Politalks.news/Rajasthan. राजस्थान के सरकारी स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (चपरासी) के 18381 पद खाली पड़े हैं. राजस्थान की 15वीं विधानसभा के षष्ठम सत्र में फतेहपुर से कांग्रेस विधायक के सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 25859 पद मंजूर हैं. डोटासरा ने कहा की स्कूलों में खाली पड़े चपरासी के पदों पर जल्द भर्ती होगी, लेकिन उससे पहले नियमों में संशोधन किया जाएगा. साथ ही डोटासरा ने आगे कहा कि बीजेपी राज के समय भी चपरासी के खाली पदों पर भर्ती के लिए प्रयास हुआ लेकिन इसके वित्त विभाग ने मंजूरी नहीं दी.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के खाली पड़े पदों पर जल्द भर्ती की घोषणा की है. फतेहपुर कांग्रेस विधायक हाकम अली के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 25,859 पद मंजूर हैं और इनमें से 18,381 पद खाली भी पड़े हैं. ऐसे में खाली पदों पर भर्ती के लिए कई बार लिखा गया था, लेकिन इसके लिए वित्त विभाग की ओर से मंजूरी नहीं मिली थी. इस वजह से भर्ती नहीं हो सकी. बीजेपी राज में भी चपरासी के खाली पदों पर भर्ती के लिए प्रयास हुआ, लेकिन वित्त विभाग ने मंजूरी नहीं दी.
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सदन में डोटासरा ने आगे कहा कि 1999 के नियम के मुताबिक चपरासी के लिए शैक्षणिक योग्यता पांचवीं पास रखी गई है लेकिन अब इन नियमों में बदलाव की जरूरत है. क्योंकि प्रदेश पांचवीं पास युवा बहुत से हैं और इस आधार पर केवल साक्षात्कार से भर्ती पर सवाल उठेंगे. इसलिए नियमों में बदलाव जरूरी है. डोटासरा ने कहा कि सोमवार को ही वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोड़ा से स्कूलों में खाली पड़े चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर बात हुई है और वित्त विभाग ने मौजूदा नियमों में संशोधन करने को कहा है.
गोविंद सिंह डोटासरा ने आगे कहा कि जल्द ही शिक्षा विभाग नियमों में संशोधन करेगा और इसके लिए प्रस्ताव भेजा हुआ है. हमारी ओर से सभी खाली पदों पर जल्द भर्ती का प्रयास किया जाएगा. हम मुख्यमंत्री से आग्रह करके खाली पदों पर भर्ती करवाएंगे. 2018 के सर्कुलर के मुताबिक स्कूलों में रिटायर्ड चपरासी की सेवाएं ली जा सकती है, लेकिन इसमें बहुत कम लोग लगे हैं, अतः स्थायी भर्ती से ही काम होगा.