Thursday, January 16, 2025
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अयोध्या मामला-37वां दिन: अगले चार दिनों में खत्म होगी राम जन्मभूमि की सुनवाई

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राम जन्मभूमि (Ram JanamBhoomi) और बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के जमीन विवाद की सुनवाई अगले चार दिनों में खत्म हो जाएगी. 37वें दिन की सुनवाई में सर्वोच्य न्यायालय (Supreme Court) ने ये फैसला दिया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अब इस मामले पर सुनवाई 17 अक्टूबर तक ही होगी. इससे पहले सुनवाई समाप्त करने की नि​यत तिथि 18 अक्टूबर थी. शुक्रवार को 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने सुनवाई में एक दिन घटा दिया. दशहरा होने की वजह से 6 से लेकर 13 अक्टूबर तक कोर्ट में अवकाश रहेगा. मामले पर 14 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन बहस जारी रखेंगे. बाकी सब पक्षकार 15-16 को दलीलें देंगे और 17 अक्टूबर को सभी पक्षकारों की तरह से बहस पूरी होगी.

सीजेआई रंजन गोगाई (CJI Ranjan Gogoi) की अध्यक्षता में संविधान पीठ ने सभी पक्षों के वकीलों को 17 अक्टूबर तक इस मामले पर बहस पूरी करने के लिए कहा. बता दें कि अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में सबसे लंबी चली दूसरी सुनवाई है. अगले चार दिन मिलाकर अयोध्या मामले की सुनवाई कुल 41 दिन चलेगी. इससे पहले मौलिक अधिकारों को लेकर केशवानंद भारतीय बनाम केरल केस में 13 जजों की पीठ ने पांच महीने में 68 दिन सुनवाई की थी. 38 दिनों की सुनवाई के साथ 2017 में आधार की अनिवार्यता का केस है.

इससे पहले शुक्रवार को हुई 37वें दिन की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन (Rajiv Dhawan) ने बहस शुरू की. धवन से सवाल करते हुए जस्टिस चंद्रचूड ने कहा, ‘क्या इस बात का कोई सबूत है कि बाबर ने भी मस्जिद को कोई इमदाद दी हो?’ इस पर अधिवक्ता धवन ने कहा कि उस दौर में इसका कोई सबूत हमारे पास नहीं है. सबूत मंदिर के दावेदारों के पास भी नहीं है, सिवाय कहानियों के.

धवन ने कहा कि 1855 में एक निहंग वहां आया और उसने गुरू गोविंद सिंह की पूजा कर निशान लगा दिया. बाद में सारी चीजे हटाई गई. उसी दैरान बैरागियों ने रात में वहां एक चबूतरा बना दिया और पूजा करने लगे. धवन ने हिंदू पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि मस्जिद पर जबरन कब्जा किया गया. धवन ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 142 के तहत मिली अपरिहार्य शक्तियों के तहत दोनों ही पक्षों का निपटारा करे. वरिष्ठ अधिवक्ता ने ये भी आरोप लगाए कि लोगों को धर्म के नाम पर उकसाया गया और रथयात्रा निकाली गई. लंबित मामले में दबाव बनाने का आरोप भी धवन ने लगाया.

सुनवाई के अंत में चीफ जस्टिस गोगाई ने शनिवार को सुनवाई न करने के ​कहा. अब मामले की अगली सुनवाई 10 दिन के अंतराल के बाद 14 अक्टूबर को होगी. 14 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन और अगले दो दिन बाकी पक्षकार अपनी दलीलें रखेंगे. 17 अक्टूबर को सभी पक्षकारों की तरह से बहस पूरी होगी.

पुरानी सुनवाई के लिए यहां पढ़ें

बता दें, पूर्व की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने हिंदू पक्ष, ​मुस्लिम पक्ष और निर्मोही अखाड़ा पक्ष को अपनी दलीलें रखने के लिए 17 अक्टूबर तक का समय निश्चित किया है. इसके बाद फैसला सुनाने के लिए एक महीने का समय रिजर्व रखा है. सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर्ड हो रहे हैं. ऐसे में वे चाहते हैं कि 25 साल से अधिक पुराना ये महत्वपूर्ण मामला अपने अंतिम अंजाम तक पहुंचा सकें. संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस.ए.बोबडे, न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस.अब्दुल नजीर शामिल हैं.

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