Politalks.News/Rajasthan/GurjarMovement. बैकलॉग एवं प्रक्रियाधीन भर्तियों में आरक्षण का लाभ दिए जाने समेत 6 सूत्री मांगों को लेकर पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पर बैठे गुर्जर समाज के लोगों का धरना प्रदर्शन 10वें दिन भी जारी रहा. मंगलवार को रेलवे ट्रैक पर आंदोलनकारियों की संख्या में खास इजाफा नहीं दिखा. भरतपुर जिले में भी आमतौर पर शांतिपूर्ण माहौल रहा. लेकिन, गुड़ला, बारां, कोटपूतली, टोंक, पीपल्दा आदि कई जगहों पर गुर्जरों द्वारा जाम लगाए जाने की खबर है. इस बीच, बयाना, भुसावर, वैर, हलैना समेत भरतपुर जिले में 12वें दिन भी इंटरनेट बंद रहा. इससे स्टूडेंट्स, व्यापारी, कर्मचारियों समेत तमाम लोग काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मुकदमे दर्ज होने से खेल मंत्री चांदना से नाराज
खेल मंत्री अशोक चांदना से सोमवार को वार्ता विफल होने के बाद मंगलवार को भी सरकार और बैंसला गुट के गुर्जरों में गतिरोध बना रहा. वार्ता विफल होने के साथ ही बयाना में आंदोलनकारियों पर 223 लोगों पर मुकदमा दर्ज होने को लेकर बैंसला गुट के गुर्जर खेल मंत्री अशोक चांदना से खासे नाराज हैं. उन्होंने इसे चांदना की ओर से दीपावली का तोहफा करार दिया है. आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हरदेव पावटा ने कहा कि एफआईआर में कई युवाओं और बुजुर्गों को फंसाने के लिए 50-60 नाम गलत जोड़े गए हैं. इससे समाज में आक्रोश है.
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इधर मंत्री अशोक चांदना से समझौता वार्ता विफल होने के बाद गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला मंगलवार को दिनभर हिंडौन स्थित अपने आवास पर रहे, जहां उन्होंने आंदोलन में सक्रिय नेताओं से बातचीत कर आगे की रणनीति बनाई. माना जा रहा है कि एक-दो दिन में बैंसला गुट के प्रतिनिधिमंडल की मंत्रिमंडलीय उप समिति से वार्ता हो सकती है.
मांगें नहीं मानी तो दिल्ली समेत एनसीआर में लगाएंगे जाम
ग्रेटर नोएडा से गुर्जर समाज के 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर आंदोलन का समर्थन किया. यहां बैठे आंदोलनकारियों से नोएडा से आए जतन प्रधान ने कहा पूरे भारत का गुर्जर समाज एक है. अगर समय रहते राजस्थान सरकार ने गुर्जर समाज की मांगें नहीं मानी तो कर्नल बैंसला के एक आह्वान पर दिल्ली सहित पूरे एनसीआर को जाम कर देंगे. जिसके लिए राजस्थान सरकार ही जिम्मेदार होगी.
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आरक्षण आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही राज्य सरकार; विजय बैंसला
इस दौरान आंदोलन की अगुवाई कर रहे विजय बैंसला ने कहा कि सरकार इस आंदोलन को दबाने का षड्यंत्र कर रही है. पिछले 12 दिन से इंटरनेट बंद किया हुआ है, साथ ही मीडिया को भी आंदोलन की कवरेज करने से रोका जा रहा है. बैंसला ने कहा कि बयाना-हिंडौन सड़क मार्ग आंदोलनकारियों ने नहीं बल्कि सरकार ने बंद किया है. भरतपुर और करौली जिले का पुलिस प्रशासन लोगों को इस रास्ते से होकर नहीं गुजरने दे रहा है.