कोरोना पर सियासत भारी, वैक्सीन-वेंटिलेटर पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच घमासान जारी

केन्द्र और राज्य सरकारें हुई आमने-सामने, महाराष्ट्र, झारखंड और छत्तीसगढ़ सरकारों का वैक्सीन के स्टॉक को लेकर केन्द्र सरकार पर हमला, केन्द्र सरकार ने लगाया गलत सूचना और भय फैलाने का आरोप, जावड़ेकर ने महाराष्ट्र सरकार पर लापरवाही का लगाया आरोप, कोविड टीकों की पांच लाख खुराकें बर्बाद कर दीं राहुल गांधी कर चुके सभी भारतीयों के लिए कोरोना वैक्सीन की पैरवी

कोरोना पर सियासत भारी, केन्द्र और राज्य सरकारें आमने-सामने
कोरोना पर सियासत भारी, केन्द्र और राज्य सरकारें आमने-सामने

Politalks.News/Corona: देश में बढ़ते कोरोना के मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है. जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच जबरदस्त आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों के निशाने पर केन्द्र सरकार है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी देश के सभी नागरिकों के लिए कोरोना के टीके की पैरवी कर चुके हैं. राहुल ने कहा कि इस टीके की जरूरत को लेकर बहस करना हास्यास्पद है. हर भारतीय सुरक्षित जीवन का मौका पाने का हकदार है. इसलिए हर भारतीय को वैक्सीन मुहैया कराई जाए.

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. रघु शर्मा ने कहा कि भारत सरकार ने हमें 1000 वेंटिलेटर भेजे हैं और हमने उन्हें लगाया, लेकिन ये वेंटिलेटर्स दो-ढाई घंटे में काम करना बंद कर देते हैं. जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रिव्यू मीटिंग की और वेंटिलेटर्स बंद होने का मामला सामने आया तो सीएम गहलोत ने कहा कि भारत सरकार को इन वेटिलेंटर्स के बारे में जानकारी दी जाए. रघु शर्मा ने कहा कि हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रहे हैं.

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इससे पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि राज्य में कोरोना वैक्सीन का स्टॉक सिर्फ 3 दिन के लिए ही बचा है. ऐसे में केंद्र सरकार को महाराष्ट्र को तत्काल कोरोना वैक्सीन की 40 लाख डोज़ मुहैया करवानी चाहिए. टोपे के इस बयान के बाद राज्य के कुछ इलाकों में कोरोना वैक्सीनेशन को बंद करना पड़ा था. इसकी वजह यह बताई गई कि इन जगहों पर वैक्सीन खत्म हो चुकी है. लिहाजा वैक्सीन आने तक टीकाकरण का अभियान बंद करना पड़ेगा. इधर, इससे उलट पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ पूरा सहयोग कर रही है। पवार का यह बयान अपने आप में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वहीं आंध्र प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी टीकों की कमी की शिकायत की गई है.

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इधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आरोपों का जवाब देते हुए. महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सरकार पर गलत सूचना और भय फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के नेताओं द्वारा टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं. जिनका उद्देश्य टीकाकरण पर गलत सूचना देना और भय फैलाना है. बेहतर होगा कि राज्य सरकार राजनीति पर ध्यान देने की बजाय अपनी आधारभूत स्वास्थ्य संरचना पर जोर दें. वहीं डॉ. हर्षवर्धन ने महाराष्ट्र को लेकर कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा ज़िम्मेदारी से कार्य न करना समझ से परे है, लोगों में दहशत फैलाना मूर्खता है. वैक्सीन आपूर्ति की निगरानी लगातार की जा रही है और राज्य सरकारों को इसके बारे में नियमित रूप से अवगत कराया जा रहा है.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कई अन्य राज्यों को भी अपने स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को चिन्हित करने की आवश्यकता है. कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात में परीक्षण की गुणवत्ता में सुधार करने की आवश्यकता है. पंजाब में गंभीर रूप से बीमार लोगों को जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती कर उनके स्वास्थ्य में सुधार करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने डीसीजीआई द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण दिए जाने के बावजूद कोवाक्सिन का उपयोग करने से इनकार कर दिया. राज्य सरकार अपने कार्यों से लोगों की जान संकट में ही नहीं डाल रही बल्कि दुनिया में गलत संदेश भी दे रही है.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 2-3 हफ्तों में असामयिक रूप से मौतों की संख्या अधिक है और ऐसे में राज्य सरकार की जांच केवल रेपिड एंटीजन टेस्ट पर टिकी है, जो कि सही कदम नहीं है. वहीं केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने महाराष्ट्र सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. जाव़ड़ेकर ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कोविड टीकों की पांच लाख खुराकें बर्बाद कर दीं.

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