Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में 26 दिन से जारी सियासी घमासान के बीच दोनों खेमों में सुलह की खबरें अब हवाबाजी साबित होती नजर आ रही है. जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे ने अपना-अपना दो टूक स्टैंड आलाकमान को बता दिया है, जिसके तहत मुख्यमंत्री गहलोत बागियों की कोई भी गैर-वाजिब बात मानने को कतई तैयार नहीं हैं, साथ ही बागियों को आलाकमान से माफी भी मांगनी होगी. वहीं जानकारों की मानें तो सचिन पायलट खेमा पायलट को मुख्यमंत्री पद से नीचे किसी भी शर्त पर राजी नहीं हैं. ऐसे में दोनो खेमों के बीच सुलह तो दूर और ज्यादा कलह बढ़ता नजर आ रहा है. वहीं थोड़े दिन की चुप्पी के बाद मंगलवार देर रात एक बार फिर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी तीन विधायकों ने कहा कि उनकी लड़ाई आत्म सम्मान के लिए है और वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ‘तानाशाहीपूर्ण’ कार्यशैली के खिलाफ लड़ेंगे.
गहलोत के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते- हेमाराम चौधरी
पायलट गुट के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा कि हम कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और हमारी लड़ाई पार्टी के खिलाफ नहीं है, लेकिन हम गहलोत के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते.
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चौधरी ने कहा, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद कहा है कि उनकी सचिन पायलट के साथ बातचीत नहीं होती थी, ऐसे में सभी लोग देख सकते हैं वह किस तरह की सरकार चला रहे हैं. तत्कालीन उपमुख्यमंत्री को राजद्रोह का नोटिस भेजा जाना हम बर्दाश्त नहीं कर सकते. डेढ़ साल से पायलट का अपमान हो रहा है, ये लड़ाई उसी का नतीजा है.’
पायलट के करीबियों को बनाया गया निशाना- वेदप्रकाश सोलंकी
पायलट का साथ देने बाकायदा कलेक्टर से पास बनवाकर मानेसर पहुंचे चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने की सचिन पायलट की तारीफ करते हुए कहा कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए पायलट ने पंचायत से लेकर जिला स्तर तक मेहनत की, लेकिन उन्हें ही सरकार में अलग-थलग करने का प्रयास होता रहा जिससे कांग्रेस कार्यकर्ता आहत हुए. वहीं नियुक्तियों और आधिकारिक कार्यक्रम व नोकरशाहों के तबादले-पोस्टिंग में पायलट के करीबियों को जानकर निशाना बनाया गया, हमारी लड़ाई इसी अपमान के खिलाफ है.
सचिन पायलट को बनाया जाए मुख्यमंत्री- इंद्रराज गुर्जर
वहीं सचिन पायलट के एक अन्य कट्टर समर्थक विधायक इंद्राज सिंह ने आरोप लगाया कि गहलोत ने किसानों की कर्जमाफी और युवाओं के लिए रोजगार जैसे मुद्दे उठाने नहीं दिया. कांग्रेस आलाकमान को गहलोत को हटाकर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए, ताकि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को बचाया जा सके.
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बता दें, इससे पहले मंगलवार सुबह कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जैसलमेर में कहा कि राजस्थान के बागी कांग्रेस विधायकों को वापसी के लिए बातचीत से पहले भाजपा से दोस्ती तोड़नी होगी और उसकी मेजबानी छोड़कर घर लौटना होगा. पायलट गुट के विधायकों की देर रात आई इन टिप्पणियों को पायलट गुट का सुरजेवाला पर पलटवार के रूप में देखा जा रहा है.