One Nation-one Election: वन नेशन-वन इलेक्शन पर चर्चा और सियासत पहले से कहीं तेज होती जा रही है. सत्ताधारी पक्ष द्वारा 18 सितंबर से बुलाए गए 5 दिवसीय विशेष संसदीय सदन में इस बिल को रखने जा रहा है. संख्या बल को देखते हुए यह बिल पारित हो जाएगा, इसमें कोई संशय नहीं है. विपक्ष इसका विरोध कर रहा है क्योंकि इसका सर्वाधिक फायदा केंद्र में सत्ताधारी सरकार को ही होता है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पहले ही इसका विरोध कर चुके हैं. अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी उनके साथ आ गए हैं. वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे भारतीय जनता पार्टी की नौटंकी बताया है.
जनता के पास है वन नेशन वन सॉल्यूशन – खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक देश-एक चुनाव पर बीजेपी को आड़े हाथ लिया है और निशाना साधा है. सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए खड़गे ने लिखा, ‘मोदी सरकार चाहती है कि लोकतांत्रिक भारत धीरे-धीरे तानाशाही में तब्दील हो जाए. ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर कमेटी बनाने की यह नौटंकी भारत के संघीय ढांचे को खत्म करने का हथकंडा है. 2024 में लोगों के पास ‘वन नेशन वन सॉल्यूशन’ है- भाजपा के कुशासन से छुटकारा पाना.’
Modi Govt wants Democratic India to slowly turn it into a Dictatorship.
This gimmick of forming a committee on 'One Nation, One Election' is a subterfuge for dismantling the Federal Structure of India.
There will be at least five Amendments required in the Constitution of…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 3, 2023
संघ-राज्यों पर हमला है वन नेशन-वन इलेक्शन – राहुल गांधी
‘एक देश-एक चुनाव’ के मुद्दे का राहुल गांधी ने भी विरोध किया है. कांग्रेस सांसद ने इस बारे में सोशल मीडिया पर लिखा, ‘इंडिया यानी भारत, यह राज्यों का संघ है. ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का आइडिया संघ और राज्यों पर हमला है.’
https://twitter.com/RahulGandhi/status/1698238416201343005?s=20
पहले अपना भ्रष्ट्राचार रोके बीजेपी – स्टालिन
वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ‘एक देश-एक चुनाव’ को बीजेपी की साजिश करार दिया है. स्टालिन ने कहा कि वे (केंद्र सरकार) कहते हैं कि इससे चुनावी खर्च में कमी आएगी, लेकिन इससे पहले वे अपना भ्रष्टाचार रोकें. स्टालिन ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राजनीति से दूर रखने की सलाह देते हुए कहा कि केंद्र ने पूर्व राष्ट्रपति को कमेटी का अध्यक्ष बनाया है. उन्हें इससे राजनीति को दूर रखना चाहिए. जो कमेटी बनाई गई है, वो बीजेपी की बात को ही फॉलो करेगी. यह तानाशाही है. वे इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) से डर गए हैं.
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गौरतलब है कि एक देश एक चुनाव के लिए एक समिति बनायी गई है जिसका अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है. एक कमेटी में 8 सदस्यों को जगह दी गई है जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व राज्यसभा सदस्य गुलाब नबी आजाद एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी को जगह मिली है. हालांकि अधीर रंजन ने इस कमेटी में काम करने से मना कर दिया है.