Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में कोरोना संकट के बीच राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है और राज्य सरकार की बहुप्रतिष्ठित चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीयन कराने की निर्धारित तिथि 30 अप्रैल को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है.
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने अपने पत्र में लिखा है कि वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही प्रचंड है. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीयन कराने की निर्धारित तिथि 30 अप्रैल को आगे बढ़ाने की मांग की है. पूनियां ने पत्र में लिखा कि प्रदेश में चिरंजीवी योजना एक मई से लागू की गई है, जिसमें प्रदेश के सभी परिवारों को चुने गए निजी एवं राजकीय चिकित्सालयों में पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा. योजना के तहत लाभान्वित होने के लिए योजना में 30 अप्रैल तक पंजीयन किया जाना अनिवार्य है. पूनियां ने लिखा है कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण प्रदेशवासियों को अत्यन्त पीड़ा एवं कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते कई ई-मित्र संचालक भी कोरोना से संक्रमित हो चुके है, जिसके चलते ऐसा संभव है कि कई परिवार 30 अप्रैल तक इस योजना में पंजीयन नहीं करवा पाएंगे. इसलिए मुख्यमंत्री से आग्रह है कि योजना में पंजीयन के लिए निर्धारित तिथि 30 अप्रैल आगे बढ़ाई जाए, जिससे कोई भी जरूरतमंद इस योजना से वंचित नहीं रहे और सही मायने में प्रदेशवासियों को इस योजना का लाभ मिल सके.
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क्या है चिरंजीवी योजना-
राजस्थान सरकार ने 2020-21 के बजट में ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना’ की घोषणा की. इसमें राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा मिलेगा. इसमें आर्थिक रूप से ग़रीबों को बिना किसी प्रीमियम के यह बीमा मिलेगा. जबकि अन्य सभी परिवारों योजना का लाभ लेने के लिए 850 रुपये का वार्षिक प्रीमियम देना होगा. योजना से जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इस योजना की पंजीयन की अंतिम तिथि 30 अप्रैल है. इसका पंजीयन ई मित्र केन्द्रों से किया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुसार राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष पाँच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा.
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां पहले जता चुके विरोध-
राजस्थान बीजेपी आयुष्मान भारत योजना को देश की सबसे बड़ी योजना बता कर राज्य सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगा चुकी है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा था कि-आयुष्मान भारत योजना देश की सबसे बड़ी योजना है. अशोक गहलोत नहीं चाहते कि नरेंद्र मोदी की योजना लोगों तक पहुंचे, इसलिए योजनाओं का नाम बदलकर राजनीति कर रहे हैं. अशोक गहलोत एक करोड़ लोगों को लाभ देने की बात कर रहे हैं, यदि वह लाभ देना चाहते तो आयुष्मान भारत योजना से ही दे देते.
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पहले विरोध और अब तिथि बढ़ाने की मांग–
सतीश पूनियां द्वारा गहलोत सरकार से इस योजना की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग करने पर सियासी गलियारों में चर्चाएं हैं कि कोरोना काल में सरकार की ये योजनाओं लोगों में हिट साबित हो रही हैं और अच्छी बात यह है कि विपक्ष भी इसको सराहा रहा है. वहीं बीजेपी से साइडलाइन चल रहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भिबाकह चुकी हैं कि संकट के इस दौर में हमें राजनीतिक बयानबाजी न करके मिलकर इस कोरोना से लड़ना है. ऐसे में पूनियां द्वारा सरकार से चिरंजीवी योजना की तिथि बढ़ाने की मांग करना इसका असर तो नहीं है? या वास्तव में बीजेपी और सतीश पूनियां को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ये योजना पसंद आ गई है? वैसे इन दिनों राजस्थान के बीजेपी के सांसदों द्वारा दिल्ली दरबार में बात नहीं रखने को लेकर आलोचना भी हो रही है, क्या ये मांग उसी का क्राइसिस मैनेजमेंट तो नहीं है?