Politalks.News/Delhi. कोरोना संकट के बाद देश की अर्थव्यवस्था गर्त में समा चुकी है और करोड़ों लोग बेरोजगार हो चुके हैं. मार्केट में न पैसा है न नौकरी. इन हालातों को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार को आज के जमाने के अंदाज में घेरा. राहुल गांधी ने अपनी नई वीडियो सीरीज़ के माध्यम से देश की पाताल लोक में समाती अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाया और कहा कि बीजेपी सरकार ने असंगठित क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पर आक्रमण किया और आपको गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है.
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने वीडियो सीरीज़ की शुरुआत में विश्वव्यापी मंदी का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘2008 में पूरी दुनिया में आर्थिक तूफान आया. अमेरिका सहित यूरोप की कई बड़ी कंपनियां बंद हो गईं, करोड़ों बेरोजगार हो गए लेकिन भारत में इस मंदी का कोई असर नहीं हुआ. उस समय केंद्र में यूपीए (UPA) की सरकार थी और डॉ.मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री. मैंने प्रधानमंत्री से पूछा कि ऐसा कैसे संभव हुआ? तब मनमोहन सिंह जी ने मुझे बताया कि भारत में दो अर्थव्यवस्थाएं हैं- पहली संगठित और दूसरी असंगठित.’
वार्ता का सिलसिला जारी रखते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘संगठित अर्थव्यवस्था यानी बड़ी कंपनियां और दूसरी असंगठित में किसान-मजदूर, छोटे दुकानदार, मिडिल क्लास और वर्किंग पर्सन आदि. जिस दिन तक देश की असंगठित अर्थव्यवस्था मजबूत है, तब तक कोई भी आर्थिक तुफान हिंदूस्तान को छू तक नहीं सकता.’
जो आर्थिक त्रासदी देश झेल रहा है उस दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई की आज पुष्टि हो जाएगी: भारतीय अर्थव्यवस्था 40 वर्षों में पहली बार भारी मंदी में है।
‘असत्याग्रही’ इसका दोष ईश्वर को दे रहे हैं।
सच जानने के लिए मेरा वीडियो देखें। pic.twitter.com/sDNV6Fwqut
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 31, 2020
राहुल बोले कि पिछले 6 सालों में बीजेपी की मोदी सरकार ने देश की असंगठित अर्थव्यस्था पर आक्रमण किया है. नोटबंदी, गलत GST और लॉकडाउन तीन बड़े उदाहरण है. इस तीन कारणों से असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ मजदूर घोर गरीबी के संकट में फंस सकते हैं. पिछले 4 महीनों में दो करोड़ लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई है. वीडियो में राहुल गांधी ने नीति आयोग के हवाले से बताया कि जीडीपी में संगठित और असंगठित दोनों अर्थव्यवस्था का हिस्सा आधा आधा है लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण 2018-2019 की रिपोर्ट के अनुसार असंगठित क्षेत्र देश को 90 फीसदी रोजगार देता है और संगठित क्षेत्र केवल 10 फीसदी. राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन असंगठित क्षेत्र खत्म हो गया या कमजोर पड़ गया, देश रोजगार पैदा नहीं कर पाएगा.
राहुल गांधी दावा करते हुए देश की जनता से बोले कि ये मत सोचिए कि गलती से आखिरी में लॉकडाउन किया गया है. इनका लक्ष्य इनफॉर्मल सेक्टर को खत्म करने का है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी को अगर सरकार चलानी है, तो मीडिया की जरूरत है और मार्केटिंग की जरूरत है. लेकिन नीतियों के कारण रोजगार पैदा नहीं हो रहे हैं, जिस दिन इन्फॉर्मल सेक्टर खत्म हुआ तो रोजगार नहीं आ पाएंगे.
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राहुल गांधी ने आगे कहा कि केवल इस तीन कारणों से असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ मजदूर घोर गरीबी के संकट में फंस सकते हैं. परिणाम सामने हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था 40 वर्षों में पहली बार भारी मंदी में है, पिछले 45 सालों में बेरोजगारी अपने सर्वोच्य चरम पर है, जीडीपी अपने न्यूनतम स्तर पर आ चुकी है, साथ ही पिछले 4 महीनों में दो करोड़ लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई है.
वीडियो में राहुल गांधी ने नीति आयोग के हवाले से बताया कि जीडीपी में संगठित और असंगठित दोनों अर्थव्यवस्था का हिस्सा आधा आधा है लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण 2018-2019 की रिपोर्ट के अनुसार असंगठित क्षेत्र देश को 90 फीसदी रोजगार देता है और संगठित क्षेत्र केवल 10 फीसदी. जिस दिन असंगठित क्षेत्र खत्म हो गया या कमजोर पड़ गया, देश रोजगार पैदा नहीं कर पाएगा. इसके बावजूद केंद्र सरकार इसी सेक्टर से पैसा खींचने का प्रयास कर रही है.
वीडियो के अंत में राहुल गांधी ने असंगठित अर्थव्यवस्था होल्डर्स को संदेश देते हुए कहा कि आप ही देश को चलाते हो, आगे ले जाते हो लेकिन आपके खिलाफ साजिश हो रही है. आप लोगों को ठगा जा रहा है, गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है. राहुल गांधी ने कहा कि हमें इस आक्रमण को पहचानना पड़ेगा और पूरे देश को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना पड़ेगा.