सचिन पायलट जिंदाबाद और लव यू के नारों से गूंजती रही टोंक की पंचायतें, कानूनों को वापस ले केंद्र सरकार

मोदी सरकार की मंशा किसानों को अपनी जमीन पर मजदूर बनाने की है, इसलिए अकाली दल और आरएलपी जैसे उनके साथियों ने उनका साथ छोड़ दिया है, अब जो सरकार अपने सहयोगी दलों को नहीं समझा पा रही है, वो किसानों को क्या समझाएगी?- पायलट

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Politalks.News/Rajasthan पूर्व पीसीसी चीफ और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 2 दिवसीय दौरे पर रविवार को जयपुर से सड़क मार्ग से अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक पहुंचे. जहां जगह-जगह समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने पायलट का जबरदस्त स्वागत किया. सचिन पायलट ने करीब एक दर्जन ग्राम पंचायतों का दौरा कर किसान बचाओ-देश बचाओ अभियान के तहत किसानों से सम्पर्क किया. इस दौरान सच्ची पायलट जिंदाबाद और पायलट आई लव यू के नारों की आवाज दिनभर गूंजती रही.

अपने संबोधनों और मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट ने किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. पायलट ने कहा कि राजस्थान और देश भर में आज जिस तरह का माहौल हर जगह आज किसान धरने दे रहे हैं, पांच – छह हफ्ते हो गए है और उस मुद्दे को लेकर आज पुरे देश में चर्चा हो रही है. इस देश में जो किसान है उनको जो सरकार ने मदद पिछले सत्तर साल से दे रही थी उसको बदल कर अब बहुराष्ट्रीय कंपनियों को, बड़े-बड़े उद्योगपतियों को छूट दी गयी है कि वो मंडियों के बाहर अनाज ले सकते है. समर्थन मूल्य का कोई जिक्र नहीं है और जो देश में मंडी सिस्टम कायम था, केंद्र सरकार उसको खत्म करने का लगभग मन बना चुकी है.

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सचिन पायलट ने कहा कि किसानो में ऐसा पहली बार हुआ है जब 24 अलग अलग विपक्षी दल एकजुट होकर यह मांग रख रहे है कि सरकार ने जो तीन कानून बनाये है, उन कानूनों को वापस ले क्योंकि किसी भी कानून को बनाने से पहले ना तो किसान से चर्चा करे है, ना किसी राज्य सरकार से चर्चा करी है और जबरदस्ती जल्दबाजी में संसद से उन विधयकों को पारित कर कर उसको लागू कर दिया है. किसान आंदोलन के दौरान लगभग 50 से ज्यादा किसानों की जाने चली गयी हैं. ठण्ड के मौसम में किसान लगातार बैठे है और मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूँ कि अगर यह कानून किसानों के हित में होते तो आज किसान धरना क्यों दे रहे है ? अगर यह कानून किसान के हित में होते तो सरकार के सहयोगी दल, अकाली दल के नेता इस्तीफा क्यों दिया ? सरकार से समर्थन वापस क्यों लिया ? एनडीए का घटक दल हनुमान बेनीवाल जी की पार्टी ने समर्थन वापस क्यों लिया ? सरकार के अपने मंत्री इस्तीफा दे रहे है. एनडीए का घटक दल उनका साथ छोड़ रहे है. पूरे हिंदुस्तान में और विश्वभर में इसकी आलोचना हो रही है तो हमारा और कांग्रेस पार्टी का निवेदन बस इतना है कि कृपा करके इन तीनो कानूनों को वापस ले लें.

वहीं मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान में भाजपा नेता ने किसानों पर ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं जो उनके मान सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं. एक तरफ सरकार बोलती है कि किसानों का पूरा आदर सत्कार करते हैं, दूसरी तरफ उनके नेता किसानों के लिए अपशब्द का प्रयोग कर रहे हैं. किसानों को नक्सली, देशविरोधी बोलना गलत है. दरअसल, पायलट का इशारा कोटा से भाजपा विधायक मदन दिलावर के उस बयान पर था, जिन्होंने किसान आंदोलन को बर्ड फ्लू फैलाने की साजिश बताया था.

सचिन पायलट ने कहा कि देश ने संकल्प लिया है कि केंद्र तीनों कानून को वापस लें. सरकार की किसानों को अपनी जमीन पर मजदूर बनाने की मंशा है. इसलिए अकाली दल और आरएलपी जैसे उनके साथियों ने उनका साथ छोड़ दिया है. पायलट ने कहा जो सरकार अपने सहयोगी दलों को नहीं समझा पा रही है, वो किसानों को क्या समझाएगी? इस दौरान सचिन पायलट को देखने सुनने हर जगह पर जबरदस्त जनसैलाब उमड़ा.

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