड़गे हैं कांग्रेस के भीष्म पितामह, लेकिन ऐसा क्यों दिखाया जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे हैं आधिकारिक उम्मीदवार, मेरा मानना है कि जो स्थिति को बरकरार रखना चाहते हैं, वे खड़गे को वोट करेंगे, जो बदलाव चाहते हैं, वे मुझे वोट करेंगे- शशि थरूर

24 साल बाद होगा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव
24 साल बाद होगा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव

Politalks.News/CongressPresidentElection. आख़िरकार कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए तीन प्रत्याशियों ने नामांकन भर दिया है. 8 तारीख नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है. अगर 8 अक्टूबर भी निकल जाती है और कोई भी प्रत्याशी अपना नामंकन वापस नहीं लेता है तो फिर 17 अक्टूबर को तीन प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा. शशि थरूर के अध्यक्ष चुनाव के नाम के एलान के वक़्त ये साफ़ नहीं था कि उनके सामने अन्य प्रत्याशी कौन होगा. जिसे लेकर पिछले कई दिनों से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी और आज सुबह ही मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर मुहर लगी. शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों ने आज अपना अपना नामांकन भर दिया है. यही नहीं इन दोनों दिग्गजों के साथ ही झारखंड से आने वाले कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने भी अपना नामांकन भरा है. यह दूसरी बार है जब कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए तीन प्रत्याशी मैदान में हैं. इससे पहले 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था जिसमें केसरी जीते थे.

आपको बता दें, कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए नामांकन भरने का आखिरी दिन था. केरल के तिरुवनन्तपुरम से सांसद शशि थरूर ने आज सबसे पहले AICC दफ्तर पहुंच गाजे बाजे के साथ अपना नामांकन भरा. नामांकन भरने के दौरान शशि थरूर अपने आप में बहुत ज्यादा कॉन्फिडेंट नजर आ रहे थे. वहीं पार्टी के दिग्गज नेताओं के साथ AICC दफ्तर पहुंचे मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बड़ी ही उत्सुकता के साथ कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन भरा. इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ G 23 (G-22) गुट के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण सहित कई दिग्गज नेता मौजूद रहे. हालांकि शशि थरूर ने इनकी मौजूदगी पर सवाल भी उठाए लेकिन उन्होंने कहा कि, गांधी परिवार की इस चुनाव में कोई दखलंदाजी नहीं है.

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वहीं नामांकन भरने के बाद शशि थरूर ने कहा कि, ‘मैं मुकाबले से पीछे नहीं हटूंगा. यदि मेरा ऐसा कोई इरादा होता तो फिर नामांकन ही क्यों दाखिल करता. आज देश में बदलाव के लिए मजबूत विपक्ष की जरुरत है. हमें कांग्रेस को और भी अधिक मजबूत करने की जरुरत है. मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के भीष्म पितामह हैं. मेरे मन में उनके प्रति कोई असम्मान नहीं है. मैं अपने विचारों को प्रस्तुत करूंगा.’ वहीं जब शशि थरूर से सवाल पुछा गया कि, जब मल्लिकार्जुन खड़गे ने नामांकन भरा तो उनके साथ कई दिग्गज नेता मौजूद रहे’ तो उन्होंने कहा कि, ‘ये तो कांग्रेस नेतृत्व से पूछना चाहिए कि ऐसा क्यों दिखाया जा रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे आधिकारिक उम्मीदवार हैं. मुझे पार्टी नेतृत्व की ओर से बताया गया था कि कोई भी आधिकारिक उम्मीदवार नहीं होगा. अगर ऐसा है तो भी मेरा मानना है कि जो स्थिति को बरकरार रखना चाहते हैं, वे खड़गे को वोट करेंगे, जो बदलाव चाहते हैं, वे मुझे वोट करेंगे.’

वहीं नामांकन दाखिल करने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, ‘मैं उन सभी नेता, कार्यकर्ता, प्रतिनिधी और राज्यों के नेताओं का शुक्रिया करता हूं जो मेरे साथ मेरे नामांकन के समय मौजूद रहे. 17 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आएंगे और मुझे उम्मीद है की मैं यह चुनाव जीतूंगा.’ बता दें कि कांग्रेस के कुल 30 नेताओं ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव रखा है.’ वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन के दौरान वहां मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष पद की चुनाव सबसे आगे चल रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह है. मल्लिकार्जुन खड़गे के अनुभव का लाभ पूरी कांग्रेस को मिलेगा. हमें इस बात की बहुत खुशी है.’

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शशि थरूर अगर कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो
कांग्रेस के जी-23 ग्रुप में शामिल रहे शशि थरूर पहले राजनयिक भी रह चुके हैं और संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद का चुनाव भी लड़ चुके हैं. शशि थरूर ने सितंबर की शुरुआत में अध्यक्ष पद के लिए खड़े होने के संकेत दिए थे. शशि थरूर की अपनी एक फैन फॉलोविंग है. इंग्लिश और अन्य भाषाओं में भले ही थरूर की मजबूत पकड़ हो लेकिन हिंदी में उनका हाथ थोड़ा कच्चा है. शशि थरूर 13 साल से केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद हैं. दक्षिण के राज्यों में कांग्रेस को मजबूत करने में भी थरूर काफी आगे रहे हैं. वह केवल दक्षिण नहीं, बल्कि उत्तर भारत में भी काफी चर्चित हैं. ऐसे में थरूर के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस को काफी फायदा हो सकता है. शशि थरूर के पास भले ही मल्लिकाअर्जुन खरगे जितना संगठन का अनुभव न हो, लेकिन आम लोगों में थरूर खरगे से ज्यादा लोकप्रिय चेहरा हैं. शशि थरूर एक पैन इंडिया पॉपुलर नेता हैं.

मल्लिकार्जुन खड़गे अगर कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो
एक समय था जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस रेस में सबसे आगे चल रहे थे. हालांकि जब कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की चर्चाएं चल रही थी तब खड़गे का नाम शामिल था लेकिन अशोक गहलोत के चलते वे रेस में नहीं थे. वहीं राजस्थान में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर हुए सियासी घमासान के बाद अशोक गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए. जिस दिन गहलोत रेस से बाहर हुए उसी दिन मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि, ‘मैं अध्यक्ष पद का चुनाव लडूंगा.’ इसके लिए उन्होंने AICC दफ्तर से फार्म भी लिया लेकिन शुक्रवार सुबह एकाएक उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मैं अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ रहा. क्योंकि तब तक कांग्रेस आलाकमान ने अंदरखाने मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर मुहर लगा दी थी और आखिर मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव लड़ने का एलान किया गया. बताया जाता है कि सोनिया गांधी ने भी खड़गे को हरी झंडी दे दी. इसके बाद दिग्विजय सिंह ने खड़गे का प्रस्तावक बनने का एलान कर दिया.

80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के करीबी तो हैं हीं, लेकिन विपक्ष के अन्य नेताओं से भी उनके अच्छे संबंध हैं. खड़गे नौ बार विधायक रहे और दो बार लोकसभा सांसद और अभी वह राज्यसभा के सांसद हैं. केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार में खड़गे श्रम व रोजगार मंत्री रहे. महाराष्ट्र से खड़गे का पुराना नाता है. आने वाले समय में कर्नाटक और फिर महाराष्ट्र में भी चुनाव होंगे. ऐसे में खड़गे इन दोनों राज्यों के अलावा दक्षिण के अन्य राज्यों में कांग्रेस को अच्छा फायदा दिला सकते हैं. संगठन और प्रशासनिक कार्यों में माहिर खड़गे को प्लानिंग का मास्टर कहा जाता है.

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