विवादित बयान पर बवाल: पूर्व जज बाेले- मंत्रियाें काे काबू में रखे गहलोत सरकार, न्यायालय काे न ले हल्के में

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने वर्चुअल सुनवाई करने वाले जज की ओर से चुनाव कराने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा- काेराेना फैलाने के लिए काेर्ट जिम्मेदार, खुद पर कंट्रोल करें ताे ठीक वरना काेर्ट क्या हाेता है ये काेर्ट ही समझा देगा- पूर्व जज

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Politalks.News/Rajasthan/PratapSingh. गहलोत सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं. हाल ही में काेराेना फैलाने के लिए चुनाव कराने की अनुमति देने वाले काेर्ट काे जिम्मेदार ठहराकर प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक बार फिर राज्य सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव की स्थिति पैदा कर दी है. यही नहीं मंत्री खाचरियावास अपने बयान पर अभी भी कायम हैं, वहीं हाईकाेर्ट के पूर्व जजाें ने परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बयान पर जबरदस्त नाराजगी जताते हुए कहा है कि प्रताप सिंह खाचरियावास काेर्ट और पब्लिक दाेनाे का कंटेम्प्ट कर रहे हैं. बेहतर हाेगा कि गहलोत सरकार अपने मंत्रियाें काे काबू में रखे और काेर्ट काे हल्के में लेने की भूल न करे, वे खुद पर कंट्रोल करें ताे ठीक वरना काेर्ट क्या हाेता है ये काेर्ट ही समझा देगा.

दरअसल, प्रदेश में अचानक बढ़ी कोरोना संक्रमितों की संख्या के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इसके लिए प्रदेश में हाल ही में हुए चुनावों और चुनावों के लिए अदालतों को जिम्मेदार बताते हुए कहा था कि, ‘सरकार नहीं चाहती थी, लेकिन हाईकाेर्ट और सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से चुनाव हुए और काेराेना फैला. चुनाव से काेराेना फैलने की आशंका के चलते ही राज्य सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनाव रुकवाने के लिए गई थी, लेकिन तब काेर्ट ने राज्य सरकार की बाताें काे खारिज कर दिया था. उसका अंजाम ये है कि चुनाव के बाद काेराेना और तेजी से बढ़ा है, खासकर जयपुर में.’ यही नहीं खाचरियावास ने यहां तक कहा कि, ‘जज और मजिस्ट्रेट ताे वर्चुअल सुनवाई कर रहे हैं और जनता काे चुनाव और वाेटिंग में डाल दिया.’

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मंत्री खाचरियावास ने आगे कहा कि चुनाव के कारण भीड़ जुटने से जगह-जगह काेराेना बढ़ा है. हमारी सरकार के तर्कों काे खारिज करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज अब राज्यों से भयावह हालातों काे लेकर रिपोर्ट मांग रहे हैं. हम हाईकाेर्ट, सुप्रीम काेर्ट सहित सभी कोर्टों का सम्मान करते हैं. ऐसे में काेराेना के खिलाफ जारी हमारी लड़ाई में ये सवाल उठते हैं कि इन हालाताें में चुनाव कराना उचित था क्या?

खुद पर कंट्रोल करें ताे ठीक वरना काेर्ट क्या हाेता है ये काेर्ट ही समझा देगा

मंत्री खाचरियावास के उक्त बयान पर गहरी नाराजगी जताते हुए राजस्थान हाइकोर्ट के पूर्व जस्टिस शिवकुमार शर्मा ने कहा कि काेराेना फैलाने के लिए काेर्ट काे जिम्मेदार ठहराने का मतलब है कि परिवहन मंत्री काेर्ट काे बहुत हल्के में ले रहे हैं. काेर्ट के फैसलों पर सवाल खड़ा करने का मतलब है कि संविधान लाकर लोकतंत्र काे प्रभावित किया जा रहा है, ये बेहद गलत है. सीएम अशोक गहलोत काे अपने मंत्रियों काे काबू में रखने की जरूरत है. हाल ही में हम देख चुके है कि कैसे स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा काेराेना पॉजिटिव हाेते हुए अस्पताल का दाैरा कर रहे थे, उनके पीछे पुलिसकर्मी व अन्य लाेग भी थे. इसके बाद प्रताप सिंह की इस तरह की बातें सामने आने का स्पष्ट मतलब है कि ये ज्यूडिशियल सिस्टम काे चुनौती दे रहे हैं. बहरहाल समय रहते हुए ये खुद पर कंट्रोल करें ताे ठीक वरना काेर्ट क्या हाेता है ये काेर्ट ही समझा देगा.

काेर्ट के निर्णयाें से काेराेना फैलाने की बात करना जनता और काेर्ट दाेनाे का कंटेम्प्ट है

इसी तरह परिवहन मंत्री खाचरियावास के बयान पर नाराजगी जताते हुए राजस्थान हाइकोर्ट के पूर्व जस्टिस पानाचंद जैन ने कहा कि कोर्ट के फैसलों पर सवाल गलत, मंत्रियाें काे बयानबाजी से बचने की हिदायत देते हुए सरकार के मुखिया काे आगे आना चाहिए. आमजन के स्वास्थ्य के प्रति काेर्ट हमेशा जागरूक रहा है. चिकित्सा, पर्यावरण व आमजन के गारिमामय जीवन से जुड़े कई मामलों मे काेर्ट आगे बढ़कर सुनवाई की है. काेर्ट काे अपने फैसलाें में संविधान की रक्षा और लाेकतंत्र बचाने के मूल्याें पर भी ध्यान रखना हाेता है. ऐसे में काेर्ट के निर्णयाें से काेराेना फैलाने की बात करना जनता और काेर्ट दाेनाे का कंटेम्प्ट है.

पूर्व जस्टिस पानाचंद जैन ने आगे कहा कि एक कैबिनेट स्तर के व्यक्ति काे इस तरह की बातें शाेभा नहीं देती. ऐसे में सरकार के मुखिया काे इस ओर देखना चाहिए और अपने मंत्रियों काे इस तरह की बयानबाजी से बचने की हिदायत देनी चाहिए. काेर्ट के फैसलाें पर इस तरह से सवाल खड़े करना बिलकुल गलत है.

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