Rajasthan Sardarshahr By-Election. हाल ही में लंबी बीमारी के चलते कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद खाली हुई चुरू जिले की सरदारशहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है. बता दें, सरदारशहर विधानसभा के लिए आगामी 5 दिसम्बर को उपचुनाव होंगे, जिसके परिणाम देश के अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव और उपचुनावों के साथ 8 दिसम्बर को सामने आएंगे. प्रदेश में होने वाले उपचुनावों के ट्रेंड पर गौर करें तो माना जा रहा है कि पिछले उपचुनावों की तरह इस बार सरदारशहर में भी सहानुभूति लहर ही देखने को मिलेगी, यानी कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही है. शायद इस बात का अहसास भाजपा को भी है और इसलिए खुद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने अपने एक बयान में कहा है कि उपचुनाव तो कांग्रेस ही जीतती है.
दरअसल, वर्तमान की कांग्रेस सरकार में पिछले चार साल में सात सीटों पर उपचुनाव हुए हैं और सबसे बड़ी बात 7 में से 6 सीटों पर कांग्रेस ने सहानुभूति की जीत हासिल की है. वहीं राजसमंद में भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में इस सहानुभूति का फायदा बीजेपी को मिला और वहां से किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी ने आसान जीत हासिल की. यही कारण है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस उपचुनाव जीतती है, जबकि मुख्य चुनाव बीजेपी जीतती है. हालांकि पूनियां ने सरदारशहर विधानसभा उपचुनाव को 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल मानने से इनकार कर दिया. पूनियां ने कहा कि एक उपचुनाव कभी भी सेमीफाइनल नहीं होता है.
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वहीं पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो भी यह स्पष्ट है कि चाहे सरकार बीजेपी की रही हो या कांग्रेस की उपचुनावों में ज्यादातर जीत कांग्रेस की ही होती है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के इस बयान को भी पिछले सालों में हुए उपचुनावों से जोड़कर देखा जाए तो उपचुनाव और मुख्य चुनावों के बीच रोचक संबंध देखने को मिलता है. जिससे पता चलता है कि कांग्रेस आमतौर पर बीजेपी के मुकाबले उपचुनाव में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करती है. मगर इसका ये मतलब भी कतई नहीं कि कांग्रेस मुख्य चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती.
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अब बात करें सरदारशहर उपचुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों की तो, सरदारशहर में सहानुभूति फेक्टर को देखते हुए कांग्रेस पूर्व विधायक भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को टिकट दे सकती है. तो वहीं, दूसरी ओर बीजेपी से पूर्व विधायक अशोक पींचा, जिला प्रमुख हरलाल सहारण, शिवचंद सोहू और सत्यनारायण साहू दावेदारी ठोक रहे हैं. आपको बता दें कि सरदारशहर में जाट वर्सेज ब्राह्मण फैक्टर काम करता है. अब चूंकि कांग्रेस ब्राह्मण को टिकट देने का मन बना रही है, तो ऐसे में भाजपा जाट चेहरे पर दांव लगा सकती है. इसके चलते शिवचंद और हरलाल सहारण की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है.