पॉलिटॉक्स न्यूज/दिल्ली. ग्वालियर के महाराज और कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ बीजेपी जॉइन करने की सियासी घटना पर बोलते हुए राहुल गांधी ने सिंधिया के फैसले को गलत बताया है. राहुल ने सिंधिया को अपना पुराना दोस्त बताते हुए कहा कि अभी उनके दिल और जुबान पर अलग अलग बातें हैं. ये विचारधाराओं की लड़ाई है और उन्हें जल्द ही अहसास होगा कि ये उनसे क्या हो गया. राहुल गांधी ने सिंधिया को बीजेपी में सम्मान न मिलने की बात भी कही. राहुल गांधी ने देश की बिगड़ती माली हालत को लेकर मोदी सरकार पर करारा हमला भी बोला. साथ ही कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए उपायों को लेकर भी सवाल उठाए.
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ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘यह एक विचारधारा की लड़ाई है. मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया को भलीभांति जानता हूं. उनके साथ मेरी दोस्ती पुरानी है. हम दोनों एक साथ कॉलेज में पढ़े हैं. वो अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर डरे हुए थे. लिहाजा उन्होंने अपनी विचारधारा को जेब में रख दिया और आरएसएस के साथ चले गए. हालांकि उन्होंने जो किया है, उसका उनको जल्द ही एहसास होगा. वहां उनको सम्मान नहीं मिलेगा.’
सिंधिया पर तो राहुल गांधी जमकर बोले लेकिन मध्य प्रदेश की सियासत को लेकर किए गए सवालों को टाल गए. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मैं कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं हूं इसलिए इस बारे में बात नहीं कर सकता. मैं तो सिर्फ अर्थव्यवस्था के बारे में बोलने आया हूं. मीडिया के सामने मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. 2008 का उदाहरण सबके सामने है कि कैसे अर्थव्यवस्था बची थी. लोगों ने पैसे उस वक्त बचाकर रखे थे और इस्तेमाल किया. आज गरीबों के पास पैसा नहीं है. पीएम को बताना चाहिए कि इस समस्या का हल क्या है?’
राहुल गांधी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए उपायों को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा था कि कोरोना वायरस को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, लेकिन सरकार इसको गंभीरता से नहीं लिया’.
राहुल गांधी ने तेजी से गिरते शेयर मार्केट पर भी चिंता जताई. राहुल गांधी ने कहा कि सप्ताह के चौथे दिन गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. कारोबार के दौरान सेंसेक्स 3200 अंक तक लुढ़क गया तो निफ्टी में भी करीब 1000 अंक की गिरावट दर्ज की गई. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 8.18 फीसदी यानी 2919.26 अंक टूटकर 32,778.14 के स्तर पर बंद हुआ. अगर निफ्टी की बात करें तो 868.25 अंक यानी 8.30 फीसदी लुढ़क कर 9,590.15 अंक पर रहा. यह शेयर बाजार के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट है. एक दिन में शेयर बाजार ने इतनी बड़ी गिरावट कभी नहीं देखी गई.