राजस्थान: रेलवे ट्रैक खाली कर घरों को लौटे गुर्जर, लगे भगवान देवनारायण के जयकारे

12वें दिन समाप्त हुआ गुर्जर आंदोलन, सभी मांगों पर सरकार की तरफ से बन गई है सहमति, गुर्जर नेता विजय बैंसला ने सुबह पीलूपुरा पहुंच आंदोलन समाप्त करने और रेलवे ट्रैक छोड़ने का किया ऐलान

Gurjar Aandolan
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Politalks.News/GurjarAandolan. आखिरकार गुर्जर समाज ने आंदोलन के 12वें दिन पीलूपुरा रेल ट्रैक खाली कर दिया और अपने अपने घरों को रवाना हो गए. इससे पहले रेलवे ट्रैक और आसपास का इलाका ही देवनारायण भगवान के जयकारों के साथ गूंज उठा. गुर्जर समाज ने रेलवे ट्रैक पर ही जयकारा लगाया और आंदोलन समाप्त करने का ऐलान किया. पांच प्रतिशत आरक्षण, बैकलॉग व प्रक्रियाधीन भर्तियों में आरक्षण समेत 6 सूत्रीय मांग को गुर्जर समाज के नेता पीलूपुरा रेल ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे थे. आंदोलन समाप्त होते ही यातायात सुचारू करने के लिए रेलकार्मिकों ने काम शुरू कर दिया है. पीलूपुरा के अलावा अन्य स्थानों पर भी गुर्जरों ने रेलवे ट्रैक खाली करना शुरु कर दिया है.

बुधवार रात जयपुर में सरकार से वार्ता के बाद हुए समझौते के बाद गुर्जर नेता विजय बैंसला के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल सुबह करीब 7:00 बजे पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पर पहुंचा और ट्रैक पर जमे आंदोलनकारियों को समझौते के बिंदुओं के बारे में जानकारी दी. इसके बाद सभी गुर्जर समाज के नेताओं ने एक स्वर में आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की गई और ट्रैक खाली कर दिया.

लोगों ने खुशी में भगवान देवनारायण के जयकारे लगाते हुए मिठाई बांटकर खुशी जताई. गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा कि सरकार का रुख पूरी तरह सकारात्मक है और उम्मीद है कि समझौते की पालना शीघ्र होगी. इससे समाज के युवाओं को काफी लाभ मिलेगा. वार्ता में सबसे बड़ी बात आंदोलन के दौरान शहीद हुए समाज के लोगों की वीरांगनाओं का सम्मान मिलेगा.

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इससे पहले गुर्जर आरक्षण आंदोलन समिति के चीफ कर्नल किरोडीसिंह बैंसला और गुर्जर नेता विजय बैंसला के नेतृत्व में दर्जनभर नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ​मुलाकात करने पहुंचा. बिजली विभाग के गेस्ट हाउस में साढ़े तीन घंटे से ज्यादा चली मुलाकात में सभी मांगों को कथित तौर पर सरकार द्वारा मान लिया गया है. आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमें वापस लेने सहित लगभग सभी मांगों पर चर्चा के बाद बनी सहमति बन गई है. आरक्षण को लेकर राज्य सरकार सरकार को जल्दी ही पत्र लिखेगी.

आंदोलन के मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि और योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी के लिए सरकार द्वारा हुए निर्णय को लेकर नियुक्ति पत्र दिए गए है. गुर्जरों की दूसरी मांग में एमबीसी वर्ग के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन श्रंखला के समकक्ष लाभ देने के आदेश कार्मिक विभाग द्वारा जारी कर दिए गए हैं.

आंदोलन के दौरान अभी तक गुर्जर समाज के लोगों पर जो मुकदमें दर्ज हुए हैं और जो चल रहे हैं, उनके लिए त्रैमासिक बैठक की जाएगी और दुर्भावनावश कोई नई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. प्रक्रियाधीन भर्तियों के संबंध में उप समिति का गठन किया जाएगा जो मामले में कानूनी प्रक्रिया के तहत और अन्य राज्यों के नियमों के तहत सरकार को रिपोर्ट करेगी.

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गुर्जरों के ट्रैक खाली करने के साथ ही रेलवे ने ट्रक को सुधारने का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया. रेलवे के एडीईइन मलखान सिंह मीणा के नेतृत्व में पहुंची टीम ने बयाना-फतेहसिंह पुरा रेलखंड पर मरम्मत का काम शुरू कर दिया. आंदोलन खत्म होने से आमजन पुलिस प्रशासन के साथ-साथ रेल यात्रियों को भी राहत मिली है क्योंकि दिवाली के मौके पर दूसरे शहरों में रह रहे लोग अपने घरों को आना चाहते थे लेकिन गुर्जर आंदोलन के चलते ट्रेनें बंद होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. अब ट्रेन चालू होने से इन लोगों के चेहरे पर भी खुशी आ गई है क्योंकि त्योहार पर अब अपने परिवार के साथ मना पाएंगे.

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