कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ‘चौकीदार चोर है’ बयान पर सफाई देते हुए सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है. सुप्रीम कोर्ट में माफीनामी दाखिल करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार की उत्तेजना में आकर मैंने बयान दिया लेकिन मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. राहुल गांधी ने अपने इस बयान पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी है. बता दें राहुल गांधी ने यह बयान राफेल डील को लेकर दिया था. इस बयान पर बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने कोर्ट में अवमानना का मामला दर्ज कराया था.
दरअसल, शीर्ष अदालत ने सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए राफेल मामले में रिव्यू पिटिशन पर नए दस्तावेज के आधार पर सुनवाई की फैसला किया था। इसके बाद राहुल गांधी ने 10 अप्रैल को अमेठी में मीडिया कर्मियों को ‘सुप्रीम कोर्ट को पता चल गया है कि चौकीदार चोर है’ बयान दिया. इसके बाद उन्होंने एक जनसभा में ‘चौकीदार चोर है’ नारे भी लगवाए थे. इस मामले पर बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना का मामला दर्ज कराया जिसपर सोमवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने राहुल गांधी को नोटिस पर जवाब देने के लिए कहा था.
इससे पहले राफेल डील पर सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने एक मत से दिए फैसले में कहा था कि जो नए दस्तावेज डोमेन में आए हैं, उन आधारों पर मामले में रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट अब रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई के लिए नई तारीख तय करेगा. राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना था कि इससे संबंधित डिफेंस के जो दस्तावेज लीक हुए हैं, उस आधार पर रिव्यू पिटिशन की सुनवाई की जाएगी या नहीं. कांग्रेस ने भी इस मामले में पीएम मोदी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है.
हालांकि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लीक दस्तावेजों के आधार पर रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई का विरोध किया था. सरकार की ओर से कहा गया था कि ये दस्तावेज प्रिविलेज्ड (विशेषाधिकार वाला गोपनीय) दस्तावेज है और इस कारण रिव्यू पिटिशन खारिज किया जाना चाहिए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस के. एम. जोसेफ ने कहा था कि आरटीआई ऐक्ट 2005 में आया है और ये एक क्रांतिकारी कदम था. ऐसे में हम पीछे नहीं जा सकते.