विधानसभा में दिखे रोचक नजारे, एमपी की घटना पर दिग्गजों ने ली चुटकी, पीआर मीणा ने घेरा अपनी ही सरकार को तो खंबा लेकर पहुंचे विधायक

राजस्थान की स्थिति भी ज्यादा बेहतर नहीं- पीआर मीणा, राजेंद्र राठौड़ और महेश जोशी ने ली एक दूसरे की चुटकी, सिंधिया ने सीएए का समर्थन किया था तभी समझ जाना चाहिए था कांग्रेस को- पूनियां

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देश की राजनीति में इन दिनों मध्यप्रदेश के सियासी घटनाक्रम की चर्चा जोरों पर है. राजस्थान में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान गुरूवार को कुछ ऐसे ही नजारे देखने को मिले, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुछ दिग्गज विधायक एमपी के घटनाक्रम को लेकर एक दूसरे पर चुटकी लेते नजर आए तो कुछ सरकार पर आरोप लगाते नजर आए. टोडाभीम से कांग्रेस विधायक पीआर मीणा ने तो अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि राजस्थान की स्थिति भी ज्यादा बेहतर नहीं है. वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा की सिंधिया ने जब सीएए का समर्थन किया था तब ही कांग्रेस को समझ जाना चाहिए था. इसके साथ ही पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत बिजली का पोल लेकर विधानसभा पहुंचे और अपनी तरफ सभी का ध्यान आकर्षित किया.

मध्यप्रदेश के सियासी घटनाक्रम पर प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी नेता व मुख्य सचेतक महेश जोशी व उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड पर एक दूसरे की चुटकी लेते नजर आए. विधानसभा पहुंचने पर पश्चिम द्वार पर जब दोनों नेताओं की मुलाकात हुई तो राजेंद्र राठौड ने महेश जोशी से कहा, “आप बाड़ा छोड़ कर यहां कैसे आ गए, आप यहां हो तो मध्य प्रदेश के मेहमानों की मेहमान नवाजी कौन करेगा” इस पर महेश जोशी ने कहा “मध्य प्रदेश के मेहमानों की मेहमान नवाजी तो आपके राष्ट्रीय अध्यक्ष बखूबी से कर रहे हैं, आपका आत्म सम्मान इतना कमजोर हो गया है कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जिनको मिलने का समय नहीं दे रहे, आपके राष्ट्रीय अध्यक्ष उनको कह रहे हैं कि हुजूर विराजो”.

प्रदेश विधानसभा पहुंचने पर भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए मध्यप्रदेश के सियासी घटनाक्रम पर कहा कि कांग्रेस अप्रासंगिक हो गई है. कांग्रेस नेताओं के स्वाभिमान पर चोट लगी है, जिसकी वजह से वो घुटन में है. कांग्रेस की नीतिगत भूल रही कि नागरिकता संशोधन कानून का जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समर्थन किया था तब ही उन्हें समझ जाना चाहिए था.

वहीं पीसीसी चीफ सचिन पायलट के नजदीकी माने जाने वाले टोडाभीम से कांग्रेस विधायक पृथ्वीराज मीणा ने पत्रकारों से बातचीत में अपनी ही सरकार और मंत्रियों पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान के मंत्री राजा बन गए हैं और विधायकों की ही सुनवाई नहीं कर रहे हैं. दो-तीन विधायक तो अपने आप को ही मुख्यमंत्री से भी ऊपर समझने लगे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रियों पर लगाम लगानी चाहिए. वहीं सत्ता परिवर्तन के सवाल पर पीआर मीणा ने कहा कि ये बडे लोगों का काम है. मीणा ने आगे कहा कि ओलावृष्टि से उनके इलाके सहित प्रदेश में कई जगह फसलें 100 फीसदी खराब हो गई हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक किसी भी तरह के पैकेज की घोषणा नहीं की गई है.

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इसके साथ ही एक रोचक नजारा भी विधानसभा में देखने को मिला जब बीजेपी से पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत बिजली का पोल लेकर विधानसभा पहुंचे. बिजली के पोल को लाने पर रावत ने पत्रकारों को बताया कि ये सारे बिल उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र पुष्कर के किसानों ने दिए हैं. किसानों की शिकायत है कि बिजली के तारों में तो करंट नहीं आ रहा, लेकिन बिलों के माध्यम से उन्हें तगड़ा करंट दिया जा रहा है. राज्य सरकार घरेलू, कॉमर्शियल और कृषि तीनों श्रेणियों के बिलों में लगातार वृद्धि कर रही है, पर विधुत आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है. राजस्थान का किसान और गरीब आदमी ओलावृष्टि की मार से मर रहा है, लेकिन सरकार कभी फ्यूल चार्ज के नाम से तो कभी सरचार्ज के नाम पर लगातार बिजली के दामों में वृद्धि कर रही है.

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