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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सोमवार को दिए माफीनामे से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ठ नहीं है. यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर मंगलवार को उन्हें अवमानना का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने राहुल को उनके ‘चौकीदार चोर है’ बयान पर यह नोटिस भेजा है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने राहुल गांधी ने पूछा है कि ‘चौकीदार कौन है?’ राहुल गांधी की टिप्पणियों के बारे में शीर्ष अदालत ने कहा था कि इसे ‘गलत तरीके से उनके हवाले से बताया गया है.’

शीर्ष अदालत ने आपराधिक अवमानना का मामला खत्म करने के राहुल गांधी का अनुरोध ठुकराते हुए कहा कि वह भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए दायर याचिका पर 30 अप्रैल को राफेल सौदे पर उसके 14 दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिका के साथ ही सुनवाई करेगी.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कांग्रेस अध्यक्ष से यह भी पूछा है कि क्या हमने अपने आदेश में चौकीदार का जिक्र किया? प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘अवमानना याचिका पर गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को सुनने के बाद हम प्रतिवादी (राहुल) गांधी को नोटिस जारी करना उचित समझते हैं.’ पीठ ने कहा किहम रजिस्ट्री को निर्देश देते हैं कि पुनर्विचार याचिका को अवमानना याचिका के साथ अगले मंगलवार को सूचीबद्ध करे.

इससे पहले राहुल गांधी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगते हुए कहा था कि जनसभा में राफेल सौदे का जिक्र करते समय माहौल को देखते हुए उनकी जुबां से यह निकल गया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि ‘चौकीदार चोर है’. उनके कहने का आशय यह था कि शीर्ष अदालत ने भी माना कि कुछ गड़बड़ है.

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