दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतेगी बीजेपी, प्रकाश जावडेकर ने किया दावा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पार्टी नागरिकता के मुद्दे पर ही दिल्ली चुनाव में उतरेगी तो आप पार्टी स्थानीय मुद्दों पर लड़ रही चुनाव, कांग्रेस पर लिए अच्छे प्रदर्शन का होगा दबाव

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों (Delhi Elections) को लेकर अब आर पार की लड़ाई शुरु हो गई है. ये चुनाव हाल में हुए महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा के चुनावों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि नागरिकता कानून पर हंगामे और हिंसा के बाद ये पहला चुनाव है. इसमें बीजेपी की साख पूरी तरह से दाव पर है, इस बात को नकारा नहीं जा सकता. बीजेपी ने इस चुनावी जंग को राष्ट्रवाद बनाम अराजकता का चुनाव बताया तो सत्तारूढ़ पार्टी चुनाव को राष्ट्रीय नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों की लड़ाई बता रही है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने का दावा किया है. वहीं उनके दावे पर दिल्ली के डिप्टी सीएम ने पलटवार किया है.

बीजेपी ने पहले ही साफ कर दिया है कि पार्टी नागरिकता के मुद्दे पर ही दिल्ली चुनाव (Delhi Elections) में उतरेगी. इसके लिए एजेंडा भी तय कर लिया है. इस संबंध में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि ये अराजक बनाम राष्ट्रवाद की लड़ाई है. ‘देश के लिए पूरी सोच और अराजकवादी मैं हूं’ ऐसा बताकर अनेक-अनेक काम करना ये आम आदमी पार्टी का एक रूप है. यही नहीं, केंद्रीय मंत्री ने नागरिकता कानून के विरोध में जो हिंसा हुई, उसके लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार बताया.

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वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए उन्हें ‘अच्छी और किफायती’ शिक्षा के खिलाफ होने का आरोप जड़ दिया. इतना ही नहीं, सिसोदिया ने सीबीएसई परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी को शहर के ‘छह लाख परिवारों पर बोझ’ बताते हुए स्पष्टीकरण मांगा. (Delhi Elections) अपने हालिया बयान और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सोच को देखते हुए तो साफ तौर पर नजर आता है कि दिल्ली की आप सरकार किसी भी तरह से चुनाव में अपनी छवि को स्थानीय ही रखने वाली है. उनकी ये छवि हर तरीके से विपक्ष पर भारी पड़ते दिख रही है.

खैर…जो भी हो, 22 साल दिल्ली की सत्ता से दूर बीजेपी के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव अपनी साख का प्रश्न बन गया है. वजह है महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी बीजेपी सत्ता में आने से दूर रह गई. झारखंड में चुनाव एकतरफा हुआ जिसमें बीजेपी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़कर भी वोट प्रतिशत में पीछे रही. यहां तत्कालीन सीएम तक अपनी सीट हार बैठे. वहीं हरियाणा में बमुश्किल पार्टी अपनी सत्ता कायम रखने में सफल हो पाई.

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देश की राजधानी और केंद्रीय नेताओं के गढ़ होने के कारण दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Elections) वैसे भी अपनी एक अलग पहचान रखता है. आम चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा. इस सफलता को बनाए रखना भी बीजेपी के लिए जरूरी है. वहीं कांग्रेस ने 15 साल लगातार सत्ता पर आसीन होने के बाद पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी के सामने सीएम की कुर्सी गंवाई. ऐसे में उनके सामने भी इस चुनाव में कुछ अच्छा करने का दबाव होगा.

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