BharatJodoYatra. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की पिछले साल देशभर में निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा काफी सफल रही थी. इसके नतीजे भी काफी सुखद और कांग्रेस को सुकून देने वाले निकले. एक ओर जहां कांग्रेस ने हिमाचल और कर्नाटक को फिर से जीत लिया, वहीं यात्रा के जरिए विपक्षी एकता की नींव भी रखी गई जो आज I.N.D.I.A. के रूप में फलीभूत हुई है. अब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा पार्ट लेकर आ रहे हैं. इस बार यात्रा राजस्थान के दक्षिणी जिलों सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, झालावाड़, बारां से होकर निकले और करीब 300 किलोमीटर का एरिया कवर करेगी. इस दौरान कांग्रेस का टार्गेट प्रदेश की 10 लोकसभा और 60 विधानसभा सीटों पर होगा. यात्रा का संभावित कार्यक्रम दो अक्टूबर गांधी जयंती से रखा जा रहा है.
राजस्थान में इन जिलों से होकर गुजरेगी यात्रा
चूंकि इस साल राजस्थान में चुनावी साल है, ऐसे में राहुल गांधी दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी वोटर्स को साधने का प्रयास करेंगे. उनका यह दौरा राजस्थान की 10 लोकसभा और 60 के करीब विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस करते हुए फाइनल किया जा रहा है. संभावित कार्यक्रम की बात करें तो भारत जोड़ो यात्रा 15 अगस्त या 2 अक्टूबर से शुरू हो सकती है. दो अक्टूबर को गांधी जयंती भी है. ऐसे में यात्रा गुजरात के पोरबंदर से शुरू की जाएगी. पूरी यात्रा का रूट करीब 3400 से 3600 किलोमीटर लंबा होगा. राजस्थान में यह कम से कम तीन से चार जिलों के करीब 300 किलोमीटर का एरिया कवर करेगी.
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पिछली बार भारत जोड़ो यात्रा झालावाड़ से प्रवेश कर अलवर के रास्ते हरियाणा में चली गई थी. इस बार राजस्थान के दक्षिणी जिलों को रूट मैप में शामिल किया जा रहा है. इनमें दक्षिण राजस्थान के सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, झालावाड़, बारां आदि को शामिल किए जाने की ज्यादा संभावना है. जानकारी के मुताबिक तीन संभावित रूट बनाए गए हैं जिनमें प्रदेश की ज्यादा से ज्यादा विस सीटें कवर की जा सकती हैं.
- पहला संभावित रूट
अहमदाबाद के बाद यात्रा उदयपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, झालावाड़ होते हुए मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगी और फिर छत्तीसगढ़ जाएगी. इन तीनों राज्यों में विधानसभा के चुनाव दिसंबर में संभावित हैं. छत्तीसगढ़ से यात्रा पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, बंगाल, असम होते हुए अरूणाचल प्रदेश तक जाएगी.
- दूसरा संभावित रूट
इस में यात्रा अहमदाबाद से गोधरा, दाहोद के रास्ते से राजस्थान में प्रवेश करेगी और बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ होते हुए मध्यप्रदेश में नीमच-मंदसौर के रास्ते होती हुई प्रवेश करेगी. फिर मध्यप्रदेश इन्दौर या भोपाल में से किसी एक शहर को छूकर छत्तीसगढ़ की तरफ बढ़ेगी. छत्तीसगढ़ से यात्रा पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, बंगाल, असम होते हुए अरूणाचल प्रदेश तक जाएगी.
- तीसरा संभावित रूट
पोरबंदर से सीधे माउंट आबू (सिरोही) जिले में प्रवेश कर उदयपुर, डूंगरपुर व बांसवाड़ा के इलाकों से होते हुए रतलाम (मध्यप्रदेश) में यात्रा प्रवेश कर सकती है.
राजस्थान में लोकसभा की तस्वीर बदलना चाहते हैं राहुल गांधी
राजस्थान में कांग्रेस 2014 और 2019 में लोकसभा की सभी 25 की 25 सीटें हार चुकी है. ऐसा राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हुआ था. राजस्थान में उदयपुर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, टोंक-सवाईमाधोपुर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़, कोटा-बूंदी, धौलपुर-करौली, जालोर-सिरोही जैसे 10 लोकसभा क्षेत्रों में आदिवासी पहले, दूसरे या तीसरे नंबर के सबसे बड़े मतदाता हैं. ऐसे ही करीब 60 विधानसभा सीटों पर भी आदिवासी प्रभावशाली हैं. ऐसे में राहुल गांधी इन सीटों को इस यात्रा के जरिए सीधे प्रभावित कर सकते हैं. अब राहुल गांधी चाहते हैं कि राजस्थान में 2024 की यह तस्वीर बदल जाए.
तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव, यहीं होगा मेन फोकस
इस साल के अक्टूबर-नवंबर महीने में राजस्थान समेत तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव हैं. देखा जाए तो पिछली बार इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकारें चुनी गई थी लेकिन मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने से वहां वर्तमान में बीजेपी सरकार है. कांग्रेस चाहती है कि इन तीनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार रिपीट हो. ऐसे में भारत जोड़ो यात्रा-2 में इन तीनों राज्यों पर मुख्य फोकस रखा जा रहा है. यात्रा के बीच में ही राहुल गांधी इन तीनों राज्यों की मुख्य चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. राहुल गांधी की पदयात्रा अहमदाबाद के बाद उदयपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, झालावाड़ होते हुए मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगी और फिर छत्तीसगढ़ जाएगी.
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राजस्थान में राहुल गांधी की यह यात्रा जिस भी रूट से शुरू होगी तो करीब 300 किलोमीटर का सफर तय करेगी. इन 275-325 किलोमीटर को पूरा होने में लगभग 15-18 दिन लगेंगे. पिछली बार राहुल गांधी 10 दिन प्रदेश में रहे थे और 6 जिलों को कवर किया था. इस बार 18 दिनों में अधिक से अधिक जिले कवर करने की कोशिश रहेगी.
पायलट को दी जाएगी यात्रा की जिम्मेदारी
पिछली बार की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को इस यात्रा की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. चूंकि यात्रा में आदिवासी जिले भी कवर होंगे, ऐसे में मंत्री महेन्द्रजीत सिंह सहित मौजूदा कैबिनेट के कई चेहरे भी यात्रा में शामिल रहेंगे. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को इस बार भारत जोड़ो यात्रा-2 में प्रमुख दायित्व दिया जा सकता है. चुनावी माहौल से थोड़ा सा पहले राहुल गांधी की राजस्थान में रायशुमारी गहलोत और पायलट के बीच की कड़वाहट को चुनावों तक ठंडा करने में भी मदद करेगी. इसके अलावा, उस समय पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित कई सीनियर लीडर्स राजस्थान की सियासत में कांग्रेस पर हमले कर रहे होंगे. ऐसे में राहुल गांधी की यात्रा से कांग्रेस भी राजस्थान में उन राजनीतिक हमलों का जवाब देगी, जिसका फायदा कांग्रेस को होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा पिछले लगभग 10 महीनों में जयपुर, भरतपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा, अजमेर, जोधपुर, बांसवाड़ा, सीकर, हनुमानगढ़, दौसा की यात्रा कर चुके हैं. वहीं राहुल गांधी का भी 9 अगस्त के आसपास राजस्थान आने का संभावित कार्यक्रम है. यात्रा से पहले भी राहुल गांधी एक बार जयपुर आ सकते हैं, ताकि राजधानी से पूरे राजस्थान में राजनीतिक संदेश दिया जा सके.