Floor Test in Maharashtra
Floor Test in Maharashtra

अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) और बाबरी मस्जिद विवादित भूमि के मामले में चल रही सुनवाई आज से एक घंटे अतिरिक्त चलेगी. इससे पहले तक संविधान पीठ की सुनवाई शाम चार बजे तक चलती रही. सोमवार से ये सुनवाई शाम 5 बजे तक चलेगी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राम मंदिर जन्मभूमि (Ram Mandir Jamanbhumi), बाबरी मंदिर और निर्मोही अखाड़ा के भूमि पर कब्जे के मामले में एक बड़ा अहम फैसला लिया है. सर्वोच्य न्यायालय ने अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) मामले में सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर तक डेड लाइन तय की है. CJI रंजन गोगोई ने ये भी कहा कि सुनवाई की डेडलाइन के बाद निर्णय लिखने में 4 हफ्तों का वक्त लगेगा. ऐसे में कयास चल रहे हैं कि इस मामले में अंतिम फैसला नवंबर में आ सकता है.

इस बारे में CJI ने रामलला, मुस्लिम और निर्मोही अखाड़ा पक्ष से पूछा है कि वे कितने समय में अपनी सुनवाई पूरी कर सकते हैं. इस पर मुस्लिम पक्ष ने 27 सितम्बर तक का वक्त मांगा है. उसके बाद अयोध्या मामले में अंतिम फैसला सुनाया जाएगा. इसके बाद 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने सभी पक्षों को जल्दी से जल्दी अपनी दलीले समाप्त करने की अपील की. कोर्ट ने कोर्ट ने ये भी कहा कि ज़रूरत पड़ी तो कोर्ट रोजाना एक घंटा अतिरिक्त सुनवाई करेंगे. साथ ही न्यायालय शनिवार को भी सुनवाई करने के लिए तैयार है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया कि मामले की हफ्ते में 5 दिन की सुनवाई बंद नहीं होगी. ये ऐसी ही चलती रहेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के रास्ते को भी खुला रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर पक्षकार चाहते हैं तो मध्यस्थता का रास्ता भी अपना सकते हैं. इस बारे में वह अदालत को बता सकते हैं. इस मामले पर सीजेआई ने कहा कि अगर बातचीत से विवाद सुलझता है तो हमें कोई दिक्कत नहीं.

चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने कहा कि उन्हें मध्यस्थता पैनल की ओर से चिट्ठी मिली है, जिसमें इस बात का जिक्र किया है कि कुछ पक्ष अभी भी मध्यस्थता करना चाहते हैं. अगर ऐसा है तो इस पर बातचीत की जा सकती है. अदालत ने मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय रखने का भरोसा दिलाया है.

आपको बता दें, पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवादित जमीन मामले में मध्यस्था के लिए एक पैनल गठित किया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जज एफएम कलीफुल्ला, वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू और अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर शामिल थे. मध्यस्थता पैनल ने इस विवाद से जुड़े पक्षकारों से 155 दिनों तक बातकर मामले का समाधान निकालने की कोशिश की लेकिन इसमें कामयाबी नहीं मिली. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त, 2019 से इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का फैसला किया.

Leave a Reply